छत्तीसगढ़ / कोंडागांव

नतीजों से पहले बीजेपी और कांग्रेस में मचा बवाल, कोंडागांव में लता उसेंडी का धरना, जानें मामला

 छत्तीसगढ़ में नतीजों से पहले बीजेपी और कांग्रेस में जमकर बवाल मचा हुआ है. बीजेपी ने मतपत्र पेटियों और ईवीएम में गड़बड़ी करने की आशंका जताते हुए जमकर हंगामा मचाया. दो दिन पहले ही बस्तर  जिले में बीजेपी के प्रतिनिधिमंडल ने जिला निर्वाचन अधिकारी से मुलाकात कर ट्रेजरी विभाग में रखी मतपत्र  पेटियों में गड़बड़ी की आशंका जताते हुए उसकी सुरक्षा बढ़ाने की मांग की.
वहीं गुरुवार सुबह कोंडागांव सीट से बीजेपी प्रत्याशी लता उसेंडी ने अपने समर्थकों के साथ मिलकर स्ट्रांग रूम के सामने जमकर हंगामा किया और धरने पर बैठ गईं. बीजेपी प्रत्याशी का आरोप है कि, स्ट्रांग रूम में ऐसे कांग्रेस कार्यकर्ताओं को एंट्री दी गई, जिनका नाम लिस्ट में नहीं था. वहीं बीजेपी के जिला अध्यक्ष समेत पार्टी के वरिष्ठ पार्टी नेताओं को स्ट्रांग रूम में जाने से रोक दिया गया. प्रत्याशी लता उसेंडी ने आरोप लगाया है कि जानबूझकर ऐसा किया गया.

BJP प्रत्याशी और प्रतिनिधि मंडल ने खोला मोर्चा
अनाधिकृत रूप से घुसे कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर कार्रवाई की मांग को लेकर बीजेपी प्रत्याशी और प्रतिनिधि मंडल ने मोर्चा खोल दिया. हालांकि प्रशासन के आश्वासन के बाद बीजेपी ने अपना धरना खत्म कर दिया. दरअसल, कोंडागांव के जिला  निर्वाचन अधिकारी ने गुरुवार को बीजेपी-कांग्रेस पार्टी से कुछ कार्यकर्ताओं की स्ट्रांग रूम के निरीक्षण के लिए लिस्ट जारी की थी,  जिन्हें स्ट्रांग रूम में निरीक्षण के लिए एंट्री दी जानी थी.  सबसे पहले जिला प्रशासन की टीम के साथ कांग्रेस की टीम ने निरीक्षण के लिए स्ट्रांग रूम में एंट्री की.

BJP प्रत्याशी लता उसेंडी ने लगाया ये आरोप
दूसरी ओर बीजेपी का ये आरोप है कि कांग्रेस के दल में ऐसे भी कुछ कार्यकर्ता स्ट्रांग रूम के अंदर गए, जिनका नाम लिस्ट में नहीं था. अनाधिकृत होने के बावजूद भी वो स्ट्रांग रूम में घूसे. ऐसे में बीजेपी ने आशंका जताई है कि उनके द्वारा मतपेटी बदली गई होगा या उसकी लूट की गई होगी. लता उसेंडी ने आरोप लगाया है कि बीजेपी के स्ट्रांग रूम में एंट्री के वक्त जिला अध्यक्ष से लेकर कई वरिष्ठ नेताओं को प्रशासन की टीम ने रोक दिया, जो सरासर गलत है. 

लता उसेंडी और सभी बीजेपी कार्यकर्ताओं ने दिया धरना
प्रशासन की इस कृत्य के लिए मौके पर पहुंची बीजेपी प्रत्याशी लता उसेंडी और सभी कार्यकर्ता स्ट्रांग रूम के बाहर धरने पर बैठ गए. इस दौरान प्रशासन की टीम ने उन्हें काफी मनाने की कोशिश की, लेकिन वे नहीं माने. काफी देर तक वो धरने पर बैठे रहे. इसके बाद पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों से कार्रवाई का आश्वासन मिलने के बाद उन्होंने अपना धरना प्रदर्शन खत्म किया. लता उसेंडी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस की तरफ से नरेंद्र देवांगन, जितेश गांधी, और फकीरा का नाम लिस्ट में नहीं था, बावजूद  इसके उन्हें स्ट्रांग रूम में एंट्री दी गई.

दीपक बैज ने बीजेपी पर किया पलटवार
इधर प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि बीजेपी प्रत्याशी के द्वारा लगाया गया आरोप सरासर गलत है. इसमें प्रशासन का किसी तरह से कोई हस्तक्षेप नहीं है. केवल लिस्ट में जिनके नाम थे, उन्हीं को निरीक्षण के लिए एंट्री दी गई और बकायदा उनके साथ प्रशासन की टीम मौजूद रही. मतपेटी बदलने और या किसी तरह की छेड़खानी के लगाए गए बीजेपी के आरोप बेबुनियाद  हैं. इधर बीजेपी के आरोपों पर पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज ने पलटवार किया है. 

दीपक बैज का कहना है कि बीजेपी की बौखलाहट से साफ जाहिर होता है कि, वो सभी सीटों में चुनाव हार रही है. इसलिए ही अपनी खीज निकालने के लिए इस तरह के आरोप प्रशासन के अधिकारियों और कांग्रेस पर लगा रही है. चुनाव आयोग ने छत्तीसगढ़ में निष्पक्ष तरीके से चुनाव संपन्न कराया है.  बकायदा सभी जगह सुरक्षा के खास इंतजाम किए गए. इसके अलावा  सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए. ऐसे में बीजेपी के द्वारा इस तरह के आरोप लगाना उन्हें मिलने वाली  हार की बौखलाहट को दर्शाता है.

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