सामान्य ज्ञान

और खामियाजा सरकार को न भुगतना पड़े...

तिरुपति बालाजी में प्रसाद के रूप में बांटे जाने वाले लड्डू बनाने में मिलावटी घी का खुलासा होने के बाद पूरे देश में बवाल मचा हुआ है। मंदिरों के प्रसाद को लेकर जांच की मांग की जा रही है। केंद्र सरकार से देश के कुछ प्रमुख मंदिरों में प्रसाद की पवित्रता को बनाए रखने के लिए एक व्यवस्था बनाने की मांग की जा रही है  ताकि जिन मंदिरों में लाखों लोग बड़ी श्रध्दा व आस्था से आते हैं वहां उनको पवित्र प्रसाद मिल सके।यह भी मांग की जा रही है कि जिन फैक्ट्रियों में असली घी बनाया जाता है उसकी भी कड़ाई से जांच होनी चाहिए ताकि असली घी में मुनाफे के लिए किसी अपवित्र मानी जाने वाली पदार्थ की मिलावट न की जा सके। 

इसी के साथ ही मंदिरों में भी ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए या मंदिर जिस शहर में है वहां ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए कि मंदिरों में उपयोग किए जाने वाले घी और अन्य सामग्री की बारीकी से जांच हो सके।देश के लोगों में इस बात को लेकर बहुत गुस्सा है कि कुछ लोगों ने थोड़े से पैसे बचाने या पैसे कमाने के लालच में मंदिर के लिए सस्ता घी खरीद कर मंदिर के प्रसाद की पवित्रता को ही खंडित कर दिया।इससे मंदिर भी अपवित्र हुआ और जिन लोगों ने उस मंदिर से उस दौरान प्रसाद लिया उन लोगों को लगेगा कि वह अपवित्र हो गए।

 
 

हिंदू समाज में प्रसाद को बहुत ही पवित्र माना जाता है। कोई प्रसाद को अपवित्र करे तो उसे बहुत ही बुरा माना जाता है। यही वजह है कि भगवान को प्रसाद के रूप में नारियल, फल आदि ऐसे पदार्थ अर्पित करने की परंपरा है जो प्राकृतिक रूप से शुध्द होते हैं जिनमेें  मिलावट की ही नहीं जा सकती। मंदिरों में भी प्रसाद की शुध्दता व पवित्रता का पूरा ख्याल रखा जाता रहा है। पहली बार ऐसा हुआ है कि राजनीति से जुड़े हुए लोगों के मंदिर प्रशासन में हस्तक्षेप से ऐसी स्थिति निर्मित हुई है।लोग मंदिरों में बांटे जाने वाले प्रसाद पर शक कर रहे हैं कि यहां जो प्रसाद बांटा जा रहा है,वह शुध्द है या नहीं। इसके लिए सरकार भी दोषी है क्योंकि जनता व मंदिरों तक शुध्द सामग्री पहुंचे यह तो सरकार की जिम्मेदारी है।

 
 

सरकार का काम है कि मिलावट का पता करे और मिलावट करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे ताकि जनता व मंदिरो में पूजा,हवन,ज्योत आदि में उपयोग की जाने वाली सामग्री में कोई मिलावट न कर सके।कोई भी सरकार हो उसकी मिलावट की जांच करने वाली व्यवस्था ही अच्छी नहीं मानी जाती है। एक तो वह नियमित जांच नहीं करते है, कह दिया जाता है कि स्टाफ कम है। जांच की रिपोर्ट भी जल्दी नहीं आती है।सजा भी कड़ी नहीं मिलती है, इसलिए मिलावट का काम चलता रहता है। हकीकत में किसी भी तरह की मिलावट को कोई गंभीर अपराध मानता ही नहीं है।न सरकार मिलावट को मिलावट को गंभीरता से लेती है न जनता ही गंभीरता से लेती है।

 
 

अब कुछ दिन बात नवरात्रि शुरू होने वाली है।अभी तक सरकार कोई ध्यान नहीं देती थी कि राज्य या देश के मंदिरों में जो आस्था के जोत जलाए या जलवाए जाते हैं, उसमें जो हजाराें किलों तेल या घी उपयोग किया जाता है, वह शुध्द या मिलावटी है।बाजार के लिए तो धार्मिक उत्सव, त्यौहार पैसा कमाने का समय होता हैं। उनसे तो उम्मीद नहीं की जा सकती कि वह पर्व व त्यौहार में मिलावटी तेल,घी या पूजा का सामान नहीं बेचेंगे।जनता तो मान कर चलती है कि सरकार की जांच के बाद ही सारी सामग्री बाजार में आती है, इसलिए वह तो शुध्द होगी ही।

 
 

भले ही बाजार में नकली घी असली घी के दाम पर लोग बेच रहे हों। लोग खरीद कर उपयोग कर रहे हों। माता के नाम से जो ज्योत लोग जलाते है या जलवातें हैं, उनको कभी ख्याल तक नहीं आता था कि यह नकली हो सकता है। लेकिन तिरुपति प्रसादम का मामला सामने आने के बाद देश में कुछ जागरूकता आई है।सरकार व शासन प्रशासन भी जागा है। हमारे छत्तीसगढ़ में पशुधन विकास विभाग और कृषि उत्पादन आयुक्त ने पहली बार जिला कलेक्टरों को पत्र लिखकर कहा है कि नवरात्रि महापर्व पर राज्य की प्रमुख शक्तिपीठों व मंदिरों मेें ज्योद प्रज्वलन व प्रसाद बनाने के लिए शुध्द देवभोग घी की आपूर्ति की जाएगी। 

दुग्ध महासंघ का दावा है कि देवभोग घी की जांच कई स्तरों पर की जाती है। अच्छा तो यह है कि दुग्ध महासंघ का दावा हमेशा सही निकले। क्योंकि सरकार को कोई भी विभाग भ्रष्टाचार से अछूता तो होता नहीं है, जहां भी पैसा कमाने का किसी को मौका मिलता है तो वह चूकता नहीं है। नवरात्रि के समय किसी शक्तिपीठ को सप्लाई किए गए घी की जांच में मिलावट जैसा कुछ निकल आया जैसा का बालाजी मंदिर में निकल आया तो छत्तीसगढ़ में भी बवाल तो होना ही है। कांग्रेस के लिए यह तो बहुत बड़ा मुद्दा होगा और सरकार को कुछ कहते नहीं बनेगा क्योंकि कांग्रेस तो इसके लिए सरकार को ही दोषी ठहराएगी।कांग्रेस वैसे ही बलौदाबाजार, कर्वधा मामले को लेकर आक्रामक है। मंदिर में नकली घी सप्लाई का मुद्दा उसके हाथ आया तो कांग्रेस भाजपा के हिंदुत्व को ही सवालों के कटघरे में खड़ा कर देगी।

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