हनुमान जयंती पर रहेगा भद्रा का साया, इस मुहूर्त में करें बजरंगबली की पूजा
-पंडित यशवर्धन पुरोहित
हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि को भगवान राम के अनन्य भक्त हनुमान जी का जन्म हुआ था। यही वजह है कि इस दिन देशभर में हनुमान जयंती बड़े धूमधाम से मनाई जाती है। शास्त्रों के अनुसार, हनुमान जी का जन्म वानरराज केसरी और माता अंजना के घर चैत्र पूर्णिमा के दिन हुआ था। मान्यता है कि इस दिन विधिवत पूजा, व्रत और श्री हनुमान चालीसा का पाठ करने से जीवन के सभी दुख-दर्द समाप्त हो जाते हैं और सुख-शांति का वास होता है। हनुमान जी को बजरंगबली, संकटमोचन और अंजनीपुत्र नामों से भी जाना जाता है। इस जयंती पर हनुमान मंत्रों का जाप करना विशेष फलदायी माना गया है। ऐसे में आइए जानते हैं हनुमान जयंती की शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, मंत्र, आरती, कथा सहित अन्य जान
हनुमान जयंती 2025 की तिथि
वैदिक पंचांग के अनुसार, चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 12 अप्रैल 2025 को सुबह 3 बजकर 21 मिनट पर होगी और इस तिथि का समापन 13 अप्रैल को सुबह 5 बजकर 51 मिनट पर होगा। ऐसे में इस साल हनुमान जयंती 12 अप्रैल, शनिवार को मनाई जाएगी।
हनुमान जयंती 2025 तिथि और शुभ मुहूर्त
चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि का आरंभ- 12 अप्रैल को सुबह 3 बजकर 21 मिनट से
चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि समाप्त- 13 अप्रैल को सुबह 5 बजकर 51 मिनट तक
हनुमान जन्मोत्सव तिथि- 12 अप्रैल 2025, शनिवार
हनुमान जयंती पर रहेगा भद्रा का साया
ज्योतिष की मानें तो इस बार हनुमान जन्मोत्सव के दिन भद्रा काल का साया रहने वाला है। ऐसे में इस दिन आप ब्रह्म मुहूर्त में या फिर भद्रा काल खत्म होने के बाद हनुमान जी की पूजा कर सकते हैं। वैदिक पंचांग के अनुसार, भद्रा का समय 12 अप्रैल सुबह 06 बजकर 22 मिनट से शाम 04 बजकर 35 मिनट तक रहेगा।
हनुमान जी का भोग
हनुमान जी को बूंदी के लड्डू अति प्रिय है। इसके अलावा इस दिन आप हनुमान जी को गुड़-चना, इमरती, जलेबी, लड्डू, पान का बीड़ा, खीर और फल आदि का भोग लगाएं।
हनुमान जयंती व्रत पारण का शुभ मुहूर्त
हनुमान जयंती का पारण 13 अप्रैल 2025 को किया जाएगा। पंचांग के अनुसार, 13 अप्रैल को सुबह 05 बजकर 58 मिनट के बाद आप किसी भी समय व्रत का पारण कर सकते हैं।
हनुमान जन्मोत्सव पूजा का शुभ मुहूर्त
शुभ – उत्तम: सुबह 07:35 से 09:10 तक
लाभ – उन्नति: दोपहर 01:58 से 03:34 तक
अमृत – सर्वोत्तम: दोपहर 03:34 से शाम 05:09 तक
अभिजीत मुहूर्त- सुबह 11:56 से दोपहर 12:48 तक
ब्रह्म मुहूर्त- सुबह 04:29 से 05:14 तक
श्री हनुमान जी की आरती
आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।।
जाके बल से गिरिवर कांपे। रोग दोष जाके निकट न झांके।।
अंजनि पुत्र महाबलदायी। संतान के प्रभु सदा सहाई।।
दे बीरा रघुनाथ पठाए। लंका जारी सिया सुध लाए।।
लंका सो कोट समुद्र सी खाई। जात पवनसुत बार न लाई।।
लंका जारी असुर संहारे। सियारामजी के काज संवारे।।
लक्ष्मण मूर्छित पड़े सकारे। आणि संजीवन प्राण उबारे।।
पैठी पताल तोरि जमकारे। अहिरावण की भुजा उखाड़े।।
बाएं भुजा असुर दल मारे। दाहिने भुजा संतजन तारे।।
सुर-नर-मुनि जन आरती उतारे। जै जै जै हनुमान उचारे।।
कंचन थार कपूर लौ छाई। आरती करत अंजना माई।।
लंकविध्वंस कीन्ह रघुराई। तुलसीदास प्रभु कीरति गाई।।
जो हनुमानजी की आरती गावै। बसी बैकुंठ परमपद पावै।।
हनुमान जन्मोत्सव पर करें इन मंत्रों का जाप
हं हनुमते नमः:।
ॐ नमो हनुमते रूद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय सर्वरोग हराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा।
ॐ नमो हनुमते आवेशाय आवेशाय स्वाहा।
ॐ महाबलाय वीराय चिरंजिवीन उद्दते. हारिणे वज्र देहाय चोलंग्घितमहाव्यये। नमो हनुमते आवेशाय आवेशाय स्वाहा।
हनुमन्नंजनी सुनो वायुपुत्र महाबल: अकस्मादागतोत्पांत नाशयाशु नमोस्तुते।