छत्तीसगढ़ / कबीरधाम

वन्य प्राणियों के अवैध व्यापारियों पर वन विभाग का शिकंजा

 
16 नग तोते के बच्चे जप्त

कबीरधाम । वन्य प्राणी तोता का घरों में पिंजरो में बंद कर पाला जाना एक आम बात है किंतु सर्व सामान्य को यह ज्ञात होना चाहिए की तोता एक वन्य प्राणी है जिसे वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 के अंतर्गत संरक्षण प्रदान किया गया है। वन्य प्राणी तोते को वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 की अनुसूची 2 में स्थान दिया गया है। तोता का शिकार करना व्यापार करना या पालना कानूनन अपराध है।

वन मंडल अधिकारी शशि कुमार ने बताया कि वन्य प्राणियों के अवैध व्यापार को अंकुश लगाने वन विभाग सतत सजग रहता है, इसी क्रम में वन विभाग ने अपना गुप्तचर तंत्र भी सक्रिय कर रखा है। दिनांक 16 अप्रैल 2024 को गुप्तचर से तोते के बच्चे का अवैध व्यापार के उद्देश्य से परिवहन होने की सूचना वन विभाग को प्राप्त हुई। वन विभाग की टीम द्वारा कवर्धा की ओर आते एक बाइक को बांधा बैरियर में रोक कर जांच पड़ताल की गई। जांच के दौरान पाया गया कि बोरे में 16 नग तोते के बच्चे को रखकर बेचने के उद्देश्य से कवर्धा ले जाया जा रहा है। वाहन एवं वन्य प्राणी तोते को तत्काल जप्त कर राजेंद्र वर्ल्ड सिद्ध राम निवासी गंगानगर कवर्धा जिला कबीरधाम एवं एक अन्य के विरुद्ध वन अपराध प्रकरण क्रमांक 17164/ 20 दिनांक 16.4.2024 दर्ज किया गया। प्रकरण दर्ज कर जांच की कार्यवाही की गई एवं प्रकरण में अभियुक्तों के रिमांड हेतु दिनांक 22.4.2024 को प्रकरण माननीय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट जिला कबीरधाम के समक्ष प्रस्तुत किया गया। प्रकरण में अन्वेषण जारी है अन्वेषण पूर्ण होने उपरांत अंतिम परिवाद न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।

 

 

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