रोचक तथ्य

TFM (Total Fatty Matter) मान को देखकर ही चुनें, क्योंकि आप Toilet Soap से नहा रहे हैं


लखनऊ: दिल्ली सरकार ने अधोमानक साबुन और डिटर्जेंट की बिक्री पर रोक लगा दी है, ताकि यमुना नदी को प्रदूषण से बचाया जा सके। अब यूपी में भी पर्यावरणविदों ने उन साबुनों पर रोक लगाने की मांग की है, जिनमें पर्यावरण मानकों के अनुसार कमी पाई जाती है। ऐसे में लोगों के मन में सवाल उठता है कि अधोमानक साबुन क्या होते हैं? क्या हम नहाने के लिए Toilet Soap का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं? अगर हां तो फिर यह हानिकारक हो सकता है। इस तरह के साबुनों में रसायन की मात्रा अधिक होती है जो त्वचा और आंखों के लिए नुकसानदायक हो सकती है। आमतौर पर हम अपने साबुन का चयन विज्ञापन देखकर करते हैं, न कि उसका TFM (टोटल फैटी मैटरियल) प्रतिशत देखकर। नतीजतन हम नहाने के लिए बाजार से Toilet Soap या फिर Carbolic Soap खरीद लाते हैं। इनमें से ज्यादातर साबुन शौच करने के बाद हाथ धोने के इस्तेमाल किये जाते हैं। कई साबुनों में तो जानवरों की चर्बी भी मिली होती है, जिनसे हम अनभिज्ञ होते हैं।

साबुन के प्रकार और TFM वैल्यू

साबुन दो प्रकार के होते हैं: रासायनिक और आयुर्वेदिक/हर्बल। हर साबुन के पैकेट पर उसकी TFM वैल्यू लिखी होती है, जो साबुन की गुणवत्ता और वर्गीकरण का निर्धारण करती है। ज्यादा TFM प्रतिशत वाले साबुनों की गुणवत्ता बेहतर होती है। इसलिए हमें ऐसे साबुन का उपयोग करना चाहिए, जिनमें TFM की मात्रा 76% से अधिक होती है।

टॉयलेट सोप और कार्बोलिक सोप

टॉयलेट सोप को ग्रेड-2 के साबुन में शामिल किया जाता है। ये साबुन 65% से 75% तक TFMहोता है। आमतौर पर ये साबुन शौच करने के बाद हाथ धोने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। कार्बोलिक सोप को ग्रेड-3 के साबुन में शामिल किया जाता है और इसमें 50% से 60% तक TFM होता है। कार्बोलिक सोप फर्श या जानवरों के शरीर के कीटाणुओं को मारने में उपयोग होता है। इसे यूरोपीय देशों में एनिमल सोप या जानवरों के नहाने का साबुन भी कहा जाता है। त्वचा और आंखों के लिए इस तरह के साबुन नुकसानदायक हो सकते हैं।

रासायनिक साबुनों का नुकसान

साबुनों में झाग बनाने के लिए सोडियम लौरेल सल्फेट रासायन का उपयोग होता है। इससे त्वचा की कोशिकाएं शुष्क हो जाती हैं और इसके कारण त्वचा पर खुजली और दाद की समस्या हो सकती है। यदि नहाने के दौरान साबुन आंखों में चला जाए, तो रासायनिक साबुन के कारण आंखों में जलन हो सकती है। त्वचा रोग विशेषज्ञों का कहना है कि रासायनिक साबुन त्वचा के लिए लाभदायक नहीं हैं। अधिकांश साबुनों में रासायनिक तत्वों का उपयोग होता है।

साबुन में जानवरों की चर्बी

कई साबुनों में जानवरों की चर्बी भी मिली होती है। इसलिए, अगर आप शाकाहारी हैं, तो साबुन खरीदते समय उसके पैकेट को ध्यान से पढ़ें। यदि पैकेट पर टैलो (Tallow) लिखा हो, तो इसका मतलब है कि साबुन में जानवरों की चर्बी का उपयोग किया गया है।

साबुन चयन करते समय ध्यान दें

साबुन को चुनते समय, इसके पैकेट पर दी गई जानकारी को ध्यान से पढ़ें और समझें। आपकी त्वचा के लिए सर्वोत्तम विकल्प का चयन करें और अपने स्वास्थ्य की देखभाल के लिए उचित निर्णय लें।
 




#health #fitness #healthylifestyle #wellness #healthy #motivation #workout #gym #love #fit #lifestyle #nutrition #fitnessmotivation #training #exercise #weightloss #healthyfood #bodybuilding #fitfam #healthcare #healthyliving #instagood #selfcare #life #beauty #mentalhealth #gymlife #muscle #diet #personaltrainer

Leave Your Comment

Click to reload image