छत्तीसगढ़ / बिलासपुर

जिले में बाल विवाह रोकने चलाया जा रहा अभियान बाल विवाह करने वालों पर होगी कठोर कार्यवाही

 यूनिसेफ स्वयं सेवकों द्वारा बाल विवाह रोकथाम के लिए किया जा रहा जागरूक
बिलासपुर, जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग एवं यूनिसेफ के संयुक्त तत्वावधान में ‘बाल विवाह रोकथाम’ पखवाड़ा चलाया जा रहा है, जिसमें युवोदय स्वयं सेवकों द्वारा विशेष जागरूकता अभियान के जरिए बाल विवाह के दुष्परिणामों की जानकारी दी जा रही  है। आगामी अक्षय तृतीया के मद्देनजर जिला प्रशासन द्वारा बाल विवाह रोकथाम की अपील की गई है और बाल विवाह करने वालों पर कठोर कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं।
अभियान के तहत युवोदय स्वयंसेवकों द्वारा सार्वजनिक स्थानों पर एवं बाल विवाह किए जाने वाले चिन्हित क्षेत्रों में जागरूकता अभियान के माध्यम से संदेश दिया जा रहा है। स्वयं सेवकों द्वारा माइकिंग , दीवार लेखन एवं पोस्टर बाँट कर लोगों को बाल विवाह के दुष्परिणमों के बारे में बताया जा रहा है ,स्वयंसेवकों द्वारा बाल विवाह के रोकथाम हेतु शपथ ग्रहण भी कराया जा रहा है ।
इस अभियान के अंतर्गत, बाल विवाह को रोकने के लिए जिले के विभिन्न क्षेत्रों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। शुभ मुहूर्त के कारण  अक्षय तृतीया पर  विवाह काफी संभावना होती है। जिले को बाल विवाह मुक्त बनाने के प्रयासों का समर्थन की कड़ी में पखवाड़े के तहत  रैली, दीवारों पर नारा लेखन, हाट बाजारों तथा भीड़-भाड़ वाले स्थानों में बाल विवाह के दुष्परिणामों के विषय में युवोदय मनोबल स्वयंसेवकों द्वारा लोगों को जागरूक किया जाएगा।
पखवाड़ा के पहले दिन जिले में नारा लेखन के माध्यम से तथा सामुदायिक बैठक के जरिए बाल विवाह के दुष्परिणाम, शादी के लिए सही उम्र, बच्चों को चाइल्ड हेल्प लाइन नंबर 1098 की जानकारी तथा किशोर बालक बालिकाओ को बाल संरक्षण तंत्र से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है, ताकि जिले मे बाल विवाह को पूर्णतः समाप्त किया जा सके। बाल विवाह सम्बन्धी कोई भी सूचना प्राप्त होने पर तत्काल महिला एवं बाल विकास विभाग को सूचना चाइल्ड लाइन हेल्प लाइन 1098 पर कॉल कर या निकटतम आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, स्कूल के शिक्षक, सरपंच को दी सकती है।

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