बच्चों के लिए लीगल सर्विस यूनिट व लीगल सर्विस यूनिट मनो-न्याय के संबंध में हुआ कार्यशाला
कोण्डागांव । राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के मार्गदर्शन में जिला एवं सत्र न्यायाधीश तथा अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोण्डागांव उत्तरा कुमार कश्यप प्रधान की उपस्थिति एवं अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट परिसर कोण्डागांव के सभाकक्ष में बच्चों के लिए लीगल सर्विस यूनिट व लीगल सर्विस यूनिट मनो-न्याय के लिए एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित किया गया। उक्त कार्यशाला का शुभारंभ सर्वप्रथम प्रधान न्यायाधीश उत्तरा कुमार कश्यप एवं उपस्थित न्यायाधीशगण के द्वारा मां सरस्वती के छाया चित्र पर दीप प्रज्वलित कर किया गया।
इस दौरान प्रधान न्यायाधीश उत्तरा कुमार कश्यप, प्रधान कुटुम्ब न्यायाधीश कोण्डागांव रमा शंकर प्रसाद एवं अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एफ.टी.एस.सी.) पॉक्सो कोण्डागांव कमलेश कुमार जुर्री के द्वारा बताया कि बच्चों के बाल अधिकार जो शारीरिक और मानसिक अपरिपक्वता के आधार पर बच्चों को विशेष देखभाल और सुरक्षा प्रदान करने की आवश्यकता को रेखांकित करता है। विशेष रूप से सामाजिक, आर्थिक रूप से वंचित लोगो और अन्य कमजोर समूहों को मुफ्त और सक्षम कानूनी सेवाएं प्रदान किया जा रहा है एवं किसी भी बच्चों को मुकदमा दायर करने या बचाव के लिए मुफ्त कानूनी सहायता का अधिकार होगा।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से बच्चों को निःशुल्क और सक्षम विधिक सेवाएं प्रदान किया जा रहा है। यह सभी के लिए न्याय तक पहुंच को बढ़ावा देने के लिए बच्चों के लिए मुफ्त कानूनी सहायता और पहूंचविहिन क्षेत्र के लोगों को कानूनी सेवाएं प्रदान करने एवं राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर द्वारा संचालित बच्चों को मैत्रिपूर्ण विधिक सेवाएं योजना 2024 के तहत् लीगल सर्विस यूनिट फॉर चिल्ड्रन दिव्यांगजन व मानसिक रूप से बीमार व्यक्तियों के लिए क्या-क्या लाभ होती हं,ै उनके संबंध में प्रचार-प्रसार करने हेतु कार्यशाला में आये हुए समस्त विभाग के प्रशिक्षणकर्ताओं को निर्देशित किया गया। साथ ही मास्टर ट्रेनिंग के लिए नरेन्द्र सोनी जिला बाल संरक्षण अधिकारी, एवं सौरभ तिवारी परीविक्षा अधिकारी, यादवेन्द्र सिंह यादव व्याख्याता, एवं ललिता लकरा उप संचालक समाज कल्याण विभाग से मानसिक रूप से असक्षम और दिव्यांगजनों के संबंध में एवं स्वास्थ्य विभाग से मधु बघेल क्लीनिकल सायकोलॉजिस्ट के द्वारा मनो-न्याय के संबंध में प्रशिक्षण दिया गया।
कार्यशाला में गायत्री साय सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोण्डागांव के द्वारा बताया कि बाल कल्याण में आवासित बालको, सम्प्रेषण गृह, स्पेशल हॉम्स, बाल न्यायालय, देख-रेख व सुरक्षा की आवश्यकता वाले बाककों, अपराधों से पीड़ित बालकों, बाल श्रम में रिस्क्यू किए गये बालकों, विधि से संघर्षरत बालकों, अपराध से पीड़ित बालकों, गुमशुदा बालकों को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोण्डागांव के द्वारा विधिक सहायता उपलब्ध कराये जाने की जानकारी दी गई।
इस कार्यशाला के अवसर पर बच्चों के लिए लीगल सर्विस यूनिट एवं लीगल सर्विस यूनिट मनो-न्याय कमेटी के अध्यक्ष उमा शंकर मिश्रा (सेवा निवृत्त न्यायाधीश कोण्डागांव, कमलेश कुमार जुर्री जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश (एफ.टी.एस.सी.) पॉक्सो कोण्डागांव, विक्रम प्रताप चन्द्रा जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश कोण्डागांव, यशोदा नाग जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश कोण्डागांव, मनिषा ठाकुर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोण्डागांव, शिव प्रकाश त्रिपाठी न्यायिक मजिट्रेट प्रथम श्रेणी कोण्डागांव एवं कु0 गायत्री साय सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोण्डागांव एवं अधिवक्तागण तथा कोण्डगांव जिले के स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, पुलिस विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, समाज कल्याण विभाग, किशोर न्याय बोर्ड के अधिकारी एवं कर्मचारीगण व पैनल अधिवक्तागण एवं अधिकार मित्र शामिल रहे।