विद्यार्थियों के मन में उत्पन्न निराशा व तनाव को दूर करने के लिए कार्यशाला आयोजित
शिक्षकों व पालकों को मार्गदर्शन एवं सकारात्मक दृष्टिकोण की दी गई समझाईश
राजनांदगांव ,। छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा परीक्षाओं के परिणाम आने के पहले अभिभावकों को मार्गदर्शन एवं सकारात्मक दृष्टिकोण की समझाईश देने के लिए वीडियों कॉफ्रेसिंग के माध्यम से कार्यशाला आयोजित की गई। इस दौरान कलेक्टर संजय अग्रवाल वीडियो कॉफ्रेसिंग के माध्यम से कार्यशाला से जुड़े रहे।
कार्यशाला में परीक्षा परिणाम से विद्यार्थियों के मन में उत्पन्न निराशा एवं तनाव को दूर करने हेतु उन्हें आगे बढने के लिए अभिप्रेरित करने की दक्षता का विकास, परीक्षा परिणाम से तनाव के कारण डिप्रेशन से उत्पन्न लक्षणों को पहचानने के संबंध में जानकारी दी गई। शिक्षकों एवं पालकों को मार्गदर्शन एवं सकारात्मक दृष्टिकोण की समझाईश दी गई। बोर्ड परीक्षाएँ समाप्त हो चुकी है और सभी परीक्षा परिणामों का इंतजार है। किसी भी परिणाम में कुछ विद्यार्थियों के परीक्षा परिणाम आशा अनुरूप होंगे। कुछ विद्यार्थियों के परीक्षा परिणाम अपेक्षा से कम होंगे। कुछ लोगों के निराशाजनक होगें तथा कुछ जो अपने परीक्षा परिणाम से संतुष्ट नहीं होंगे वे निराश होंगे जिससे तनाव महसूस करने की स्थितियां होती है। आवश्यक है कि हम इन स्थितियों के पहले ही विद्यार्थियों और पालकों में परीक्षा परिणाम को लेकर उचित मार्गदर्शन करें।
कलेक्टर संजय अग्रवाल ने कहा कि बच्चों के ऊपर अनावश्यक दबाव और अपेक्षाएं नहीं डालनी चाहिए। अभिभावक अपने विचारों को बच्चों के ऊपर डाल देते हैं। ये अभिभावकों का अतिरिक्त दबाव और अपेक्षाएं होती है वह सबसे ज्यादा खतरनाक होता है। उन्होंने कहा कि अभिभावकों का काम सपोर्ट करना है। पालकों को बच्चे की रूचि के अनुसार आगे बढ़ाने के लिए सपोर्ट करना है। पालक सपोर्ट करना छोड़कर अपेक्षाएं ज्यादा करते हैं, इससे समस्याएं बढ़ती हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों की रूचि बहुत महत्वपूर्ण होती है। पालक यदि बच्चों की रूचि समझते हैं और इसके हिसाब से बच्चों को सपोर्ट करते हैं तो समस्याओं का हल निकाल सकते हैं। बहुत से कारणों से परीक्षा परिणाम खबरा और अच्छा हो सकता है। परीक्षा परिणाम आपके जीवन से बढ़कर नहीं है।