छत्तीसगढ़ / बिलासपुर

गौ माता की सेवा कर पेश की मिसाल

 बिलासपुर,। सेवा की मिसाल पेश करने वाली संस्था शांता फाउंडेशन की सेवा में एक नया अध्याय जुड़ गया है। फाउंडेशन ने लगातार एक हजार दिनों से गो सेवा करने का काम  पूरा किया है। संस्था के सदस्य लगातार एक हजार दिनों से हर दिन शहर में स्वतंत्र रूप से विचरण करने वाले गाय को गुड़ व रोटी खिलाने का काम करती आ रही है। इस सेवा का एक हजार दिन पूरा होना फाउंडेशन के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। संस्था के फाउंडर नीरज गेमनानी का कहना है कि यह सेवा आगे भी निरंतर चलते रहेगी। शांता फाउंडेशन को मानव सेवा एवं गो सेवा के लिए जाना जाता है। यह मानव सेवा समय की मांग के अनुसार किया जा रहा है, जरूरतमंद लोगों को स्थिति के अनुरूप संस्था उन लोगों की सेवा करती है। जैसे बरसात में छतरी वितरण करना, ठंड के समय में गर्म कपड़ों का वितरण करना, गर्मी में ग्लूकोज वितरण, प्याऊ घर, फल वितरण आदि का कार्य निरंतर करते आ रहे है। नीरज गेमनानी बताते है कि गो माता को रोजाना गुड़ व रोटी खिलाने का सिलसिला इसलिए चालू किया गया कि शहर में रोजाना हजारों गे माता बेसहारा विचरण करती है, उन्हें खाने को कुछ खास नहीं मिलता है। वैसे कुछ लोग खाने को दे देते हैं, लेकिन इसके बाद भी बड़ी संख्या में गो माता इधर-उधर विचरण करते हुए खाने को थोड़ा बहुत जो मिल गया, उसी को खाकर रहती है। उनकी इस व्यथा को देखते हुए गो माता को रोटी व गुड़ खिलाने का सिलसिला शुरू किया गया। उनका कहना है कि शुरूआत में संस्था ने यह नहीं सोचा था कि इस सेवा को निरंतर जारी रखेंगे, लेकिन जैसे-जैसे रोजाना गो-माता को रोटी व गुड़ खिलाते गए वैसे ही मुझे और मेरी फाउंडेशन के सभी सदस्यों को आत्मीय सुख की प्राप्ति होगी लगी। इसी के बाद से हमारी कोशिश रही कि जब तक हमारे पास संसाधन है। इस सेवा कार्य को जारी रखेंगे और समय गुजरता गया और लगातार एक हजार दिन तक गो माता का सेवा करने का सौभाग्य हमें प्राप्त हुआ है। यह सेवा आगे भी निरंतर चलती रहेगी।

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