"भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक कॉरिडोर की घोषणा: G20 सम्मेलन में ऐतिहासिक मोमेंट्स और वैश्विक साझेदारी की महत्वपूर्ण चर्चाएं"
नई दिल्ली: भारत की अध्यक्षता में नई दिल्ली में आयोजित G20 सम्मेलन कई मायनों में ऐतिहासिक बन गया है. पहला इसमें शामिल देशों की सौ प्रतिशत सहमति से घोषणा पत्र बना है. दूसरा वैश्विक बायोफ्यूल एलायंस का गठन हुआ, और तीसरा लेकिन सबसे बड़ी घोषणा भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक कॉरिडोर की घोषणा है, जिसके जरिए भारत से यूरोप तक रेल सुविधा का विस्तार होगा.
भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक कॉरिडोर की घोषणा करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आपसी व्यापार ही नहीं बल्कि आपसी विश्वास भी बढ़ाने का स्रोत है. इसके लिए मूलभूत सिद्धांतों का पालन किया जाना महत्वपूर्ण है. जैसे अंतरराष्ट्रीय नार्म्स, रूल्स और लॉ का पालन, सभी देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान और डेब्ड बर्डन की जगह फाइनेंसियल वाइबिलिटी को बढ़ावा और पर्यावरण के सभी मानकों का पालन करना है. आज जब हम कनेक्टिविटी का इस बड़ा इनेशिएटिव ले रहे हैं, तो हम आने वाली पीढ़ियों के सपनों के विस्तार के बीज बो रहे हैं.
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने कहा कि यह वास्तव में एक बड़ी बात है. मैं पीएम को धन्यवाद देना चाहता हूं. एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य यही इस G20 शिखर सम्मेलन का फोकस है, और कई मायनों में, यह भी है इस साझेदारी का फोकस जिसके बारे में हम आज बात कर रहे हैं. टिकाऊ, लचीले बुनियादी ढांचे का निर्माण, गुणवत्तापूर्ण बुनियादी ढांचे में निवेश करना और बेहतर भविष्य का निर्माण करना… पिछले साल, हम इस दृष्टिकोण के लिए प्रतिबद्ध होने के लिए एक साथ आए थे.
यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने कहा कि भारत-मध्य पूर्व-यूरोप’ आर्थिक गलियारा ऐतिहासिक है. यह अब तक का सबसे सीधा कनेक्शन होगा जो व्यापार को तेज़ करेगा. इटली के प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी ने कहा कि जब हमने एक साल पहले वैश्विक बुनियादी ढांचे और निवेश के लिए साझेदारी शुरू की थी, तो हमने निम्न और मध्यम आय वाले देशों में बेहतर भविष्य के लिए बेहतर बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए प्रतिबद्धता जताई थी. इन देशों के साथ नए अवसर और समृद्धि पैदा करने के लिए समानता से सहयोग करें. आज भारत और मध्य पूर्व और यूरोप के बीच नए आर्थिक गलियारे का शुभारंभ है और यह बिल्कुल इसी दिशा में आगे बढ़ता है और वैश्विक अंतर्संबंधों को मजबूत करने में एक मील का पत्थर है.