संस्कृति

"जैन पर्युषण पर्व: आत्मा की शुद्धि और सत्य के मार्ग का महत्व"


श्वेतांबर जैन पंथ के 8 दिवसीय पर्युषण पर्व की शुरुआत मंगलवार से हो गई है. जो कि 19 सितंबर 2023 तक चलेगा. श्वेतांबर जैन पंथ में 8 दिन का पर्युषण पर्व मनाया जाता है. वहीं दिगंबर जैन का पर्युषण पर्व 10 दिन चलता है. जिसकी शुरुआत 19 सितंबर 2023 को होगी और 29 सितंबर 2023 को इसका समापन होगा. ये पर्व भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी से लेकर शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि तक मनाया जाता है.

पर्युषण पर्व का महत्व

जैन धर्म के सभी त्योहारों में पर्युषण पर्व बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. इस दौरान जैन धर्म के लोग व्रत, उपवास, तप, करते हैं. इसके साथ ही आराध्य भगवान महावीर स्वामी की पूजा करते हैं. पर्युषण पर्व मनुष्य को उत्तम गुणों को अपनाने की प्रेरणा देता है. इन दस दिनों में लोग व्रत, तप, साधना कर आत्मा की शुद्धि का प्रयास करते हैं और स्वंय के पापों की आलोचना करते हुए भविष्य में उनसे बचने की प्रतिज्ञा करते हैं.

इस पर्व का मुख्य उद्देश्य आत्मा को शुद्ध बनाने के लिए आवश्यक उपक्रमों पर ध्यान केंद्रित करना होता है. भगवान महावीर के जीवनकाल से प्रभावित होकर पर्युषण पर्व को मनाया जाता है. ऐसा माना जाता है कि जिस समय भगवान महावीर ने शिक्षा ली थी उस समय को ही पर्युषण पर्व कहा गया था. यह हमें सत्य के मार्ग पर चलना सिखाता है. 





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