संस्कृति

4 जुलाई 31 अगस्त तक 58 दिनों में रहेंगे तीज-त्योहार के 29 दिन,देखे पूरी जानकारी


4 जुलाई से श्रावण मास शुरू हो गया है। जो कि 31 अगस्त तक रहेगा। इस बार सावन 58 दिनों का ही रहेगा। इनमें आठ सोमवार, चार प्रदोष और सावन शिवरात्रि रहेगी। इन तिथियों में भगवान शिव की विशेष पूजा-आराधना का पूरा फल मिलता है। इस बार अधिकमास होने से सावन करीब दो महीने का रहेगा। जिससे इस महीने में दो अमावस्या और दो पूर्णिमा रहेंगी।

इन कारणों से इस महीने में व्रत, पर्व और शुभ संयोग वाले इसमें 26 दिन रहेंगे। वहीं, चातुर्मास के चलते अब विवाह नहीं होंगे, लेकिन धार्मिक अनुष्ठान, यज्ञ, पूजा-पाठ चलते रहेंगे।

सृष्टि का संभालते हैं शिव इसलिए श्रावण खास

पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र ने बताया कि देवशयनी एकादशी से अगले चार महीने तक विवाह और अन्य शुभ काम नहीं होते हैं। इसकी वजह बताते हुए शास्त्रों के कहा गया है कि भगवान विष्णु आषाढ़ महीने के शुक्लपक्ष की एकादशी से चार महीने तक क्षीर सागर में योग निद्रा में रहते हैं। इस दौरान भगवान शिव सृष्टि का संभालने का काम करते हैं। इसलिए भी श्रावण महीने में भगवान शिव की विशेष पूजा का विधान है।

58 दिनों के सावन में व्रत-पर्व के 29 दिन...

जुलाई में रहेंगे तीज-त्योहार वाले 15 दिन

4 जुलाई, मंगलवार: मंगला गौरी व्रत - ये सौभाग्य बढ़ाने वाला सुहागिनों का व्रत है। सावन के पहले मंगलवार से शुरू कर हर मंगलवार को किया जाता है।
6 जुलाई, गुरुवार: गजानन संकष्टी चतुर्थी - सावन के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनोकामना पूरी करने वाला और संकट दूर करने वाला व्रत किया जाता है।
8 जुलाई, शनिवार: सावन के शनिवार को भगवान नृसिंह, शनि और हनुमानजी की पूजा से परेशानियां दूर होती हैं।
9 जुलाई, रविवार: इस रविवार को सावन की सप्तमी है। ये संयोग महापुण्यदायी रहेगा। इसमें भगवान सूर्य की पूजा करने का विधान है।
10 जुलाई, सोमवार: सावन महीने का पहला सोमवार। इस दिन भगवान शिव-पार्वती की पूजा से दोष दूर होते हैं।
11 जुलाई, मंगलवार: इस दिन मंगलवार और अश्विनी नक्षत्र का संयोग बन रहा है। इसमें देवी अथर्वशीर्ष का पाठ करने से महमृत्यु से तर जाते हैं। इस दिन मंगलागौरी व्रत भी होगा।
13 जुलाई, गुरुवार: इस दिन गुरुवार और एकादशी का संयोग बनेगा। जिसमें कामिका एकादशी व्रत होगा। इस व्रत में दूध से श्रीकृष्ण का अभिषेक कर मंजरी सहित तुलसीदल चढ़ाना चाहिए।
15 जुलाई, शनिवार: इस दिन शनिवार को त्रयोदशी तिथि और सावन की शिवरात्रि होने से अति दुर्लभ संयोग बन रहा है।
16 जुलाई, रविवार: सावन की सूर्य संक्रांति पर आर्द्रा नक्षत्र और चतुर्दशी का अति दुर्लभ संयोग बन रहा है। इस दिन सूर्य दक्षिणायन होगा, इसलिए ये महापुण्यदायी दिन रहेगा।
17 जुलाई, सोमवार: सावन का दूसरा सोमवार और हरियाली अमावास्या का शुभ संयोग इस दिन बन रहा है। जिसमें पितृ, शिव पूजन और दान धर्म का दिन रहेगा।
18 जुलाई, मंगलवार: श्रावण के अधिकमास की शुरुआत इस दिन से ही होगी। अधिकमास में स्नान, पूजा, जाप और खासतौर से दान करना चाहिए।
24 जुलाई, सोमवार: सावन का तीसरा सोमवार, इस दिन भगवान शिव-पार्वती की पूजा से दोष दूर होते हैं।
29 जुलाई, शनिवार: पद्मिनी एकादशी, अधिकमास की एकादशी होने से इस दिन भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण की विशेष पूजा करने का विधान है।
30 जुलाई, रविवार: इस दिन श्रावण महीने के अधिकमास का रवि प्रदोष व्रत होगा। इस तिथि पर आरोग्य और आयु वृद्धि के लिए शिव पूजन और दीपदान किया जाएगा।
31 जुलाई, सोमवार: सावन का चौथा सोमवार, इस दिन भगवान शिव-पार्वती की पूजा से दोष दूर होते हैं।

अगस्त में व्रत-पर्व के 14 दिन...

1 अगस्त, मंगलवार: श्रावण महीने के अधिकमास की पूर्णिमा होने से इस दिन भगवान विष्णु की विशेष पूजा होगी।
4 अगस्त, शुक्रवार: अधिकमास की संकष्टी चतुर्थी होने से इस दिन भगवान गणेश के त्रिभुवन रूप की पूजा की जाएगी।
7 अगस्त, सोमवार: सावन का पांचवा सोमवार, इस दिन भगवान शिव-पार्वती की पूजा से दोष दूर होते हैं।
12 अगस्त, शनिवार: अधिकमास की दूसरी एकादशी होने से इसे परम एकादशी कहा जाएगा। इस दिन भी भगवान विष्णु की पूजा होगी।
13 अगस्त, रविवार: इस दिन सावन महीने के अधिकमास का रवि प्रदोष रहेगा। आरोग्य और आयु वृद्धि के लिए इस तिथि पर शिव पूजन और दीपदान किया जाएगा।
14 अगस्त, सोमवार: इस दिन सावन के अधिकमास की शिवरात्रि और सावन का छठा सोमवार रहेगा। जिससे शिव पूजा के लिए दिन बहुत खास होगाा।
16 अगस्त, बुधवार: इस दिन श्रावण के अधिकमास की अमावस्या रहेगी। इस तिथि पर पितृ और भगवान विष्णु की विशेष पूजा की जाएगी।
17 अगस्त, गुरुवार: इस दिन सिंह संक्रांति रहेगी। ये विष्णुपदी संक्रांति होती है। इस पर्व पर दान, मंत्र और जाप का लाख गुना फल मिलता है।
19 अगस्त, शनिवार: इस दिन हरियाली तीज रहेगी। इस व्रत में महिलाएं सौभाग्य और समृद्धि की कामना से सोलह सिंगार कर देवी पार्वती की पूजा करेंगी।
20 अगस्त, रविवार: सावन महीने का रविवार और हस्त नक्षत्र के साथ अमृतसिद्धि योग बनने से इस दिन की गई शिव पूजा पाप नाशक होती है।
21 अगस्त, सोमवार: सावन का सातवां सोमवार और नाग पंचमी का संयोग बनने से इस दिन नाग पूजा करनी चाहिए। जिससे दोष दूर होने की मान्यता है।
27 अगस्त, रविवार: सावन महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी होने से इस दिन भगवान विष्णु की पूजा के साथ पुत्रदा एकादशी व्रत किया जाएगा।
28 अगस्त, सोमवार: सावन का आठवां सोमवार और सोम प्रदोष का विशेष संयोग बनने से ये दिन शिव पूजा के लिए बहुत खास रहेगा।
30 अगस्त, बुधवार: ये सावन महीने का आखिरी दिन रहेगा। इस दिन सावन महीने की पूर्णिमा के संयोग में रक्षाबंधन पर्व मनेगा।

 




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