रोचक तथ्य

अंतर्राष्ट्रीय चांद दिवस: 54 साल पहले नील आर्मस्ट्रांग ने चांद पर रखा था पहला कदम, इसकी पूरी कहानी जानें


आज का दिन पूरे विश्व के लिए ऐतिहासिक दिन है. मानव सभ्यता ने इस दिन बड़ी उपलब्धि हासिल की थी. आज से ठीक 54 साल पहले अपोलो मून मिशन (Apollo Moon Mission) के लिए अंतरिक्ष यान ने 20 जुलाई 1969 को उड़ान भरी थी. इस यान में अंतरिक्ष यात्री नील आर्मस्ट्रांग (Neil Armstrong), बज एल्ड्रिन और माइकल कोलिंस सवार थे, जो केवल 11 मिनट में ही पृथ्वी से अंतरिक्ष की कक्षा में पहुंच गए थे. अपोलो मून मिशन के लाॅन्च होने के ठीक चार दिन बाद यानी 20 जुलाई को नील आर्मस्ट्रांग ने चांद पर कदम रखा था. इस तरह वे चंद्रमा पर जाने वाले पहले इंसान बन गए थे. इस दिन को ही International Moon Day मनाया जाता है. आइये जानते अपोलो मिशन के बारे में जानते हैं.

पहले इंसान नील आर्मस्ट्रांग ने चांद पर रखा कदम

हर वर्ष 20 जुलाई को चंद्रमा दिवस (Moon Day) मनाया जाता है. यह दिन उस दिन की याद दिलाता है जब मानव ने पहली बार वर्ष 1969 में चंद्रमा पर कदम रखा था. 20 जुलाई को, अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री नील आर्मस्ट्रांग और उनके साथी बज़ एल्ड्रिन ने चंद्रमा पर कदम रखा और लगभग 47.5 पाउंड चंद्र सामग्री एकत्र की, जिसे वे पृथ्वी पर अध्ययन के लिए वापस लाए. यह दिन न केवल ऐतिहासिक मिशन का जश्न मनाता है बल्कि वैज्ञानिकों को यह आशा भी देता है कि मनुष्य अब अंतरिक्ष में जा सकते हैं. नील आर्मस्ट्रांग के “मनुष्य के लिए एक छोटा कदम” भाषण ने कल्पनाओं को प्रेरित किया और नवाचार को जन्म दिया और आज यह अंतरिक्ष यात्रा पर काम करने वाले लोगों का आधार बन गया है.

 

 

चांद पर आर्मस्ट्रांग ने बिताया था इतना समय

नील आर्मस्ट्रांग और एल्ड्रिन ने चांद पर 21 घंटे से अधिक समय उस स्थान पर बिताया, जिसका नाम उन्होंने ट्रैंक्विलिटी बेस रखा था. इससे पहले कि वे कोलिन्स को कमांड मॉड्यूल कोलंबिया में फिर से शामिल करने के लिए रवाना हुए. अंतरिक्ष में आठ दिन से अधिक समय बिताने के बाद तिकड़ी 24 जुलाई को पृथ्वी पर लौटी और प्रशांत महासागर में उतरी. नासा द्वारा चंद्रमा पर मानव जाति के पहले कदम को अब तक की सबसे बड़ी तकनीकी उपलब्धि बताया गया था.

कब शुरू हुई थी चंद्रमा की खोज

चंद्रमा की खोज तब शुरू हुई जब सोवियत संघ द्वारा लॉन्च किए गए अंतरिक्ष यान लूना 2 ने 14 सितंबर, 1959 को चंद्रमा की सतह पर प्रभाव डाला. पिछले 64 वर्षों में संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे विभिन्न देशों से कई और अंतरिक्ष यान लॉन्च किए गए हैं. चंद्रमा और पृथ्वी से उसके संबंध को बेहतर ढंग से समझने के लिए, रूस, यूरोप, जापान, चीन, भारत और इज़राइल। हालाँकि, 20 जुलाई 1969 को यूनाइट्स स्टेट्स के अपोलो 11 मिशन द्वारा चंद्रमा पर पहली मानव लैंडिंग, इन प्रयासों के शिखर का प्रतिनिधित्व करती है.

ये है इस बार का थीम

इस बार अंतर्राष्ट्रीय चंद्रमा दिवस 2023 को ‘मानवता के लिए नई चंद्र यात्रा की शुरुआत’ थीम के आधार पर मनाया जाएगा. अंतर्राष्ट्रीय चंद्रमा दिवस एक वार्षिक कार्यक्रम होगा, जो यूएनओओएसए (UNOOSA) के सहयोग से दुनिया भर में आम जनता के लिए मनाया जाएगा. लोगों को स्थायी चंद्रमा अन्वेषण और चंद्रमा के उपयोग के बारे में सिखाने के लिए कई शैक्षिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजन भी किया जाएगा.

इस दिन से चंद्रमा दिवस मनाने की हुई शुरुआत

मून विलेज एसोसिएशन ने संयुक्त राज्य अमेरिका से अपोलो 11 मिशन के साथ 1969 में पहली मानव लैंडिंग की सालगिरह, 20 जुलाई को अंतर्राष्ट्रीय चंद्रमा दिवस की घोषणा के लिए यूएन-सीओपीयूओएस 64वें सत्र के दौरान एक आवेदन प्रस्तुत किया. इस उद्घोषणा को संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 9 दिसंबर 2021 को मंजूरी दे दी गई. जिसके बाद से 20 जुलाई, 2022 से अंतराष्ट्रीय चंद्रमा दिवस मनाने की शुरुआत हुई.

 

 

 

 

 

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