देश-विदेश

थैलेसीमिया बीमारी के प्रति मरीजों को जागरूक करने की जरूरत

 इंडेक्स मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल रिसर्च सेंटर में विश्व थैलेसीमिया दिवस पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित


इंदौर, इंडेक्स मेडिकल कॉलेज और इंदौर एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स ने विशेष साझेदारी के तहत थैलेसीमिया जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया। इस दौरान, थैलेसीमिया दिवस के मौके पर इंडेक्स हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर द्वारा विश्व विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस अवसर पर इंडेक्स मेडिकल कॉलेज मालवांचल यूनिवर्सिटी के छात्रों को भी थैलेसीमिया बीमारी के बारे में जानकारी दी गई।


डॉ. प्रीति मालपानी ने ब्रोन मैरो ट्रांसप्लांट के बारे में भी जानकारी देते हुए बताया, "थैलेसीमिया एक अनुवांशिक रोग है। इस रोग में लाल रक्त कण नहीं बन पाते और जो बन पाते हैं, वो कुछ समय तक ही रहते है। इस रोग से पीड़ित व्यक्ति को बार-बार खून चढ़ाना पड़ता है।"


डॉ. विनय वी वोहरा ने कहा, "यह एक ऐसा रक्त विकार है, जिसके कारण खून की कमी हो जाती है। रोगियों को हर दो से तीन सप्ताह में रक्त चढ़ाने की आवश्यकता होती है। थैलेसीमिया से पीड़ित रोगियों में आयु के साथ-साथ रक्त की आवश्यकता भी बढ़ती रहती है। रक्त चढ़ाने में काफी खर्चा आता है और समय भी लगता है।"


इस अवसर पर मेडिकल कॉलेज के छात्रों द्वारा पोस्टर प्रदर्शनी के जरिए थैलेसीमिया बीमारी के बारे में जानकारी दी गई। डॉ. शरद थोरा ने थैलेसीमिया बीमारी के बारे में जानकारी दी। इंदौर एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के सचिव डॉ. सौरभ पिपरसानिया ने बच्चों में थैलेसीमिया के गंभीर लक्षणों के बारे में जानकारी दी।

कार्यक्रम में मालवांचल यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. संजीव नारंग, वाइस डीन डॉ. पी न्याती, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. स्वाति प्रशांत, डॉ. वी. के. जैन और डॉ. सुधीर मौर्या उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. स्तुति गंगरानी ने किया।
 

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