देश-विदेश
हैंडबॉल एसोसिएशन इंडिया के चुनावों में सभी पदों पर निर्विरोध निर्वाचन घोषित
छत्तीसगढ़ हैंडबाल संघ के महासचिव श्री समीर खान हैंडबाल एसोसिएशन इंडिया के सहसचिव पद पर निर्विरोध निर्वाचित
जयपुर: राजस्थान के पांच सितारा होटल संडे में हैंडबाल एसोसिएशन इंडिया की विशेष सामान्य सभा की बैठक आज दिनांक 26 जून 2023 को दोपहर 1ः00 बजे से 2ः30 बजे तक आयोजित की गई थी जिसमें अगले 4 वर्षो वर्ष 2023-2027 तक हैंडबाल एसोसिएशन इंडिया के पदाधिकारियों का चुनाव किया गया। जिसमें छत्तीसगढ़ हैंडबाल संघ के महासचिव श्री समीर खान को हैंडबाल एसोसिएशन इंडिया के सहसचिव पद पर निर्विरोध निर्वाचित सभा में उपस्थित सदस्यों द्वारा सर्वसम्मति से किया गया तथा डॉ. आनंदेश्वर पांडे (महासचिव, उत्तर प्रदेश) को एक्जीक्यूटीव डायरेक्टर, हरियाणा हैंडबाल के महासचिव श्री संदीप कोंटिया को एथलिट कमेटी का चेयरमेन, सुश्री रीना सरीन को वोमेन्स सेक्स्यूअल हरासमेंट कमेटी का चेयरमेन तथा छत्तीसगढ़ हैंडबाल संघ के सदस्य श्री जी. सुरेश पिल्लई को एसोसिएट उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया।
हैंडबाल एसोसिएशन इंडिया के अध्यक्ष पद पर श्री दिग्विजय सिंह चौटाला (अध्यक्ष, हरियाणा), महासचिव पद पर श्री ए. जगन मोहन राव (अध्यक्ष, तेलंगाना), कोषाध्यक्ष पद पर श्री तेजराज सिंह (राजस्थान) निर्विरोध निर्वाचित हुये।
अन्य पदाधिकारियों में वरिष्ठ उपाध्यक्ष पद पर श्रीमती खुशबु चौधरी (वरिष्ठ उपाध्यक्ष, दिल्ली हैंडबाल संघ), उपाध्यक्ष पद पर डॉ. डी.के. सिंह (महासचिव, उत्तराखंड हैंडबाल एवं उत्तराखंड ओलम्पिक संघ), श्री अमल नारायण पटवारी (अध्यक्ष, असम हैंडबाल संघ), श्री सचिव चौधरी (सदस्य, उत्तर प्रदेश हैंडबाल संघ), श्री तेजपाल सिंह चीमा (उपाध्यक्ष, पंजाब हैंडबाल संघ) एवं श्री मुकुल कुमार यादव (सदस्य, अंडमान एवं निकोबार हैंडबाल संघ), सहसचिव पद पर श्री विनय कुमार सिंह (अध्यक्ष, बिहार हैंडबाल संघ), सुश्री स्वाति शुक्ल (कार्यकारिणी सदस्य, सिक्किम हैंडबाल संघ), श्री समीर खान (महासचिव, छत्तीसगढ़ हैंडबाल संघ) एवं श्री विनेश कुमार (सदस्य, हरियाणा हैंडबाल संघ), कार्यकारिणी सदस्य पद पर डॉ. आनंदेश्वर पांडे (महासचिव, उत्तर प्रदेश हैंडबाल एवं उत्तर प्रदेश ओलम्पिक संघ), श्री अश्वनी रैना (सदस्य, जम्मू एवं कश्मीर हैंडबाल संघ), श्री पी. सत्यनारायण राजू (महासचिव, आंध्रप्रदेश हैंडबाल संघ), श्री मेहता पारस भाई (सदस्य, गुजरात हैंडबाल संघ), श्री प्रदीप कुमार पंघल (सदस्य, चंडीगढ़ हैंडबाल संघ), श्री पुनित सोलंकी (सदस्य, दिल्ली हैंडबाल संघ), श्री विवके कुमार (सदस्य, दमन एवं द्वी हैंडबाल संघ) वर्ष 2023-2027 तक निर्विरोध निर्वाचित हुये।
उक्त बैठक में इंटरनेशनल हैंडबॉल फेडरेशन से श्री पॉल ब्रे, एशियन हैंडबॉल फेडरेशन से श्री मोहम्मद निजामुद्दीन एवं भारतीय ओलम्पिक संघ के डायरेक्टर श्री जॉर्ज मैथ्यू पर्यवेक्षक तथा उपरोक्त चुनाव में चुनाव अधिकारी के रूप में श्री दीपक कुमार श्रीवास्तव, सेवानिवृत्त जिला न्यायाधीश की उपस्थिति में सफलतापूर्वक चुनाव संपन्न हुये।
श्री समीर खान के हैंडबाल एसोसिएशन इंडिया के सहसचिव पद पर निर्विरोध निर्वाचित होने पर छत्तीसगढ़ ओलम्पिक एसोसिएशन के महासचिव श्री देवेन्द्र यादव (माननीय विधायक, भिलाई नगर), छत्तीसगढ़ ओलम्पिक एसोसिएशन के उपाध्यक्ष एवं भारतीय फेंसिंग महासंघ के कोषाध्यक्ष श्री बशीर अहमद खान छत्तीसगढ़ हैंडबाल संघ के चेयरमेन श्री विनोद चंद्राकर (माननीय संसदीय सचिव, छत्तीसगढ़ शासन), अध्यक्ष श्री धर्मेन्द्र यादव, वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री अभिमन्यु मिश्रा, डॉ. आलेाक दुबे (उपाध्यक्ष), श्री इमरान अली (उपाध्यक्ष), विरेन्द्र सिंह भाटिया (उपाध्यक्ष), श्री डी.एस. क्रिस्टोफर (उपाध्यक्ष), श्री आशीष यादव (उपाध्यक्ष), श्री जितेन्द्र तिवारी (सह सचिव), श्री एस.के.डी. मिश्रा (सहसचिव), श्री पी. सुरेश राव (सहसचिव), श्री हरिषचंद्र वर्मा (सहसचिव), श्री विजय बहादुर (कोषाध्यक्ष), श्री राजू लाल (कार्यकारिणी सदस्य), श्री सुबोध कुमार सिंह (कार्यकारिणी सदस्य), श्री चंद्रप्रकाश सोनी (कार्यकारिणी सदस्य), श्री रमेश चौरसिया (कार्यकारिणी सदस्य), कु. हेमपुष्पा (कार्यकारिणी सदस्य), श्रीमती सोनी चौरसिया, छत्तीसगढ़ राज्य के एन.आई.एस. प्रशिक्षक श्री एम. सुरेश कुमार, प्रशिक्षक श्री राजेश सरकार, छत्तीसगढ़ हैंडबाल संघ के कार्यालय सचिव श्री राम प्रताप गुप्ता सहित समस्त हैंडबाल संघ के पदाधिकारी एवं विभिन्न खेल संघों के पदाधिकारियों ने अपना आशीर्वाद देते हुये अपनी हार्दिक शुभकामनाये प्रदान की।
जल्दी करें और अपने जरूरी काम आज ही पूरे करें...इस हफ्ते चार दिन बैंक बंद रहेंगे
एक नया सप्ताह शुरू हो चुका है और इस सप्ताह में आपके बैंक से संबंधित काम हैं, इसलिए आपको जल्दी से जल्दी उन्हें पूरा कर लेना चाहिए। इसका कारण यह है कि इस सप्ताह में पांच दिन बैंक हॉलिडे होंगे, जिसमें संडे भी शामिल है। हालांकि, पूरे देश में ये हॉलिडे एक साथ नहीं होंगे, विभिन्न राज्यों में अलग-अलग दिनों पर इन छुट्टियों की घोषणा हुई है।
इन बैंक हॉलिडे में एक दिन रविवार को होगा, जबकि चार अन्य दिन स्टेट-स्पेसिफिक हॉलिडे होंगे। इसलिए, यदि आप एक राज्य में रहते हैं और आपको बैंक जाने की आवश्यकता है, तो पहले जान लें कि क्या आपके राज्य में उन दिनों बैंक बंद होगा या नहीं।
निम्नलिखित तारीखों पर कहां बैंक बंद रहेंगे:
26 जून 2023: त्रिपुरा में खर्ची पूजा के कारण बैंक बंद होगा।
28 जून 2023: केरल, महाराष्ट्र और जम्मू-कश्मीर में ईद उल अजहा के मौके पर बैंक बंद रहेंगे।
29 जून 2023: ईद उल अजहा के मौके पर बैंक बंद रहेगा।
30 जून 2023: मिजोरम और ओडिशा में रीमा ईद उल अजहा के कारण बैंक बंद होगा।
2 जुलाई 2023: रविवार के कारण पूरे देश में बैंक बंद रहेंगे।
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अमेरिका में 20 साल तक इंसानों पर हुए खुफिया एक्सपेरिमेंट की कहानी,एक खतरनाक एक्सपेरिमेंट,MK-ULTRA
दूसरे विश्व युद्ध के बाद अमेरिका और रूस दोनों ही दुनिया की सुपरपॉवर बनना चाहते थे. चीन भी उस समय एक शक्तिशाली देश माना जाता था. कहीं रूस और चीन अमेरिका से आगे न निकल जाएं इसलिए 1950 में अमेरिका के सेंट्रल इंटेलिजेंस ब्यूरो ने कनाडा के साथ मिलकर इंसानों पर एक खतरनाक एक्सपेरिमेंट करने का सोचा. दरअसल, किसी इंसान के दिमाग पर कंट्रोल करना इनका मकसद था.
गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक, इस ऑपरेशन को इन्होंने नाम दिया MK-Ultra. इसके लिए सीआईए ने एक खुफिया टीम बनाई, जिसे इस एक्सपेरिमेंट को सीक्रेट रखने के लिए कहा गया. इस काम के लिए सीआईए बड़ी से बड़ी कीमत चुकाने के लिए तैयार था. इस खुफिया एक्सपेरिमेंट को मोंटेरियल (Montereal) के एलन मेमोरियल इंस्टिट्यूट (Allan Memorial Institute) में अंजाम दिया जाना था.
इस एक्सपेरिमेंट को करने के लिए CIA ने फेमस स्कोटिश-अमेरिकन मनोचिकित्सक डॉक्टर डोनाल्ड इवेन कैमरून (Donald Ewen Cameron) को चुना. कैमरून का मानना था कि हमारा दिमाग एक कंप्यूटर की तरह काम करता है. जैसे हम कंप्यूटर में किसी फाइल को डिलीट करके उसे दोबारा रिकवर कर सकते हैं. उसी तरह हम दिमाग की याददाश्त के साथ भी छेड़छाड़ करके उसे रिकवर कर सकते हैं.
1953 में शुरू किया एक्सपेरिमेंट
उन्होंने इसे प्रूव करने के लिए रिसर्च करनी शुरू कर दी. फिर 1953 में इंसानों पर इसे लेकर एक्सपेरिमेंट करने शुरू कर दिए. दिलचस्प बात ये थी कि जिन लोगों को एक्सपेरिमेंट के लिए चुना जाता, यानि सब्जेक्ट्स. उन्हें भी इस बात की भनक नहीं होती थी कि उनके साथ क्या होने वाला है.
इस एक्सपेरिमेंट को करने के लिए डॉक्टर कैमरून को काफी लोगों की जरूरत थी. इसलिए उन्होंने अपने पास आए मरीजों को झांसे में लेकर एक्सपेरिमेंट के लिए तैयार करना शुरू कर दिया. हालांकि, उन्हें यह नहीं बताया गया कि उनके साथ क्या होने वाला है और क्यों होने वाला है. वे बस डॉक्टर की बातों में आकर उनका साथ देने के लिए तैयार हो गए. वो भी इसलिए क्योंकि उन्हें लगता था कि डॉक्टर ऐसा करके उनकी बिमारी का इलाज कर रहे हैं.
सेक्स वर्कर्स का लिया सहारा
लेकिन सिर्फ इतने ही लोग काफी नहीं थे. एक्सपेरिमेंट के लिए और भी लोगों की जरूरत थी. इसलिए CIA ने भी लोगों को तलाशना शुरू कर दिया जिन पर एक्सपेरिमेंट किया जा सके. इसके लिए उन्होंने बड़े ही चालाकी से प्लान तैयार किया. उन्होंने लोगों को फंसाने के लिए सेक्स वर्कर्स का सहारा लिया. फिर उनके जरिए LSD ड्रग का सेवन लोगों को करवाना शुरू कर दिया. बता दें, LSD ड्रग ऐसा नशा है जिसे लेने के बाद इंसान अपने होश खो बैठता है.
उसे पता ही नहीं चलता कि उसके साथ क्या हो रहा है और वह क्या कर रहा है. उसे ऐसी चीजें दिखाई और सुनाई देने लगती हैं जो वास्तविकता में होती ही नहीं हैं. लेकिन सेक्स वर्कर्स से ऐसा करवाना जब CIA को असुरक्षित लगने लगा तो उन्होंने इस काम के लिए मैजिशियन्स का सहारा लिया. उनके जरिए वे जादू के बहाने से लोगों को LSD का सेवन करवा देते.
तीन राउंड में किया जाता था यह एक्सपेरिमेंट
किसी भी इंसान पर यह एक्सपेरिमेंट तीन राउंड में किया जाता था. सबसे पहले किसी भी सब्जेक्ट यानि इंसान को LSD दी जाती. ताकि उसके असर से लोगों का दिमाग आउट ऑफ कंट्रोल हो जाए. जब LSD अपना काम कर देता था, तो दूसरा राउंड शुरू कर दिया जाता. उसमें उस सब्जेक्ट को नॉर्मल से भी ज्यादा हाई फ्रिक्वेंसी के शॉक यानि करंट के झटके दिए जाते.
हैरानी की बात तो ये है कि उस समय उस इंसान को यह पता भी नहीं होता था कि उसे करंट के झटके दिए जा रहे हैं. लेकिन उनके शरीर पर इसका गहरा असर जरूर पड़ता था. यह सब करने के बाद उस इंसान की याददाश्त पूरी तरह से चली जाती थी. तीसरे राउंड में पेशेंट की याददाश्त को रीप्रोग्राम किया जाता था. इस प्रोसेस में कुछ प्री रिकॉर्डेड मैसेज उन्हें सुनाए जाते थे. इसके प्रभाव से वे कुछ अलग सा बर्ताव करने लगते थे. इसी तरह से उनका ब्रेनवॉश कर दिया जाता था.
सदमें में चला जाता था पेशेंट
फिर वही पेशेंट कई बार खुद पर कंट्रोल भी खो देते थे. लेकिन वे वही करते थे जो आदेश उन्हें CIA देता था. इतना सबकुछ होने के बाद इंसान एक गहरे सदमे में भी चला जाता था और वह पोस्ट ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर का शिकार हो जाता था. यहां तक कि उसे अंधेरे से भी डर लगने लगता था. ऐसे ही कुछ सिंपटम्स की गवाह लिंडा मैकडॉनल्ड थीं.
जब वह 26 साल की थीं, तो वे डिप्रेशन की शिकार हो गई थीं. जब इलाज के लिए वो डॉक्टर कैमरून के पास गईं तो वे खुश हो गए. क्योंकि लिंडा उनके लिए एक तरह से सब्जेक्ट ही थी जिस पर उन्हें एक्सपेरिमेंट करना था. उन्होंने लिंडा की बिमारी का भरपूर फायदा उठाते हुए उसे LSD ड्रग दे दिया. फिर उसे इलेक्ट्रिक शॉक दिए गए और उस पर वही एक्सपेरिमेंट किया.
फ्रैंक ऑल्सन ने एक्सपेरिमेंट के बाद कर लिया सुसाइड
इसी तरह फ्रैंक ऑल्सन भी डॉक्टर कैमरून के पास अपनी बिमारी का इलाज पाने आए थे. लेकिन उन पर यह एक्सपेरिमेंट किया गया, वो भी धोखे से. मगर इस एक्सपेरिमेंट का फ्रैंक पर इतना गहरा असर पड़ा कि 9 दिन बाद यानि 28 नवम्बर, 1953 को उन्होंने एक होटल के 10वें फ्लोर से छलांग लगाकर खुदकुशी कर ली.
2 महीने तक लूई पर किया गया एक्सपेरिमेंट
इससे भी ज्यादा खतरनाक किस्सा लूई वाइंस्टाइन नामक शख्स का है. लूई एक पारिवारिक व्यक्ति थे. घर में उनकी पत्नी और तीन बच्चे थे. वे संगीत से बहुत प्यार करते थे. काफी हंसमुख थे. लोग लूई को काफी पसंद किया करते थे. 1950 में उन्हें पैनिक अटैक आ गया. जिसके बाद इलाज के लिए लूई की पत्नी ने 1953 में डॉक्टर कैमरून से संपर्क किया. कैमरून ने लूई पर तो पहले वाले से भी ज्यादा खतरनाक प्रयोग किया.
दरअसल, लूई पर दर्दनाक प्रयोग के बाद उन्हें सेंसरी डेप्रिवेशन नामक थेरेपी दी गई. इसके अंतर्गत उन्हें एक जेल के लिए अंदर बंद कर दिया गया और दोनों हाथों को जंजीर से बांध दिया. जेल में अंधेरा कर दिया गया और लगातार दो महीनों तक उन्हें ऐसे ही रखा गया. यहां तक कि लगातार उन्हें वहां एक अजीब सी प्रीरिकॉर्डेड आवाज भी सुनाई जाती.
इस कारण लुई की सुनने की और कुछ भी फील करने की क्षमता खत्म हो गई. नतीजा ये हुआ कि दो महीने बाद उनकी सारी इंद्रियों ने काम करना ही बंद कर दिया. लूई के परिवार को जब यह सब पता चला तो उन्होंने CIA के खिलाफ केस दर्ज करवा दिया.
1973 में लगा इस एक्सपेरिमेंट पर बैन
वाशिंगटन पोस्ट के मुताबिक, इन सब खुलासों के बाद 1973 में इस एक्सपेरिमेंट को बैन कर दिया गया. उसके कुछ महीनों बाद जॉन मार्क नाम के एक पत्रकार ने सूचना के अधिकार कानून के तहत सरकारी कागजात निकलवाए. करीब 16 हजार दस्तावेजों से मार्क ने MK अल्ट्रा की पूरी कहानी पता की.
इसमें CIA ने यह माना था कि उन्होंने 20 सालों तक कुछ लोगों पर इस तरह का एक्सपेरिमेंट किया था. CIA ने 90 हजार यूएस डॉलर का मुआवजा सभी पीड़ितों या उनके परिवार वालों को भी दिया जिन पर उन्होंने ये एक्सपेरिमेंट किया था.
राष्ट्रपति ने खुद मांगी ऑल्सन परिवार से माफी
बता दें, ऑल्सन के परिवार ने उनकी मौत को लेकर कई सवालों के जवाब खोजने की खूब कोशिश की थी. लेकिन उस वक्त उन्हें कोई जवाब नहीं मिला. यहां तक कि पुलिस ने भी केस क्लोज कर दिया था. इस बात को जब 20 साल गुजर गए तो फिर एक दिन अचानक ऑल्सन परिवार के पास एक कॉल आया. सीधे अमेरिकी राष्ट्रपति के ऑफिस से. उन्हें राष्ट्रपति रिचर्ड निकसन से मिलने बुलाया गया था. राष्ट्रपति ने ऑल्सन की मौत के लिए माफी मांगी.
1977 में हुए और भी कई खुलासे
साल 1977 में MK-Ultra के बारे में और भी बहुत से खुलासे हुए. लेकिन इसके पूरे विस्तार का कभी नहीं पता चल पाया. दरअसल, साल 1973 में राष्ट्रपति निक्सन ने जब CIA के डायरेक्टर को हटाया दिया था तो जाते-जाते वो MK-Ultra से जुड़े अधिकतर कागजात नष्ट कर गए थे. CIA और सरकार ने दावा किया कि 1973 में MK अल्ट्रा प्रोग्राम खत्म कर दिया गया था. और उसके बाद CIA ने ऐसा कोई कार्यक्रम नहीं चलाया.
बताते चलें कि इस खतरनाक एक्सपेरिमेंट पर कुछ फिल्में भी बनी हैं. जैसे 'American Mind Control: MK Ultra' और 'MK-ULTRA'.
पीएम मोदी पटना-रांची वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाएंगे, रेलवे ने शेड्यूल जारी किया
बिहार और झारखंड के लोगों को रेलवे की ओर से एक महत्वपूर्ण उपहार मिलने जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 27 जून को पटना और रांची के बीच वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे। रेलवे ने पटना-रांची वंदे भारत ट्रेन का शेड्यूल जारी कर दिया है।
बिहार के लोगों को वंदे भारत ट्रेन की उपहार मिलने जा रही है। रेलवे ने पटना-रांची वंदे भारत ट्रेन का शेड्यूल जारी कर दिया है। इस वंदे भारत ट्रेन का उद्घाटन 27 जून को होगा। पटना से इस ट्रेन का नियमित रूप से परिचालन 28 जून से किया जाएगा। पूर्व मध्य रेल (East Central Railway) के सीपीआरओ वीरेन्द्र कुमार ने बताया कि यात्रियों की सुविधा के मद्देनजर पटना और रांची के बीच अत्याधुनिक और विश्वस्तरीय सुविधाओं से लैस हाई स्पीड वंदे भारत ट्रेन का परिचालन किया जाएगा।
रांची से पटना के लिए 27 जून को वंदे भारत ट्रेन का उद्घाटन स्पेशल ट्रेन 02439 के रूप में किया जाएगा और 28 जून से गाडी संख्या 22349/22350 पटना-रांची-पटना वंदे भारत ट्रेन का नियमित परिचालन किया जाएगा। यह ट्रेन पटना और रांची से मंगलवार को छोड़कर सप्ताह में छह दिन चलेगी।
जानिए ट्रेन का समय सारणी
गाड़ी संख्या 02439 रांची-पटना वंदे भारत उद्घाटन स्पेशल (इनॉग्यूरल स्पेशल) रांची से 27 जून को सुबह 10.30 बजे खुलकर 10.50 बजे मेसरा, 11.45 बजे बरकाकाना, 12.20 बजे चरही, 12.45 बजे हजारीबाग टाउन, 13.20 बजे बरही, 14.08 बजे कोडरमा, 14.50 बजे पहाड़पुर, 15.40 बजे गया, 16.23 बजे जहानाबाद रुकते हुए 17.25 बजे पटना जंक्शन पहुंचेगी।
वहीं, गाड़ी संख्या 22349 पटना-रांची वंदे भारत ट्रेन 28 जून को पटना जंक्शन से 07.00 बजे खुलकर 08.25 बजे गया, 09.35 बजे कोडरमा, 10.33 बजे हजारीबाग, 11.35 बजे बरकाकाना, 12.20 बजे मेसरा रुकते हुए 13.00 बजे रांची पहुंचेगी। वापसी में गाड़ी संख्या 22350 रांची-पटना वंदे भारत ट्रेन रांची से 16.15 बजे खुलकर 16.35 बजे मेसरा, 17.30 बजे बरकाकाना, 18.30 बजे हजारीबाग, 19.30 बजे कोडरमा, 20.45 बजे गया रुकते हुए 22.05 बजे पटना जंक्शन पहुंचेगी।
बता दें कि पटना और रांची के बीच 12 जून 2023 को वंदे भारत एक्सप्रेस (वन्दे भारत एक्सप्रेस) का ट्रायल रन किया गया था। वंदे भारत ट्रेन बिहार और झारखंड के लोगों के लिए रेलवे की तरफ से एक बड़ी सौगात होगी। जो महज 6 घंटे में ही रांची से पटना और पटना से रांची का सफर पूरा करेगी।
यह होगा इस वंदे भारत ट्रेन का मार्ग
अप एवं डाउन दिशा में इसका परिचालन जहानाबाद, गया, बरकाकाना, कोडरमा, हजारीबाग टाउन और मेसरा के रास्ते किया जाएगा। पटना से रांची के बीच दूरी यह ट्रेन सिर्फ 6 घंटे में पूरी करेगी। इस ट्रेन में 8 एसी चेयर कार की सुविधा होगी। प्रत्येक कोच 4 अपातकालीन पुश बटन के साथ जीपीएस आधारित सूचना प्रणाली से युक्त होगा।
जल्द आने वाले दिनों में भारी बारिश के लिए अलर्ट, 30 जून तक पूरे प्रदेश में मौसमी परिवर्तन
मध्यप्रदेश में अंतिम रूप से 7 दिन की देरी के बाद मानसून ने आखिरकार अपनी पहुंच बनाई है। इस वर्ष मानसून ने मंडला के माध्यम से प्रवेश किया है। बालाघाट, अनूपपुर, मंडला, सिंगरौली, शहडोल, अनूपपुर और डिंडोरी जिलों में मानसूनी बारिश हुई है। मौसम वैज्ञानिक के अनुसार, रविवार तक अरब सागर में बन रहे तंत्र भी मजबूत हो जाएंगे और मध्यप्रदेश में बारिश की शुरुआत हो जाएगी। 26, 27 और 28 जून को प्रदेश के कई हिस्सों में अत्यंत भारी बारिश भी हो सकती है। 1 जुलाई से प्रदेश के सभी हिस्सों में मानसून पूरी तरह सक्रिय हो जाएगा। राज्य के कई हिस्सों में बिजली गिरने की घटनाएं भी हो सकती हैं।
कहां-कहां हुई बारिश?
शनिवार को प्रदेश के एक दर्जन से भी अधिक जिलों में बारिश हुई। रतलाम में 25, सतना में 24, गुना में 18, धार में 7, इंदौर में 4.9, खरगोन में तीन, उज्जैन में दो, भोपाल में 1.5, भोपाल शहर में 0.9, सागर में 0.8, ग्वालियर में 0.3 मिमी बारिश हुई। शुक्रवार-शनिवार के दौरान इंदौर में 67.4 मिमीमीटर, भोपाल में 47.6, दतिया में 43.2, उज्जैन में 32.6, नर्मदापुरम में 32, धार में 30.2, भोपाल शहर में 26, रायसेन में 30.8, सिवनी में 20.6, मंडला में 18.2, पचमढ़ी में 15.6, छिंदवाड़ा में 13.6, खरगोन में 9.6, सागर में 9, सीधी में 8.6, ग्वालियर में 8, शिवपुरी में 7, खंडवा में 7, गुना में 0.8, खजुराहो में 6, रतलाम में 5, जबलपुर में 5, नरसिंहपुर में 4, नोगांव में 3, दमोह में दो, रीवा में 1.4, बैतूल में 1.8 मिमीमीटर बारिश हुई।
पूरे प्रदेश में जमकर बारिश के आसार मौसम विभाग ने रविवार को भी पूरे प्रदेश में बारिश का अनुमान जताया है। प्रदेश के सभी 53 जिलों में बारिश हो सकती है। विदिशा, रायसेन, बैतूल, हरदा, अनूपपुर, डिंडोरी, छिंदवाड़ा, सिवनी और मंडला जिलों में कुछ-कुछ भारी बारिश हो सकती है। यहां गरज-चमक की गतिविधि भी होने की संभावना है।
राजस्थान की पीईकेबी खदान के निर्बाध संचालन के लिए सरगुजा जिले के सरपंचों ने राहुल गांधी और मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन
सरगुजा से रायपुर आकर लगायी मदद की गोहार
उदयपुर: प्रदेश के सरगुजा जिले में स्थित परसा ईस्ट कांता बासन (पीईकेबी) कोयला खदान को चालू रखने अब आश्रित ग्रामों के सरपंचों और स्थानीयों ने भी अपनी आवाज बुलंद कर दी है। इसी सिलसिले में सरगुजा से 15 लोगों का प्रतिनिधिमंडल राजस्थान सरकार की पीईकेबी खदान के निर्बाध संचालन के लिए चाही गई जमीन उपलब्ध कराने की मांग हेतु ज्ञापन सौपनें शुक्रवार को रायपुर पहुँचा। प्रतिनिधिमंडल में ग्राम परसा के उपसरपंच गणेश यादव और घाटबर्रा के उपसरपंच पति घनश्याम यादव की अगुवाई में ग्राम साल्ही से जगतनारायण सिंह पोर्ते, रघुनंदन पोंर्ते और चंद्रकेश्वर सिंह पोर्ते और हिरन यादव, , मुन्ना यादव, रमेश यादव, अहिवरन सिंह तथा आनंद लाल यादव, हरिहरपुर से उजित राम विश्वकर्मा और फतेहपुर से अमर सिंह व केश्वर सिंह द्वारा मुख्यमंत्री आवास में स्थित कार्यालय पहुँचकर राष्ट्रीय काँग्रेस पार्टी के युवा नेता राहुल गांधी तथा प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम लिखित ज्ञापन सौंपा और उनकी मांगों पर जल्द निर्णय लेने का अनुरोध किया है।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड की सरगुजा स्थित खदान के विकास के लिए अतिरिक्त जमीन मिलने में देरी के कारण सरगुजा के ग्रामीणों को पिछले साल से ही नौकरी जाने का भय सताने लगा था। वे सभी अपने क्षेत्र में कोयला खदानों के सूचारु रूप से संचालन न हो पाने से आने वाली रोजगार की समस्या से भयभीत रहते आए हैं। इसके लिए वे तब से लेकर अब तक कई बार आंदोलन कर जिले के कलेक्टर से लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री तक पत्र देते आये हैं। यहां तक की सरगुजा की एक मात्र कार्यरत खदान पर निर्भर लोग गत वर्ष नवंबर में राहुल गांधी के मध्य प्रदेश के इंदौर में आयोजित भारत जोड़ों यात्रा के दौरान भी सरगुजा से करीब एक हजार से भी ज्यादा की दूरी तय कर अनुरोध पत्र देने पहुंचे थे। यही नहीं इन्होंने तीन महीने पहले अर्थात 21 अप्रैल 2023 के साथ साथ 24 अगस्त, 14 जून और 2 जून 2022 को भी राहुल गांधी और प्रदेश के मुखिया को पत्र लिखकर पीईकेबी खदान के सुचारु रूप से संचालन के लिए अनुरोध किया था।
पीईकेबी के आश्रित ग्राम घाटबर्रा, परसा, साल्ही, जनार्दनपुर, फतेहपुर, सहित 10 ग्रामों के उप सरपंच तथा सरपंचों द्वारा हस्ताक्षरित ज्ञापन में उन्होंने लिखा है,कि विगत 10 वर्षों से उनके क्षेत्र में परसा ईस्ट एवं कांता बासन कोयला खदान का संचालन किया जा रहा है। जिसके संचालन होने से खदान प्रभावित परिवारों के साथ साथ स्थानीय लोगों के परिवार की रोज़ी रोटी चलती है। इनके क्षेत्र में खदान खुलने के पूर्व इन सभी आर्थिक स्थिति काफी कमजोर थी, साथ ही रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य सहित अन्य मूलभूत सुविधाओं का अभाव था।
लेकिन जब से पीईकेबी कोयला खदान चालू हुई है तब से इनके क्षेत्र का विकास होना शुरू हुआ है और लोगों का अन्य जिलों और राज्यों में रोजगार के लिए पलायन भी रुका है। इस खदान के खुलने से क्षेत्र में हजारों लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार तो मिला। राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड द्वारा क्षेत्र के लोगों के स्वास्थ सुविधा का ध्यान रखते हुए 100 बिस्तरों का सर्वसुविधायुक्त अस्पताल भी ग्राम साल्ही में खोला जाना प्रस्तावित किया है। जबकि वर्तमान में कंपनी द्वारा चलाए जा रहे केन्द्रीय बोर्ड की अंग्रेजी माध्यम के स्कूल में इस वर्ष से ग्यारहवीं और बारहवीं तक की गुणवत्तायुक्त उच्च शिक्षा भी उपलब्ध हो जाएगी। इसके चलते अब 800 से भी ज्यादा ग्रामीण विद्यार्थियों को मुफ्त शिक्षा और अन्य सुविधाएं मिल रही है।
उन्होंने इस बात पर भी चिंता व्यक्त की, कि पीईकेबी कोयला खदान से हर दिन बड़ी बड़ी मशीनों तथा डंपरों को खदान से बाहर भेजा जा रहा है तथा खदान में कार्यरत asthaayi मजदूर भी निकाले जा रहे हैं। इससे प्रतीत होता है कि आने वाले दिनों में पीईकेबी में भूमि की अनुपलब्धता होने के कारण खदान बंद होने की कगार पर है। जिससे हजारों लोगों की रोजी रोटी छिन जाएगी और उनके परिवार का जीवन भी अंधकारमय हो जाएगा। साथ ही जिले और राज्य के तंत्र को को मिल रहे सकड़ों करोड़ की कर राशि जो कि जनसुविधाएं चलाने में खर्च होती थी, वह भी रुक जाएगी।
ज्ञापन सौपनें के दौरान सरगुजा के ग्राम घाटबर्रा से आए कृष्ण चंद यादव ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि “राजस्थान राज्य विद्युत की खदान के लिए पांच गांव की ग्राम सभा 2009 में हुआ था जिसमें तीन चार गांव को मुआवजा दिया गया था और वहाँ विकास कार्य भी चल रहा है। लेकिन हमारे गांव को ग्राम सभा न होने के कारण मुआवजा नहीं दिया गया। इसके लिए हम कई बार जिला कलेक्टर और क्षेत्रीय विधायक से मिलकर अनुरोध कर चुके हैं कि घाटबर्रा के हम सभी ग्रामवासी विस्थापन के लिए राजी हैं इसलिए हमारे ग्राम में जल्द से जल्द ग्राम सभा कराकर हमें भी उचित मुआवजा दिया जाए”
ग्राम हरिहरपुर से आए उजितराम विश्वकर्मा ने कहा कि, “मेरी जमीन राजस्थान विद्युत निगम की खदान के लिए अधिग्रहित हुई थी और मुझे यहां नौकरी भी मिली है। जमीन न मिलने के कारण ही अभी कुछ महीने पहले खदान बंद हो गई थी लेकिन जिला कलेक्टर और विधायक जी के हस्तक्षेप के बाद शुरू हो गई है। लेकिन एक बार जमीन न होने के कारण खदान बंद होने वाली है और हमें नौकरी और रोजी रोटी की चिंता सताने लगी है। इसलिए हम यहां मुख्यमंत्री जी से अनुरोध करने आए हैं की वे हमारी रोजी रोटी और जीवन यापन हेतु पीईकेबी खदान के सुचारु रूप से संचालन के लिए मदद करें।
ग्रामीणों ने पत्र में अनुरोध किया है की उनकी मांगों पर जल्द से जल्द कार्रवाई शुरू कर खदान का सुचारु रूप से संचालन किया जाए जिससे उनका रोजगार और आय के स्रोत में जो भय बना हुआ है उसे दूर किया जा सके। उनका कहना है कि सरगुजा के आदिवासियों के विकास को रोकने के लिए और अपने निजी स्वार्थ के लिए कुछ साधन संपन्न लोगों ने सोशल मीडिया पर खर्चीला और झूठा अभियान चलाया है।
अब देखना ये है कि रोजगार और नौकरी के भय से एक बार पुनः 350 किमी दूर से आए ग्रामीणों की यह गुहार कांग्रेस नेता राहुल गांधी और मुख्यमंत्री को सुनाई देती है या फिर उन्हें इसके लिए और जतन करने की आवश्यकता पड़ेगी।
माननीय प्रधान मंत्री की अमेरिका यात्रा के दौरान सेमीकंडक्टर संबंधी घोषणाएँ
सेमीकंडक्टर चिप्स मोबाइल फोन, लैपटॉप, टीवी, कार, ट्रेन आदि जैसी कई वस्तुओं के मूल में हैं जिनका हम अपने दैनिक जीवन में उपयोग करते हैं।
रायपुर/बिलासपुर: माननीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी ने भारत को देश के भीतर सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने का दृष्टिकोण दिया। 1 जनवरी 2022 को भारत के सेमीकंडक्टर कार्यक्रम की घोषणा की गई। इस कार्यक्रम का भारत में समग्र अर्धचालक पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने पर स्पष्ट ध्यान केंद्रित है।
माननीय प्रधान मंत्री मोदी जी द्वारा अमेरिका में सेमीकंडक्टर से संबंधित 3 घोषणाएं सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने की दिशा में हमारी यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर हैं।
1. पहली घोषणा यह है कि माइक्रोन टेक्नोलॉजी इंक भारत में एक नई सेमीकंडक्टर इकाई बनाने के लिए अगले 5 वर्षों में 2.75 बिलियन डॉलर (22,000 करोड़ रुपये से अधिक) का निवेश करेगी। माइक्रोन दुनिया की शीर्ष 10 सबसे बड़ी सेमीकंडक्टर कंपनियों में से एक है।
माइक्रोन की भारत इकाई पीसी, नेटवर्क उपकरण और डेटा केंद्रों में उपयोग किए जाने वाले मेमोरी और स्टोरेज उत्पादों का निर्माण करेगी। यह इकाई 5,000 का प्रत्यक्ष रोजगार और 15,000 का अप्रत्यक्ष रोजगार पैदा करेगी।
2. दूसरी घोषणा यह है कि एप्लाइड मटेरियल्स बेंगलुरु में एक सहयोगी इंजीनियरिंग केंद्र स्थापित करने के लिए अगले 4 वर्षों में 400 मिलियन अमेरिकी डॉलर (3,000 करोड़ रुपये से अधिक) से अधिक का निवेश करेगा। एप्लाइड मटेरियल्स सेमीकंडक्टर उपकरण, सेवाओं और सॉफ्टवेयर का एक प्रमुख आपूर्तिकर्ता है।
3. तीसरी घोषणा यह है कि लैम रिसर्च सेमीकंडक्टर उद्योग के लिए प्रतिभाओं को प्रशिक्षित करने के लिए भारत सेमीकंडक्टर मिशन के साथ हाथ मिलाएगा। लैम के "सेमीवर्स" वर्चुअल समाधान का उपयोग अगले 10 वर्षों में भारत में 60,000 इंजीनियरों को प्रशिक्षण देने के लिए किया जाएगा।
ये घोषणाएं भारत के लिए संपूर्ण सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने के लक्ष्य को प्राप्त करने में बड़ी सफलता साबित होंगी।
पिछले 40 वर्षों में एक के बाद एक सरकारों ने भारत में सेमीकंडक्टर उद्योग खड़ा करने का प्रयास किया है। हालाँकि, अब, माननीय प्रधान मंत्री मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व के परिणामस्वरूप, भारत का सपना पूरा हो रहा है।
पूरी दुनिया भारत को सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला में एक विश्वसनीय भागीदार के रूप में देख रही है।
केंद्र सरकार ने 11 नकली दवा निर्माताओं पर प्रतिबंध लगाया, 2 कंपनियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की गई
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने आज ऐसी 11 दवा कंपनियों पर कड़ी कार्रवाई की है जो अमानक और नकली दवाएं बनाकर लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रही थीं। इसका मुख्य कारण है कि विदेशों में भारतीय दवाओं पर सवाल उठने के बाद केंद्र सरकार ने नकली दवा निर्माताओं के खिलाफ सख्ती शुरू कर दी है। सरकार ने दवाओं की गुणवत्ता की जांच को तेज़ करने का निर्णय लिया है।
पिछले 6 महीनों में देश भर में 134 दवा कंपनियों का निरीक्षण किया गया है। सबसे बड़ी कार्रवाई हिमाचल प्रदेश में की गई है, जहां 26 कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। 11 कंपनियों पर स्टॉप प्रोडक्शन आदेश लागू किया गया है और 2 फार्मा कंपनियाँ बंद की गई हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के उच्च अधिकारियों के अनुसार, विदेशों में भारतीय दवाओं पर सवाल उठने के बाद से द्रग्स कंट्रोल ऑथॉरिटी (डीसीजीआई) और स्टेट ड्रग रेगुलेटर्स ने गुणवत्ता
परीक्षण के लिए निरीक्षण अभियान को तेज़ किया है। अब तक 134 दवा कंपनियों का निरीक्षण तीन अलग-अलग चरणों में किया गया है। इसमें पिछले तीन साल में अपने उत्पादन के कारण अक्षम रही कंपनियों के नामों का डेटा शामिल है।
इस निरीक्षण के दौरान हिमाचल प्रदेश के 51 यूनिट, उत्तराखंड में 22, मध्य प्रदेश में 14, गुजरात में 9, दिल्ली में 5, तमिलनाडु में 4, पंजाब में 4, हरियाणा में 3, राजस्थान में 2, कर्नाटक में 2, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, पुदुचेरी, केरल, जम्मू, सिक्किम, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, और उत्तर प्रदेश में एक-एक दवा कंपनी का निरीक्षण किया गया है। हिमाचल प्रदेश की 26 यूनिटों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
लापता पनडुब्बी को ढूंढने के दौरान टाइटैनिक के पास मिला मलबा, पनडुब्बी में कुल पांच लोग थे सवार...
ओशनगेट कंपनी की पनडुब्बी टाइटन रविवार (18 जून) को समुद्र के अंदर लापता हो गई थी. अब इसके सर्च ऑपरेशन के दौरान बड़ी खबर सामने आ रही है. यूएस कोस्ट गार्ड ने बताया कि लापता पनडुब्बी को ढूंढने के दौरान टाइटैनिक जहाज के पास मलबा मिला है.
एपी की रिपोर्ट के अनुसार, लापता टाइटन पनडुब्बी से जुड़े अभियान की तलाश में 96 घंटे का समय लग चुका है और पनडुब्बी के अंदर सांस लेने लायक ऑक्सीजन खत्म होने की आशंका है. रविवार (18 जून) को पनडुब्बी टाइटैनिक के मलबे की ओर जाते समय लापता हो गई. यह पर्यटकों को टाइटैनिक तक ले जा रही थी और संपर्क टूट जाने के बाद से अचानक गायब हो गई.
पनडुब्बी में पांच लोग थे सवार
हादसे के दौरान पनडुब्बी में पांच लोग सवार थे. पाकिस्तानी मूल के अरबपति कारोबारी शहजादा दाऊद और उनके बेटे सुलेमान दाऊद इस पनडुब्बी पर सवार पांच यात्रियों में शामिल हैं. इस सर्च मिशन ने अंतरराष्ट्रीय ध्यान आकर्षित किया है. इस बचाव कार्य में अमेरिका, कनाडा, फ्रांस और यूनाइटेड किंगडम के कर्मी हैं.
एक्सपर्ट कर रहे मलबे की जांच
यूएस कोस्ट गार्ड ने गुरुवार (22 जून) को कहा सर्च एंड रेस्क्यू टीम ने टाइटैनिक के पास मलबा देखा था, जब वह एक लापता पर्यटक पनडुब्बी की तलाश कर रहा था. एक्सपर्ट अब इसकी जांच कर रहे हैं. मलबे की खोज कनाडाई जहाज होराइजन आर्कटिक से जुड़े एक ROV की तरफ से की गई.
यात्रा में लगता है 8 घंटे का समय
बता दें कि, लापता पनडुब्बी 6.7 मीटर लंबी, 2.8 मीटर चौड़ी और 2.5 मीटर ऊंची है. एपी रिपोर्ट के मुताबिक, इसमें 5 लोगों के लिए 96 घंटों की ऑक्सीजन है. यात्रा में कुल आठ घंटे लगते हैं. जिसमें अकेले टाइटैनिक को देखने में चार घंटे का समय लगता है.
एक द्रोणिका दक्षिण पंजाब से उत्तर प्रदेश के मध्य भाग तक 1.5 किलोमीटर ऊंचाई तक विस्तारित है।
दक्षिण पश्चिम मानसून तेलंगाना के कुछ और भाग, आंध्र प्रदेश के बचे हुए भाग, उड़ीसा के कुछ भाग, पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी के सभी भाग, उत्तर पश्चिम बंगाल की खाड़ी के कुछ और भाग, गंगेटिक पश्चिम बंगाल के कुछ और भाग, झारखंड और बिहार को आज दिनांक 22 जून को मानसून पहुंच गया है।
मानसून की उत्तरी सीमा रत्नागिरी, रायचूर, खम्मम, मलखानगिरी, परलाखमुंडी, हल्दिया, बोकारो, पटना, रक्सौल है।
मानसून को आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल है।
अनुकूल परिस्थिति में अगले 2 से 3 दिन में दक्षिण भारत के प्रायद्वीपीय भाग, उड़ीसा के शेष भाग, गंगेटिक पश्चिम बंगाल, झारखंड और बिहार तथा छत्तीसगढ़ के कुछ भाग, उत्तर प्रदेश के कुछ भाग, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश में पहुंचने की संभावना है।
एक ऊपरी हवा का चक्रीय चक्रवाती परिसंचरण पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी, उससे लगे उत्तर पश्चिम बंगाल की खाड़ी-तटीय आंध्र प्रदेश के उत्तरी भाग-दक्षिण तटीय उड़ीसा के ऊपर 3.1 किलोमीटर से 5.8 किलोमीटर ऊंचाई तक विस्तारित है।
प्रदेश में कल दिनांक 23 जून को अनेक स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने तथा अथवा गरज चमक के साथ छींटे पड़ने की संभावना है।
प्रदेश में एक-दो स्थानों पर गरज चमक के साथ अंधड़ चलने वज्रपात होने तथा भारी वर्षा होने की संभावना है।
प्रदेश में अधिकतम तापमान में गिरावट लगातार जारी रहने की संभावना है।
प्रदेश में कल से अधिकतम तापमान में गिरावट का दौर प्रारंभ होने की प्रबल संभावना
दक्षिण-पश्चिम मानसून के दक्षिण पेनिनसुला इंडिया के कुछ और भाग, उड़ीसा के कुछ और भाग, गंगेटिक पश्चिम बंगाल के कुछ और भाग, झारखंड, बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ भाग में अगले 2 से 3 दिनों में पहुंचने की संभावना है।
मानसूनी हवा कुछ और प्रबल हुआ है।
एक द्रोणिका दक्षिण पंजाब से पश्चिम विहार तक 0.9 किलोमीटर ऊंचाई तक विस्तारित है।
एक ऊपरी हवा का चक्रीय चक्रवाती परिसंचरण पश्चिम मध्य उससे लगे उत्तर पश्चिम बंगाल की खाड़ी, उत्तर आंध्र प्रदेश, दक्षिण उड़ीसा तट के ऊपर 3.1 किलोमीटर ऊंचाई पर स्थित है ।
कल दिनांक 22 जून को कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने अथवा गरज के साथ छीटें पड़ने की संभावना है। प्रदेश में गरज चमक के साथ अंधड़ चलने तथा वज्रपात होने की भी संभावना है।
प्रदेश में कल से अधिकतम तापमान में गिरावट का दौर प्रारंभ होने की प्रबल संभावना है। साथ ही लू चलने या लू जैसी स्थिति खत्म होने की सम्भावना है ।
प्रदेश में वर्षा का मात्रा और क्षेत्र दोनों बढ़ने की सम्भावना है ।
प्रदेश में कल दिनांक 21 जून को एक दो स्थानों पर हल्की वर्षा होने अथवा गरज के साथ छींटे पड़ने की संभावना है
दक्षिण पश्चिम मानसून आगे बढ़ते हुए कर्नाटक के कुछ और भाग, आंध्र प्रदेश, पश्चिम मध्य और उत्तर पश्चिम बंगाल की खाड़ी, गंगेटिक पश्चिम बंगाल के कुछ भाग और झारखंड, बिहार के कुछ भाग, हिमालयीन पश्चिम बंगाल के शेष भाग और सिक्किम में आज दिनांक 19 जून को पहुंच गया है।
मानसून की उत्तरी सीमा रत्नागिरी, रायचूर, कवाली, कनिंग, श्रीनिकेतन, दुमका है।
मानसून को आगे बढ़ने के लिए अनुकूल परिस्थितियां बना हुआ है। अगले 2 से 3 दिनों में दक्षिण भारत के कुछ भाग, उड़ीसा के कुछ भाग, गंगेटिक पश्चिम बंगाल के कुछ और भाग, झारखंड, बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में पहुंचने की संभावना है।
एक द्रोणिका सिक्किम से दक्षिण झारखंड तक 0.9 किलोमीटर ऊंचाई तक विस्तारित है।
प्रदेश में एक-दो स्थानों पर गरज चमक के साथ वज्रपात होने तथा अंधड़ चलने की भी संभावना है।
प्रदेश के मध्य और उत्तरी भाग के कुछ जिलों में ग्रीष्म लहर की स्थिति बने रहने की संभावना है।
*खाद्य पदार्थों की पैकेजिंग के लिए अखबार का न करें इस्तेमाल, खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने खाद्य कारोबारियों और लोगों से की अपील*
*अखबार की छपाई में उपयोग होने वाली स्याही में होते हैं कई खतरनाक रसायन व रंजक, ये मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक*
*इससे पाचन संबंधी विकार, टॉक्सिसिटी, कैंसर, महत्वपूर्ण अंगों की विफलता तथा प्रतिरक्षा तंत्र हो सकता है कमजोर*
*बार-बार समझाईश के बाद भी कोई खाद्य कारोबारी न माने तो खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग में करें शिकायत*
रायपुर: राज्य शासन के खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने खाद्य पदार्थों की पैकेजिंग के लिए अखबार का इस्तेमाल नहीं करने की अपील की है। अखबार की छपाई में उपयोग होने वाली स्याही में कई खतरनाक रसायनों एवं रंजकों की मौजूदगी के मद्देनजर विभाग ने खाद्य कारोबारियों और लोगों से आग्रह किया है कि वे फूड पार्सल में छपे हुए कागजों का उपयोग न करें। यह मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। बार-बार समझाईश के बाद भी यदि कोई खाद्य कारोबारी इसका पालन नहीं करता है तो खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग में इसकी शिकायत की जा सकती है।
खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि समाचार पत्र दैनिक जीवन में सूचना के महत्वपूर्ण स्त्रोत हैं। न्यूनतम लागत होने के कारण खाद्य पदार्थो को लाने-ले जाने के लिए अक्सर छपाई के लिए उपयोग किए जाने वाले अखबारी कागज/पेपर का उपयोग किया जाता है। फूड पार्सल लाने के लिए आमतौर पर फूड्स को अखबार में लपेटा जाता है जिसका इस्तेमाल ज्यादातर स्ट्रीट फूड के लिए किया जाता है। विक्रेता भोजन पैक करने के लिए और आमजन घर पर भी गहरे तले हुए भोजन से अतिरिक्त तेल निकालने के लिये अक्सर छपाई के लिए उपयोग किए जाने वाले अखबारी कागज/पेपर का उपयोग करते हैं। सेहत की दृष्टि से यह बहुत हानिकारक है।
पर्यावरणीय परिस्थितियों से भोजन को संदूषण से बचाने के लिए खाद्य पैकेजिंग आवश्यक है। लेकिन अखबार का उपयोग किए जाने से भोजन में स्याही का स्थानांतरण होता है जो भोजन की गुणवत्ता और सुरक्षा को प्रभावित करता है। यह मानव स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक है। अखबार की छपाई में प्रयुक्त स्याही में डाई आइसोब्यूटाइल फटालेड, डाइएन आइसोब्यूटाइलेट जैसे हानिकारक रसायन एवं कई तरह के हानिकारक रंजक होते हैं, जो तेल के साथ मिल जाते हैं और खाने के जरिए हमारे शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। इससे हमारे शरीर में पाचन संबंधी विकार, टॉक्सिसिटी, विभिन्न तरह के कैंसर, महत्वपूर्ण अंगों की विफलता तथा प्रतिरक्षा तंत्र का कमजोर होना जैसी कई बीमारियां होने की संभावना रहती है।
खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने लोगों और खाद्य कारोबारियों से अपील की है कि खाने के स्टॉल से खाने-पीने की चीजें लेने-देने के लिए छपाई के लिए उपयोग किए जाने वाले अखबारी कागज/पेपर का उपयोग न करें। यदि कोई खाद्य कारोबारी ऐसा करता है तो उसे इसके दुष्प्रभाव की जानकारी दें। इससे होने वाले नुकसान के बारे में बताएं और ऐसा न करने की सलाह दें। यदि कोई बार-बार समझाईश के बाद भी न माने तो कार्यालय नियंत्रक, खाद्य एवं औषधि प्रशासन ब्लॉक-1, चतुर्थ तल, इंद्रावती भवन, अटल नगर नवा रायपुर के टेलीफोन नम्बर 0771-2235226, फैक्स नम्बर 2511988 और ईमेल आईडी controllerraipur@gmail.com पर सूचित करें।
*नशामुक्ति अभियान की रणनीति तैयार करने 22 जून को बैठक आयोजित*
रायपुर: समाज कल्याण विभाग के द्वारा नशामुक्ति अभियान की रणनीति तैयार करने के लिए परामर्श बैठक का आयोजन 22 जून को दोपहर 12 बजे राजधानी रायपुर स्थित एक निजी हॉटल में किया जाएगा।
समाज कल्याण संचालनालय से मिली जानकारी के अनुसार इस बैठक में छत्तीसगढ़ को पूर्णतः नशामुक्त करने के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर इसका क्रियान्यवन किया जाएगा। बैठक में व्यक्ति द्वारा नशापान करने के कारण, नशामुक्त करने के उपाय, जागरूकता सृजन की विस्तृत रूपरेखा पर विस्तृत सुझाव लिए जाएंगे। इसके साथ ही नशामुक्ति पश्चात आर्थिक और सामाजिक पुनर्वास की व्यवस्था एवं इससे संबंधित सुझाव अभिमत और परामर्श कर रणनीति तैयार की जाएगी।
*दुनिया के सबसे मंहगे आम ने लोगों को किया आकर्षित*
*जापान की मियाजकी किस्म के एक आम में होते है, दो तरह के स्वाद*
रायपुर: दुनिया के सबसे मंहगे आम को देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ी। जापानी प्रजाति के आम के इस किस्म की कीमत प्रतिकिलो दो लाख 70 हजार रूपए है। जापान की मियाजकी आम की खासियत यह है कि एक ही आम में दो तरह के स्वाद मिलता है। गौरतलब है कि राजधानी रायपुर में लगाए गए आमों की प्रदर्शनी में 200 किस्मों के आम प्रदर्शित किए गए थे। इस प्रदर्शनी का आयोजन 17 से 19 जून तक पंजाब केसरी भवन में उद्यान विभाग और प्रकृति की ओर सोसायटी के संयुक्त तत्वाधान में किया गया।
इस प्रदर्शनी के मुख्य आकर्षण का केंद्र दो किस्म के आम, एक हाथीझूल एवं दूसरा मियाजकी की रही। हाथीझूल आम दुनिया के सबसे बड़े आकार के किस्म के आम होते हैं, जो 2 से 5 किलो तक के वजन के होते हैं। दूसरा आकर्षण का केंद्र ‘मियाजकी आम‘ ने अपने अनोखी किस्म और महंगी कीमत से लोगों को आकर्षित किया। दुनिया के सबसे महंगे आम जो की जापान की एक किस्म है, उसकी कीमत अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में एक लाख 82 हजार रूपए प्रति नग है एवं वजन 639 ग्राम है। इस आम का वजन अधिकतम 900 ग्राम तक होता है और 2 लाख 70 हजार रूपए प्रति किलो की कीमत होती है। ‘मियाजकी आम‘ की एक और खासियत है कि पेड़ पर लगे हुए फलन के दौरान जहां पर धूप पड़ती है वहां का स्वाद अलग होता है, दूसरी तरफ से जहां छाया में यह फलता है। इस तरह यह एक आम दो तरह के स्वाद देता है।
प्रदर्शनी में कुल 61 किस्म के आम प्रतियोगिता के लिए पंजीकृत हुए। इस प्रदर्शनी में 200 से अधिक किस्म के आम राज्य के 33 जिलों की शासकीय रोपणियों एवं कृषकों ने हिस्सा लिया। प्रतियोगिता में 700 आम के प्रदर्शों को किस्मवार अवलोकन कर 15 किस्मों के उत्कृष्ट प्रदर्श को प्रथम, 15 को द्वितीय एवं 15 को सांत्वना पुरस्कार प्रदाय किया गया।
*राष्ट्रीय योगा ओलंपियाड में छत्तीसगढ़ टीम ने दिखाया हुनर*
*अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस*
*भोपाल में 16 बालक-बालिकाओं ने योग कलाओं का किया प्रदर्शन*
रायपुर: अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर भोपाल मध्यप्रदेश में 18 से 20 जून तक आयोजित राष्ट्रीय ओलंपियाड में छत्तीसगढ़ की टीम अपने हुनर का प्रदर्शन कर लोगों का दिल जीत रही है। राष्ट्रीय ओलंपियाड में छत्तीसगढ़ से गई 16 छात्र-छात्राओं की टीम विभिन्न योग कलाओं का प्रदर्शन कर अपना जौहर दिखा रही है।
राष्ट्रीय ओलंपियाड में भाग लेने छत्तीसगढ़ से दल प्रबंधक श्री छगन लाल सोनवानी, कोच श्री ई.लक्ष्मण राव, गजेन्द्र बघेल, श्रीमती महिमा शुक्ला सहित 16 बालक-बालिकाओं की टीम भोपाल गई है। बालक-बालिकाओं का चयन राष्ट्रीय योग ओलंपियाड के लिए जिला, संभाग, राज्य स्तरीय प्रतियोगिता आयोजित कर किया गया है। इस योग प्रतियोगिता में देश के सभी राज्यों एवं केन्द्र शासित राज्यों से 8 बालक और 8 बालिकाएं शामिल होती हैं।
छत्तीसगढ़ से 10 से 14 आयु वर्ग में बालिका कु. प्रियंका बांधे, पायल निर्मलकर, रीना बढ़ाई और खिलेश्वरी साहू भाग ले रही है। वहीं इस वर्ग में बालकों में मो.आसिफ अली, सामर्थ पाध्ये, गीतेश्वर निर्मल कर और लव कुमार रहंगडाले छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। इसी तरह 14 से 16 आयु की बालिकाओं वर्ग में छत्तीसगढ़ से कु. दुर्गावती राजभर, नंदनी निर्मलकर, जिया साकरे, खिलेश्वरी वर्मा और बालक वर्ग में श्री रवि शर्मा, प्रमोद शिवंकर, तेजस पाध्ये, मेघराज भाग ले रहे हैं।
सार्वजनिक जीवन में तनाव रोकथाम की दिशा में प्रभावी प्रबंधन-विधान सभा अध्यक्ष डाॅ. चरणदास महंत.
विधान सभा अध्यक्ष डाॅ. चरणदास महंत ने मुंबई में आयोजित ‘‘राष्ट्रीय विधायक सम्मेलन भारत’’ में दूसरे दिन के सत्र में भाग लिया.
रायपुर: ’’राष्ट्रीय विधायक सम्मेलन भारत’’ के सम्मेलन का उद्घाटन मान. लोक सभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला ने किया। इस अवसर पर मान. अध्यक्ष छत्तीसगढ़ विधान सभा डाॅ. चरणदास महंत उपस्थित थे । उद्घाटन अवसर पर देश की विधानसभा/विधान परिषद के मान. अध्यक्ष/सभापति, मान. उपाध्यक्ष/मान. उपसभापति, मान. विधायकगण एवं समस्त विधान मंडलों/विधान परिषदों के मान. सचिव एवं सूचना/ मीडिया अधिकारी सम्मिलित हुए ।
सम्मेलन में प्रथम सत्र के दौरान विधानसभा सदस्यों (विधायकों) और विधान परिषदों (एमएलसी) के सदस्यों का आपस में सौजन्य मिलन (भेंट) कार्यक्रम, उद्घाटन समारोह रखा गया। तदुपरांत द्वितीय सत्र में विषयगत समानांतर सत्र, गोल मेज चर्चा, आदि कार्यक्रम रखा गया।
सम्मेलन के दौरान दूसरे दिन के सत्र में मान. छत्तीसगढ़ विधान सभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने ’’सार्वजनिक जीवन में तनाव प्रबंधन’’ से संबंधित सत्र में अपने संबोधन में कहा कि.तनाव मूल रूप से मन के अनुकूल नहीं होने की एक ऐसी अवस्था है जिसके कारण कार्यो, विचारों, अपेक्षाओं और स्वयं के जीवन प्रबंधन के मध्य आपसी तालमेल का अभाव होता है। पूरा विश्व समुदाय तनाव, इससे पैदा होने वाले अन्य शारीरिक एवं मानसिक बीमारियों की रोकथाम की दिशा में प्रयासरत् है और इसके लिए जीवनशैली में बदलाव के साथ, जीवन के बेहतर प्रबंधन हेतु विभिन्न प्रभावी उपायों पर जोर दिया जा रहा है ।
इस अवसर पर सत्र के दौरान सिक्किम विधान सभा के मान. अध्यक्ष श्री अरूण कुमार उप्रेती छत्तीसगढ विधान सभा के मान. नेता प्रतिपक्ष श्री नारायण चंदेल, देश की विभिन्न विधान सभाओं के 56 मान. सदस्य सहित छत्तीसगढ विधान सभा के 29 मान. सदस्य भी उपस्थित रहे ।
इसके अलावा सम्मेलन के पहले दिन के सत्र में मान. अध्यक्ष छत्तीसगढ़ विधान सभा डाॅ. चरणदास महंत ने अपने सम्बोधन में देश के समस्त मान. अध्यक्षों से आव्हान भी किया था कि वे सभी एक मंच पर आकर देश के विकास में अग्रसर हों।
‘‘राष्ट्रीय विधायक सम्मेलन भारत’’ भारत का पहला गैर-पक्षपातपूर्ण संगठन है। राजनीति में शामिल होने के इच्छुक युवाओं को राजनीतिक प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए वर्ष 2005 में श्री राहुल वी. कराड द्वारा एमआईटी स्कूल ऑफ गवर्नमेंट (एमआईटी-एसओजी) स्थापना की थी।