छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों को बड़ी कामयाबी, दंतेवाड़ा-बीजापुर सीमा से 10 नक्सली गिरफ्तार
छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता मिली है. नक्सल विरोधी अभियान पर निकली संयुक्त टीम ने 10 नक्सलियों को एक साथ गिरफ्तार किया है. डीआरजी, बस्तर फाइटर्स और सीआरपीएफ 230वीं बटालियन के जवानों की टीम ने हुर्रेपाल और बेचापाल में घेराबंदी की. जवानों से घिरता देख नक्सली भागने की कोशिश करने लगे. जवानों ने फुर्ती दिखाते हुए सभी नक्सलियों को धर दबोचा. गिरफ्तार नक्सली बीजापुर और दंतेवाड़ा जिले की अलग-अलग घटनाओं में शामिल रहे हैं. 26 नवंबर को दंतेवाड़ा जिले के भांसी इलाके में 14 वाहन जला दिए गए थे. आगजनी की घटना में शामिल होने का आरोप जनमिलिशिया के डिप्टी कमांडर समेत जनमिलिशिया सदस्य पर है. अधिकारियों ने बताया कि पुलिस की गिरफ्त में आए नक्सलियों में ईनामी भी हैं. सभी को रिमांड में लेकर जेल भेजने की तैयारी की जा रही है.
नक्सल विरोधी अभियान में बड़ी सफलता
दंतेवाड़ा एसपी गौरव राय ने बताया कि नक्सल विरोधी अभियान के तहत सीआरपीएफ, डीआरजी और बस्तर फाइटर्स के जवान इलाके में सर्च ऑपरेशन लगातार चला रहे हैं. पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि दंतेवाड़ा और बीजापुर बॉर्डर पर एलओएस कमांडर सोनू ओयाम के साथ लगभग 20-25 नक्सली मौजूद हैं. सूचना पाकर बकायदा जवानों की टीम मौके पर पहुंची. इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाया गया. पुलिस को देखकर कुछ नक्सली भागने और छिपने लगे. घेराबंदी कर करीब 10 नक्सलियों को पकड़ लिया गया.
10 नक्सलियों को एक साथ किया अरेस्ट
पूछताछ में नक्सलियों ने मोती ओयाम, कारू कड़ती, छोटू हेमला, राजेश कड़ती, सोमारू ओयाम, सुनील माड़वी, माड़का लेकाम, आयतु उर्फ सुपा, कोया हेमला और बचलू मड़काम नाम बताया, एसपी के मुताबिक कुछ नक्सलियों पर 1-1 लाख रुपए का ईनाम भी घोषित है. 26 नवंबर को आगजनी की घटना में शामिल होने की बात उन्होंने स्वीकार की है. बीजापुर इलाके में आईईडी ब्लास्ट से जवानों और पुलिस वाहनों को निशाना बनाने के भी नक्सली आरोपी हैं. भांसी थाना में आपराधिक मामले दर्ज हैं. गिरफ्तार नक्सलियों में जनमिलिशिया सदस्य और जनमिलिशिया डिप्टी कमांडर भी हैं.