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विशाल लक्ष्य के साथ निकल पड़े हैं, निर्माता, निर्देशक और स्वतंत्र यूटूब ( शंकर जयसवाल फिल्मस ) के संचालक शंकर जयसवाल

विशाल लक्ष्य के साथ निकल पड़े हैं, निर्माता, निर्देशक और स्वतंत्र यूटूब ( शंकर जयसवाल फिल्मस ) के संचालक शंकर जयसवाल
 
छोटा सा शहर और सपनो के सफर में एक विशाल लक्ष्य के साथ निकल पड़े हैं हम बात कर रहे हैं, निर्माता, निर्देशक और स्वतंत्र यूटूब ( शंकर जयसवाल फिल्मस )  के संचालक शंकर जयसवाल जी से। उनके ज़िंदगी के कुछ मूलभूत पड़ाव से आज मुखातिब करायेंगे , शंकर मूलत: छत्तीसगढ़ के जाँजगीर के निवासी है।  बचपन जाँजगीर में ही व्यतीत हुआ।  सरकारी स्कूल में समान्य विद्यार्थीयो की तरह उन्होंने भी शिक्षा प्राप्त किया। बचपन से ही कुछ हटके, अलग करने की शैली उनकी बचपन के किस्सो में है।
 हर साधारण परिवार की स्थिति के जैसा ही शंकर का भी जीवन संघर्ष से भरा हुआ है।  पर कहते हैं ना " लहरों से डरके नौका पार नहीं होती कोशिश करने वालो की कभी हार नहीं होती  " 
हर चुनौतियों से हर आभाव को नजरअंदाज करते हुए अपने सपनो के पीछे लगातार लगे हुए हैं।  पारिवारिक सहयोग की बात करे तो माता पिता जी का सहयोग हमेशा से रहा है मन तो है  
 स्कूल के दिनों से ही मेहनत इस कला के क्षेत्र में देखते ही बनता है,  एक छोटा सा स्कूल जो रंगमंच में हिस्सा लेने के विषय में सोच भी नहीं सकता किंतु शंकर के मेहनत और लगन से वह स्कूल जिला स्तरीय रंगमंच का हिस्सा बनता है और पूरे जिले में वह स्कूल प्रथम स्थान पर आता है।  तब से मन में हौसला और दोगुना हो गया और अब सपना जिद बन कर औरो से हटके कुछ  अलग करने की राह पर निकल पडता है।
 बाहुबली निर्देशक एस. एस. राजामौली को अपना आदर्श, गुरु मानने वाले शंकर पहली दभा कोई ऐसी फिल्म होगी जिसको सिनेमाघर में पचास से भी उपर बार देखा है  .राजामौली साहब द्रोणाचार्य तो वो एकलव्य के भाती तस्वीर घर पर लगाके इस निर्देशन के क्षेत्र में सतत साधना में लगे हुए हैं। 
अक्सर देखा गया है छत्तीसगढी गीतो में जिस प्रकार चलते फिरते अभिनय में गीत को निर्देशित कर दिया जाता है पर इसके पक्ष में शंकर कभी नहीं रहता है उनका मानना है जब तक अभिनय में जीवन की गहराई और वास्तविकता प्रगट ना हो तब तक अभिनय जीवंत नहीं हो सकती और कहानी चाहे फिल्म की हो या गीतो का एल्बम वो अधूरी लगेगी।
 और मेरा प्राथमिकता सर्वप्रथम कहानी होता है मुझे लोग क्या समझते हैं क्या कहते हैं फर्क नहीं पड़ता किंतु मै कहानी को मेरे गीतो में अधिक महत्ता देता हूँ कयोंकि मेरा सपना फिल्म निर्माण का है।। 

आगामी भविष्य में मेरा अनके प्रोजेक्ट आपको देखने को मिलेगा जिसमे सबसे महत्वपूर्ण " आज मैहा रोये बैरी काली तैहा रोबे ना "  एक एल्बम गीत है बहुत जल्द आने वाला है।  हम सबने इस एल्बम के लिए बहुत ज्यादा मेहनत किए हैं पूरी टीम संगीत लेखन पूरे एक वर्ष तक इसकी तैयारी रही है और मेरा दावा है मैं जिस चीज का निर्माण किया हूँ , करता हूँ और करते रहुँगा वैसा छत्तीसगढ़ के गीतो में और किसी भी यूटूब चैनल में आपको देखने को नहीं मिलेगा।  भविष्य में फिल्म निर्देशन की तैयारी चल रही है कहानी लिख रहा हूँ जो लगभग पूर्ण होने वाला है।  इस फिल्म को बड़े रुप में प्रदर्शित करने की तैयारी है और जैसै की मेरा पहला इच्छा है औरो से हटके अलग एक अपनापन देने का वो आप सभी को मेरे फिल्म हो या गीतो के एल्बम मे हमेशा देखने को मिलेगा। 

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