संस्कृति

भोले नाथ की भजन

भजन
 
नीलकंठ कैलाश पति
तुम हो भोले भंडारी
 
देख तुम्हारी अचरज माया
जग मोहित हो जाये
शिव के तुम अवतारी
पार्वती मां के स्वामी
नीलकंठ ---------
 
पुष्प तुम्हें चढ़ाये
बेलपत्र तुम्हें  है,प्यारी
क्षीर से स्नान करें
मेरे भोले भंडारी ।
नीलकंठ ----------
 
व्रत तुम्हारी नाम के रखे
जगत के पालनहारी
पूजा करे तुम्हारी
त्रिनेत्र त्रिपुरारी ।
नीलकंठ ---------
 
भोग तुम्हे चढ़ाते
सेवा करते तुम्हारी
मांगे वरदान पाते
जगत के नर - नारी ।
 

 कवयित्री  संपत्ति चौरे 

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