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'...रूठ गए दिन बहार के', एसके कौल की विदाई पर दिखा CJI डीवाई चंद्रचूड़ का शायराना अंदाज

  सुप्रीम कोर्ट के सीनियर जज जस्टिस संजय किशन कौल शुक्रवार (15 दिसंबर) को रिटायर्ड हो गए. इस मौके पर जस्टिस कौल के लिए एक फेयरवेल कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ एक अलग अंदाज में नजर आए. उन्होंने कार्यक्रम के दौरान शेर पढ़कर सभी को हैरान कर दिया.

सीजीआई ने जस्टिस कौल को संबोधित करते हुए उर्दू के मशहूर शायर फैज अहमद फैज का लिखा शेर पढ़ा. उन्होंने कहा, 'वीरां है मयकदा, खुम-ओ-सागर उदास है. तुम गए तो रूठ गए दिन बहार के.'

सेंट स्टीफन कॉलेज में हुई मुलाकात
इसके बाद उन्होंने अपनी बीचे दिनों को याद किया और कहा, "मैं पहली बार जस्टिस कौल से सेंट स्टीफन कॉलेज में मिला था. हम इमरजेंसी के बाद पहले बैच में थे. हमारे बीच कैंटीन में न जाने कितनी चर्चाएं हुई. थिएटर के प्रति हमारे लगाव ने हमें दोस्त बना दिया."

जस्टिस कौल ने लड़ा छात्रसंघ का चुनाव
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि उन्होंने (जस्टिस कौल) छात्रसंघ का चुनाव लड़ा और हमने उनका सपोर्ट किया. चूंकि मैं पढ़ने लिखने में अच्छा था, इसलिए मुझे उनका घोषणापत्र तैयार करने का काम मिला था. सेंट स्टीफंस से स्नातक होने के बाद दोनों की मुलाकात दिल्ली यूनिवर्सिटी के कैंपस लॉ सेंटर में हुई. वे यहां भी बैचमेट थे और यहीं से उन्होंने वकालत की पढ़ाई की.

 

नोट्स बनाते थे एसके कौल
सीजेआई ने बताया कि एलएलबी के दौरान संजय नोट्स बनाया करते थे. उनके नोट्स कैंपस में काफी मशहूर थे. हालांकि, उन्होंने कभी भी अपने नोट्स को प्रैक्टिस बुक में तैयार नहीं करते थे, क्योंकि वह जानते थे लोग उनके नोट्स वापस नहीं करेंगे. 

2017 में बने थे सुप्रीम कोर्ट के जज
जस्टिस कौल 2001 में दिल्ली हाई कोर्ट में अतिरिक्त न्यायाधीश बने. इसके बाद 2003 में उन्हें पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया. 2014 में उन्होंने मद्रास  हाई कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश का पदभार संभाला और 2017 में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश नियुक्त किए गए थे.  

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