बाल अपराध में कमी लाने लगातार स्कूलों, महाविद्यालयों, तथा छात्रावासों में किया जा रहा कार्यशाला का आयोजन
बेमेतरा। विगत दिनों कलेक्टर रणबीर शर्मा के निर्देशन में चंद्रबेस सिंह सिसोदिया जिला कार्यक्रम अधिकारी एवं सीपी शर्मा महिला एवं बाल विकास अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग के मार्गदर्शन में तथा व्योम श्रीवास्तव जिला बाल संरक्षण अधिकारी के नेतृत्व में अंर्तविभागीय टीम द्वारा अलग-अलग टीम बनाकर नवागढ़ वि.ख. ग्राम कुंरा के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय एवं शासकीय माध्यमिक विद्यालय कुरा कक्षा 6वी से 12वीं तक के समस्त विद्यार्थियों को बाल संरक्षण, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, एक युद्ध नशे के विरुद्ध, मिशन शक्ति आदि विषयों पर विस्तार से जानकारी दिया गया जिसमें व्योम श्रीवास्तव, जिला बाल संरक्षण अधिकारी एवं पर्यवेक्षक रानू मिश्रा परियोजना नांदघाट सेक्टर कुरा के द्वारा बाल संरक्षण पर विस्तार पूर्वक जानकारी दिया गया जिसमे बाल संरक्षण विषय पर विस्तार से अलग अलग कक्षाओं में जानकारी देते हुए बताया गया की बाल संरक्षण का तात्पर्य बच्चों के शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य की सुरक्षा और उनके अधिकारों का संरक्षण करना है साथ ही बच्चों को इसके उद्देश्यों के बारे में जानकारी साझा किया गया, बच्चों को शोषण और दुर्व्यवहार से बचाना, बच्चों के अधिकारों की रक्षा करना, बच्चों के शिक्षा और स्वास्थ्य की सुरक्षा करना, बच्चों को सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण प्रदान करना। इसके अलावा बाल संरक्षण के महत्वपूर्ण पहलू पर प्रकाश डालते हुए, बाल शोषण, बाल मजदूरी, बाल विवाह, बाल तस्करी की रोकथाम, बच्चों के लिए सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण की स्थापना पर जानकारी देते हुए बाल संरक्षण के लिए कानूनी अधिनियमों पर संक्षेप में जानकारी दिया गया। तत्पश्चात राजेंद्र प्रसाद चंद्रवंशी, परियोजना समन्वयक (सीएचएल) जिला बाल संरक्षण इकाई, महिला एवं बाल विकास विभाग के द्वारा बच्चों पर होने वाली लैगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 पर छात्र एवं छात्राओं को विस्तार से जानकारी दिया गया तथा एक युद्ध नशे के विरुद्ध पर विस्तार से चर्चा करते हुए किशोर न्याय अधिनियम 2015 की धारा 77, 78 जो की बालकों को मादक लिकर या स्वापक औषधि या मनःप्रभावी पदार्थ देना या किसी बालक का किसी मादक लिकर, स्वापक औषधि या मनःप्रभावी पदार्थ के विक्रय, फुटकर क्रय-विक्रय, उसे साथ रखने, उसकी पूर्ति करने या तस्करी करने के लिए उपयोग किया जाना आदि के बारे में विस्तार से जानकारी दिये तथा मोबाइल के मोह से कैसे बचें, पर विस्तार से जानकारी देते हुए बताया गया कि वर्तमान में बच्चे मोबाईल के मोह से छुटकारा पाने के लिए मोबाईल पर गेम (खेल) ना खेलें बल्कि खेल वास्तविक मैदान में खेलें जिससे खेल में पारंगत होंगें और शारीरिक गतिविधियां भी होगा जिससे बच्चे, कम उम्र में होने वाली बीमारियों से बचा जा सकता है। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर जानकारी साझा किया गया।
श्रम उप-निरीक्षक श्रम विभाग बेमेतरा के द्वारा बाल श्रम प्रतिषेध एवं किशोर श्रम प्रतिषेध अधिनियम के बारे में विस्तार से जानकारी दिया गया। तथा पंकज घृतलहरे एवं टुवेन्द्र सिंग वर्मा, पैरालीगल वालेंटियर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बेमेतरा के द्वारा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सेवाओं पर विस्तार से जानकारी दिया गया। उक्त कार्यक्रम में दोनों विद्यालयों के प्रधान अध्यापक / प्राचार्य एवं व्याख्याता शिक्षक/शिक्षिकाओं तथा विद्यार्थीयों की उपस्थिति रही।