छत्तीसगढ़ / जशपुर
कलेक्टर और एसपी ने मयाली नेचर कैम्प में तैयारी का लिया जायजा
जशपुरनगर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आगामी 21 अक्टूबर को जशपुर में होने वाला सरगुजा क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण बैठक में शामिल होंगे। इसी कड़ी में तैयारी का जायजा लेने कलेक्टर डॉ रवि मित्तल और पुलिस अधीक्षक शशि मोहन सिंह कुनकुरी विकास के मयाली नेचर कैम्प पहुंचे। उन्होंने अधिकारियों हैलिपैड, बैठक व्यवस्था, भोजन, पार्किंग, बैरिकेटिंग, पेयजल, शौचालय बनाने के साथ ही सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने नेचर कैम्प की साफ सफाई रंग रोगन करने के लिए कहा है।
पुलिस अधीक्षक शशि मोहन सिंह ने गाड़ियों की पार्किंग और प्रवेश द्वार सहित अन्य सारी व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है। प्रवेश द्वार अलग अलग बनाने के लिए कहा है। ताकि किसी को प्रवेश करने में कोई परेशानी न होने पाए। इस अवसर पर अपर कलेक्टर प्रदीप कुमार साहू और जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।
ट्रैक्टर-ट्राली पलटने से 3 ग्रामीणों की मौत, 8 घायल, चालक फरार
जशपुर। जशपुर जिले में रविवार सुबह एक दर्दनाक हादसा हुआ, जिसमें ट्रैक्टर ट्राली पलटने से 3 ग्रामीणों की मौत हो गई और 8 लोग घायल हो गए। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां दो की हालत गंभीर बताई जा रही है। यह घटना जशपुर के पत्थलगांव थाना क्षेत्र के मिर्जापुर गांव के पास हुई।
मिली जानकारी के अनुसार, ग्राम सुरेशपुर हर्रामार में दशहरा पर्व के अवसर पर नाटक का आयोजन किया गया था। शनिवार को पंडरीपानी गांव के ग्रामीण ट्रैक्टर ट्राली में सवार होकर नाटक देखने पहुंचे थे। रविवार तड़के सुबह 3 से 4 बजे के बीच सभी ग्रामीण वापस अपने गांव लौट रहे थे, तभी मिर्जापुर गांव के पास ट्रैक्टर अनियंत्रित होकर पलट गया।
हादसा इतना भीषण था कि तीन ग्रामीणों की मौके पर ही मौत हो गई। मृतकों में रनिका बाई, हिरासो बाई और एक अन्य बुजुर्ग महिला शामिल हैं। दुर्घटना में 8 लोग घायल हुए, जिन्हें स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घायलों में बुछछू राम, गीता सिदार, भगवती सिदार, चंदन कुंवर, सुनीता कोरवा, नंदू बाई, पुष्पांजली और सिरोमती शामिल हैं।
पुलिस का कहना है कि हादसे के बाद ट्रैक्टर चालक फरार हो गया है। पुलिस ने मृतकों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच की जा रही है।
इस घटना ने इलाके में शोक की लहर फैला दी है, और प्रशासन ने भी मामले की जांच के निर्देश दिए हैं।
ट्रैक्टर के पलटने से ट्राली में बैठे तीन सवारों की मौत
जशपुर। जशपुर जिले में आज तड़के हुआ, जहां तेज रफ्तार ट्रैक्टर के पलटने से ट्राली में बैठे तीन सवारों की मौत हो गई, वहीं आधा दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए. दो घायलों की हालत गंभीर है. जानकारी के अनुसार, दहशरा पर्व के मौके पर सुरेशपुर हर्रामार गांव में नाटक का आयोजन किया गया था। जिसे देखने के लिए पंडरीपानी से करीब 30 ग्रामीण ट्रेक्टर ट्राली में सवार होकर गए थे।
नाटक देखने के बाद लौटते समय रविवार की तड़के 4 बजे ट्रैक्टर अनियंत्रित होकर मिर्जापुर गांव के समीप सड़क के किनारे पलट गई। ट्रैक्टर ट्राली के नीचे दबने से 2 महिला समेत 3 लोगों की मौत हो गई. वहीं आठ लोग घायल हो गए. आनन- फानन में एम्बुलेंस की मदद से सभी घायलों को सिविल अस्पताल पत्थलगांव में भर्ती कराया गया हैं. समाचार लिखे जाने तक पुलिस मौके पर नहीं पहुंची थी. वहीं घटनास्थल पर लोगों की हुजूम उमड़ा हुआ है। घटना के बाद से परिजनों में कोहराम मचा हुआ है।
विष्णु के सुशासन में तेजी से बदल रही गांव की तस्वीर
ग्राम घुघरी में बड़ी संख्या में लोग हो रहे योजनाओं से लाभान्वित
रायपुर : छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के कुशल नेतृत्व में राज्य के गांवों की तस्वीर तेजी से बदल रही है। विभिन्न विभागों की योजनाओं से बड़ी संख्या में लोगों को फायदा मिल रहा है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत् 56 जरूरतमंद परिवारों को पक्के आवास उपलब्ध कराए गए हैं और 483 परिवारों के मनरेगा जॉब कार्ड बनाए गए हैं।
जशपुर जिले के बगीचा विकासखण्ड के ग्राम पंचायत घुघरी जिला मुख्यालय जशपुर से 93 किलोमीटर दूर स्थित है। इस गांव में पंचायत की बैठकों में गांव की समस्याओं का समाधान नियमित रूप से किया जा रहा है। गांव में 567 लोगों का राशन कार्ड बनाया गया हैं जिनमें 37 एपीएल कार्ड, 407 बीपीएल कार्ड शामिल हैं।
आंगनबाड़ी केन्द्र के माध्यम से 216 बच्चों को पोषण आहार का लाभ मिल रहा है। धात्री और गर्भवती महिलाओं के लिए भी पूरक पोषण आहार की व्यवस्था की गई है। सामाजिक सुरक्षा के लिए 342 लोगों को पेंशन योजनाओं से जोड़ा गया है। महिला सशक्तिकरण के उददेश्य से 36 स्व-सहायता समूहों का गठन कर 412 महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ा गया है।
घुघरी निवासी मंगरी बाई ने बताया कि उन्हें हर महिना 500 रूपए पेंशन मिलती है। उसी पैसे से अपना जीवन यापन करती हैं। परिवार के पालन पोषण करने में सहायता मिल रही हैं। विनोद राम ने बताया कि मनरेगा में गांव के लोग काम करने जाते हैं। गांव के लोगों का जॉब कार्ड बना है। मनरेगा में कार्य करके उनके परिवार के लोग मिलकर 28 हजार रूपए तक कमा लेते हैं, इससे घर परिवार अच्छी तरह से चल रहा है।
विशेष पिछड़ी जनजाति की लखपति दीदी लीलावती बाई समुदाय के लिए बनी प्ररेणा
रायपुर : लखपति दीदी के नाम से अपनी पहचान बनाने वाली विशेष पिछड़ी जनजाति कोरवा समुदाय की लीलावती बाई आज क्षेत्र में अपने समुदाय के लिए एक प्रेरणा बन गई है। अब लीलावती बाई दोना-पत्तल निर्माण के व्यवसाय से 65 हजार रुपये से अधिक की वार्षिक आय अर्जित कर रही हैं। इसके अलावा, वे कृषि कार्य और लघु वनोपज के संग्रह एवं विक्रय से भी लगभग 40 हजार रुपये कमाती हैं। आज वह अपनी कमाई से प्रसन्न है और बताती है कि बिहान योजना ने उनकी जिंदगी बदल दी। लीलाबाई को देखकर क्षेत्र के अन्य महिलाएं भी जागरूक होकर बिहान योजना से आर्थिक रूप से संबल हो रहे है।
जशपुर जिले के बगीचा विकासखंड के ग्राम पंचायत कुटमा जहाँ मुख्य रूप से विशेष पिछड़ी जनजाति के लोग निवासरत हैं। यहां की निवासी लीलावती बाई का प्रमुख आजीविका का स्रोत कृषि और मजदूरी था। उनकी आय इतनी नहीं थी कि वे अपने परिवार की आवश्यकताओं को ठीक से पूरा कर सकें। उनकी स्थिति में बदलाव आना तब शुरू हुआ जब वह राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान योजना) के अंतर्गत उन्हें मीनू लक्ष्मी महिला स्व-सहायता समूह से जोड़ा गया। इस मिशन के माध्यम से उन्हें विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता प्राप्त हुई। लीलावती बाई ने अपने समूह के साथ मिलकर दोना-पत्तल निर्माण का कार्य शुरू किया। उन्हें शुरुआत में योजना के अंतर्गत 15 हजार रुपये की रिवॉल्विंग फंड राशि और 60 हजार रुपये की सामुदायिक निवेश कोष राशि मिली। इसके बाद मार्च 2022 में उन्हें बैंक लिंकेज के माध्यम से 2 लाख रुपये की राशि स्वीकृत हुई। जिससे उन्होंने दोना-पत्तल निर्माण के लिए मशीन खरीदी और इसका प्रशिक्षण लिया।
राष्ट्रीय आजीविका मिशन से जुड़ने से पहले लीलावती की आय सीमित थी, इससे बमुश्किल ही उनका गुजारा हो पाता था। बिहान से जुड़ने के बाद उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार आना शुरू हो गया। आज वह खुश होकर बताती है कि अब वह अपनी जरूरतों को आसानी से पूरा कर पा रही है।
पहाड़ी कोरवा जगतपाल बना पक्का मकान मालिक
रायपुर : रोटी, कपड़ा और मकान जीवन की तीन सबसे मूल आवश्यकता है, जिनकी पूर्ति के लिए हर व्यक्ति लगातार प्रयास करता है। विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में जहां आजीविका के सीमित संसाधन होते हैं, वहां लोग अपने परिवार की बुनियादी जरूरत को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं, ऐसे में यदि इनकी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए शासकीय सहायता मिल जाए तो जीवन की बड़ी से बड़ी परेशानियों से छुटकारा पाया जा सकता है।
श्री जगतपाल राम के लिए भारत सरकार द्वारा संचालित पीएम आवास योजना वरदान साबित हुआ। जिसके तहत पहाड़ के नीचे बस्ती छतौरी में पीएम जनमन आवास योजना के तहत उनका पक्का आवास के साथ शौचालय बनकर तैयार है। जगतपाल अपने पक्के मकान का मालिक बन गया है और अब वे खुशहाल जीवन व्यतीत कर रहे हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय को ऐसे जनकल्याणकारी योजना के लिए आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद दिया।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने राज्य में निवासरत दूरस्थ अंचल के लोगों तक बुनियादी सुविधाएं के साथ जनकल्याणकारी योजनाओं से पात्र हितग्राहियों को लाभान्वित करने के निर्देश दिए हैं। इन योजनाओं में से प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण बेसहरा और जरूरतमंद परिवारों के पक्के घर के सपनों को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
जशपुर जिले के विकासखंड मनोरा के ग्राम पंचायत करदना में इस योजना के तहत मिले आर्थिक सहयोग से कई परिवारों के जीवन में रोशनी आई है।
जिले के सुदूर क्षेत्र में रहने वाली विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा समुदाय के जगतपाल झोपड़ी बनाकर निवास करते थे। जिन्हें बरसात के मौसम में प्रतिवर्ष छत से बारिस का पानी टपकता था, सांप बिच्छू जैसे जहरीलें जीव-जंतुओं का डर बना रहता था। हर साल छत की मरम्मत करने में जमा पूंजी खर्च हो जाती थी, समुचित रोशनी की भी व्यवस्था नहीं थी।
विष्णु के सुशासन में तेजी से बदल रही गांव की तस्वीर
विकास और समाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में ग्राम पंचायत घुघरी विकास और बदलाव की नई परिभाषा गढ़ रहा
महिला सशक्तिकरण के तहत् स्व सहायता समूहों की 412 महिलाओं को रोजगार से जोड़ा गया
जशपुरनगर : छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के कुशल नेतृत्व में तेजी से बदल रही है राज्य के गांवों की तस्वीर। शासन के प्रयासों और पंचायती राज योजनाओं के सफल क्रियान्वयन के बदौलत प्रदेश के गांव अब विकास और समाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में नई कहानियां लिख रहे हैं।
ऐसी ही एक कहानी है जशपुर जिले के बगीचा विकासखण्ड के ग्राम पंचायत घुघरी की। जिला मुख्यालय जशपुर से 93 किलोमीटर दूर स्थित यह गांव विकास और बदलाव की नई परिभाषा गढ़ रहा है। यहां पंचायत की बैठकों में जनभागीदारी के माध्यम से गांव के हर चुनौति का समाधान किया जाता है।
गांव में 567 लोगों का राशन कार्ड बनाया गया हैं जिनमें 37 एपीएल कार्ड, 407 बीपीएल कार्ड शामिल हैं। आंगनबाड़ी केन्द्र के माध्यम से 216 बच्चों को पोषण का लाभ मिल रहा है। धात्री और गर्भवती महिलाओं के लिए भी पोषण की व्यवस्था की गई है। समाजिक सुरक्षा के लिए 2 लाख 10 हजार खर्च किए गए हैं। साथ ही 342 लोगों को पेंशन योजनाओं से जोड़ा गया है।
घुघरी निवासी मंगरी बाई ने बताया कि उन्हें हर महिना 500 रूपए पेंशन मिलती है। उसी पैसे से अपना जीवन यापन करती हैं। परिवार के पालन पोषण करने में सहायता मिल रही हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया है।
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत् 56 जरूरतमंद परिवारों को पक्के आवास उपलब्ध कराए गए हैं। 483 परिवारों के मनरेगा जॉब कार्ड बनाए गए हैं। पीछे दो वर्षाे में मनरेगा के 20 व्यक्तिगत तालाबों का निर्माण कराया गया है। ग्राम पंचायत घुघरी के विनोद राम ने बताया कि उनके गांव में अक्टूबर और नवम्बर में मनरेगा का कार्य चालू होता है।
उसमें गांव के लोग काम करने जाते हैं। गाव के लोगों का जॉब कार्ड है। मनरेगा में कार्य करके सभी परिवार मिलकर 28 हजार रूपए कमा लेते हैं। इसे घर परिवार अच्छा से चल रहा है। महिला सशक्तिकरण के उददेश्य से 36 स्व सहायता समूहों का गठन कर 412 महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ा गया है। ग्राम पंचायत घुघरी की यह कहानी संवरते छत्तीसगढ़ के सुरक्षित होते भविष्य की कहानी है।
जन समस्याओं का त्वरित निराकरण हो रहा है कैम्प कार्यालय के माध्यम से
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय द्वारा बगिया में स्थापित मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय लगातार जनसमस्याओं के समाधान में अहम भूमिका निभा रहा है। उम्मीद के साथ यहां आवेदन देने पहुंच रहे लोगों के चेहरे पर मुस्कान दिखता है। कैंप कार्यालय बगिया त्वरित कार्यवाही करते हुए आवेदन के आधार पर समस्याओं के समाधान की प्रक्रिया शुरू कर दी जाती है।
विशेष पिछड़ी जनजाति कोरवा बाहुल्य बस्ती महुआपानी में पहली बार बिजली पहुंचाने की स्वीकृत दिलाने के साथ ही रायगढ़ जिले की ऐतिहासिक कुर्रा गुफा में विद्युतीकरण का कार्य भी इसी कैंप कार्यालय की पहल का ही परिणाम है। इसी तरह जरूरतमंदों के मदद का कार्य भी यहां पर लगातार किया जा रहा है। जनहित के अन्य कार्यों में श्रवण दोष से पीड़ित कई जरूरतमंद व्यक्तियों को श्रवणयंत्र प्रदान किए गए हैं, जैसे कि मंदाकिनी यादव, सुमित्रा यादव, लालजीत भगत और महिन्दर भगत। इसके साथ ही, पैरों से चलने में असमर्थ गुरुदेव, रातु राम, मानकुंवर नाग, रोहित साहू, अशोक दुबे और टेबुल राम जैसे कई जरूरतमंदों को ट्राई साइकिल और ई-रिक्शा प्रदान किए गए हैं।
बागीचा के मड़िया झड़िया में पीडीएस दुकान स्थापित कर वहां के लोगों को सुविधा देने, सुरेखा बाई व रामरीका बाई के राशन कार्ड बनाने सहित कई पीडीएस से संबंधित समस्याओं का निराकरण कैंप कार्यालय की पहल से किया गया है। इसी प्रकार से रामरिका बाई, अंकित राम जैसे कई जरूरतमंदों को जरूरत के समय तत्काल मेडिकल सहायता प्रदान करने की पहल कैंप कार्यालय द्वारा की गई है। बिजली से संबंधित समस्या जैसे ट्रांसफर लगाने और बिजली के संचालन की सुचारू व्यवस्था सुनिश्चित करने की पहल लगातार कैंप कार्यालय द्वारा की जा रही है।
पक्के आवास मिलने से टपकती छत से मिली मुक्ति
पीएम जनमन योजना से बदली पहाड़ी कोरवा रामनिधि की जिंदगी
रायपुर : श्री रामनिधि ने प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत पक्का आवास मिलने पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के प्रति आभार जताते हुए कहा कि अब उन्हें बारिश में टपकती छत से मुक्ति मिल गई है। उन्होंने बताया कि पक्के आवास निर्माण के लिए राशि के अलावा अन्य कार्यक्रमों शौचालय, मनरेगा की मजदूरी, उज्जवला गैस, शासकीय राशन, पेंशन अन्य शासकीय सुविधाओं का भी लाभ मिल रहा है।
जशपुर जिले के ग्राम पंचायत मूढ़ी में निवास करने वाले विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा श्री रामनिधि का आवास वर्ष 2023-24 में पीएम जनमन के तहत स्वीकृत हुआ। उन्होंने बताया कि जनमन योजना में उन्हें आवास निर्माण के लिए 2 लाख रूपए की सहायता राशि मिली और मनरेगा योजना के तहत 12 हजार रूपए का शौचालय बनवाया गया। साथ ही उन्हें मनरेगा से 95 दिवस रोजगार की राशि भी मिली है।
श्री रामनिधि ने बताया कि पहले उनका घर कच्चा था, जिसके कारण बरसात में बहुत परेशान होना पड़ता था। बरसात के समय छत से पानी टपकता था। पॉलीथीन बांध कर घर पर रहना पड़ता था। घर कच्चा होने के कारण कई बार सांप-बिच्छू घर में घुस जाते थे। उन्होंने बताया कि उन्हें हर साल बरसात के पहले घर की मरम्मत भी करनी पड़ती थी जिसमें राशि बहुत खर्च होता था। आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण पक्का घर बनाने की कोई उम्मीद नहीं दिखाई दे रही थी।
जशपुर जिले में विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवाओं को प्राथमिकता से प्रधानमंत्री आवास योजना से लाभान्वित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा दी गई गारंटी के अनुरूप राज्य में विशेष पिछड़ी जनजाति सहित गरीब और जरूरतमंद परिवारों को तेजी से नए आवास स्वीकृत किए जा रहे हैं।
नारी सशक्तिकरण में टसर धागाकरण निभा रहा महत्वपूर्ण भूमिका
प्रीति अतिरिक्त आय अर्जित कर अपने सपने को कर रही है साकार
रायपुर : नारी सशक्तिकरण के माध्यम से एक सशक्त समाज की परिकल्पना को साकार करने में ग्रामोद्योग संचालनालय की टसर धागाकरण योजना महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। जशपुर जिले में इस योजना के अंतर्गत कुमारी प्रीति चौहान जैसी महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं। कलेक्टर के मार्गदर्शन में प्रीति ने टसर धागाकरण का प्रशिक्षण प्राप्त किया और अब वह इस कार्य में अच्छी आय अर्जित कर रही हैं। गरीब परिवार से आने वाली प्रीति आज अपने परिवार की आर्थिक मदद कर रही हैं और अपनी बचत से खेती में भी योगदान दे रही हैं। उनके खाते में अब तक 1 लाख 2 हजार रुपये से अधिक की राशि जमा हो चुकी है, जिससे उनका जीवनस्तर बेहतर हुआ है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की मंशानुसार जशपुर जिले में धागाकरण प्रशिक्षण देकर समूह की महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाया जा रहा है। इस योजना का उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना और उन्हें स्व-रोजगार के अवसर प्रदान करना है, जिससे उन्हें अपने गाँव में ही रोजगार मिल सके और उन्हें अन्य राज्यों की ओर रोजगार के लिए देखना न पड़े। टसर धागाकरण से जुड़ी अन्य महिलाएं भी अब गरीबी से उबरकर आत्मनिर्भर हो रही हैं। इस योजना से उन्हें न केवल धागाकरण का कार्य मिला है, बल्कि वे अपनी कृषि भूमि पर खेती कर उन्नत किस्म का धान और अन्य फसलें भी उगा रही हैं। कई महिलाएं जो कभी साइकिल खरीदने का सपना देखती थीं, अब इस योजना से मिली आय से दोपहिया वाहन भी खरीद रही हैं और अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा प्रदान कर रही हैं।
रेशम विभाग द्वारा महिलाओं को कोकून बैंक के माध्यम से कोसा उपलब्ध कराया जाता है और उनके द्वारा उत्पादित धागे को विपणन कर उनकी आय को सीधे उनके खाते में जमा किया जाता है। इस प्रकार टसर धागाकरण योजना महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रही है, जिससे न केवल उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव आ रही हैं, बल्कि उनका समाज में एक अलग पहचान भी बन रही है। नारी सशक्तिकरण के इस प्रयास से महिलाएं अब आत्मनिर्भर हो रही हैं और अपने परिवार और समाज को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं।
मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय की पहल: मंदाकिनी को सुनने के लिए नई मशीन और गुरूदेव को मिली ट्राईसाइकिल
मुख्यमंत्री के प्रति जताया आभार
रायपुर : जशपुर अंचल में लोगों की उम्मीदों के अनुरूप उनकी समस्याओं का निराकरण अब प्राथमिकता से हो रहा है। बगिया स्थित मुख्यमंत्री कार्यालय से जरूरतमंद लोगों को मौके पर ही ईलाज की सुविधा, दिव्यांग जनों को हियरिंग एड, ट्राईसाइकिल, जैसे पुनर्वास उपकरण निःशुल्क उपलब्ध कराएं जा रहे है।
मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय में आने वाली श्रीमती मंदाकिनी यादव, जो लंबे समय से सुनने की समस्या से जूझ रही थीं, कई अस्पतालों का चक्कर काटने के बाद भी इन्हें फायदा नहीं मिला, तब उन्होंने मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय से सम्पर्क किया। जहां चिकित्सीय परीक्षण के बाद उन्हें तत्काल सुनने की मशीन उपलब्ध कराई गई। नई मशीन लगने पर वह स्पष्ट रूप से सुनने में सक्षम हो गई हैं। इसी प्रकार दिव्यांग श्री गुरुदेव, जो बचपन से ही अस्थि बाधित थे, उन्हें ट्राईसाइकिल प्रदान की गई।
श्री मंदाकिनी यादव और श्री गुरूदेव ने मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के प्रति आभार व्यक्त करते हुए बताया कि मुख्यमंत्री कैम्प से उन्हें चिकित्सीय परीक्षण के बाद तत्काल निःशुल्क पुनर्वास उपकरण की व्यवस्था की गई। इससे उनका जीवन आसान हो गया है। कान में नई मशीन लगने के बाद अब बिल्कुल साफ सुनाई पड़ रहा है। वहीं श्री गुरूदेव ने बताया कि अस्थि बाधित होने के कारण इन्हें अपने दैनिक कार्यो के लिए कहीं भी आने जाने के लिए परिवार के सदस्यों पर आश्रित रहना पड़ता था। अब ट्राईसाइकिल मिलने के बाद उन्हें अपने जरूरत के काम के लिए किसी पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।
जिले में टीबी मुक्त ग्राम पंचायत बनाने का अभियान तेज गति से हुआ शुरू
जशपुरनगर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देश में जशपुर जिले में टीबी मुक्त पंचायत बनाने का अभियान चलाया जा रहा है। जन जागरूकता अभियान के तहत लोगों को टीबी के लक्षण के बारे में जानकारी दी जा रही है। और संभावित मरीजों का पहचान कर उनको निःशुल्क दवाईयां उपलब्ध कराया जा रहा है।
कलेक्टर डॉ रवि मित्तल के मार्गदर्शन में बगीचा विकास खंड में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, स्वास्थ्य अमला, मितानिन घर घर जाकर जन जन तक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाई जा रही है। बगीचा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के डां. सुनील कुमार लकड़ा ने बताया कि स्वास्थ्य टीम घर घर जाकर 1000 की जनसंख्या में 30 लोगों का सैम्पल लिया जाता है। और संभावित मरीजों को समय पर ईलाज और दवाईयां दी जा रही है। बगीचा विकासखंड में टीबी मुक्त अभियान जोरों शोरों से जारी है। अमला एक एक मरीज का चिन्हांकन कर विकासखंड को टीबी मुक्त पंचायत बनाने के लिए सार्थक प्रयास कर रहे है।
पालकों बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत किया गया जागरूक
जशपुरनगर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रदेश में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान का बेहतर क्रियान्वयन करने के निर्देश दिए हैं। इसी कढ़ी में जिले के फरसाबहार विकास खंड के अंकिरा सेक्टर में अभियान के तहत विभिन्न गतिविधियां कराई गई। केन्द्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा बेटियों लिए संचालित योजनाओं की जानकारी दी गई।
उल्लेखनीय है कि बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान भारत सरकार द्वारा 2015 में शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य देश में लड़कियों का बाल विवाह रोकना और उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना है।
कन्या भ्रूण हत्या को रोकने और लड़कियों के जन्म को प्रोत्साहित करना बेटियों की शिक्षा को बढ़ावा देना और स्कूल में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करना है।
सामाजिक जागरूकता लाना बेटियों के अधिकारियों के प्रति जागरूकता फैलाना शासन द्वारा बेटियों को अच्छी शिक्षा देने के लिए प्रोत्साहित करना। योजना के तहत लाभान्वित करना साथ ही बाल विवाह कानूनों का सख्ती से पालन करना बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान का उद्देश्य है।
प्राचार्य का स्थानांतरण रद्द करने की मांग लेकर छात्रों ने किया चक्काजाम
जशपुरनगर। जशपुर जिले के स्वामी आत्मानंद विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने अपने प्रभारी प्राचार्य फिल्मोंन एक्का के स्थानांतरण को रद्द करने की मांग करते हुए स्कूल के गेट के सामने चक्काजाम कर दिया। छात्रों ने सुबह से ही हाथों में तख्तियां लेकर नारेबाजी शुरू कर दी, जिसमें उन्होंने प्राचार्य के स्थानांतरण को अन्यायपूर्ण बताते हुए विरोध दर्ज किया।
छात्र-छात्राओं का कहना है कि प्राचार्य का स्थानांतरण उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ है, क्योंकि वे इंग्लिश मीडियम के एकमात्र लेक्चरर हैं। छात्रों की बोर्ड परीक्षाएं महज दो महीने बाद होने वाली हैं, और इस महत्वपूर्ण समय में उनका स्थानांतरण उनके लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है।
सड़क पर बैठकर आवागमन बाधित
छात्रों ने सड़क पर बैठकर विरोध जताया, जिससे आवागमन बाधित हो गया। यह प्रदर्शन जिले में पहली बार देखा जा रहा है, जब किसी शिक्षक का स्थानांतरण रोकने के लिए छात्र इस तरह से सड़क पर उतरे हों।
पालकों का भी समर्थन
इस विरोध प्रदर्शन में पालकों का भी समर्थन देखा गया, जो बड़ी संख्या में स्कूल के बाहर इकट्ठा हो गए। बताया जा रहा है कि प्राचार्य का स्थानांतरण आदेश एक दिन पहले ही रायपुर से जारी हुआ था। पुलिस चौकी के प्रभारी भी मौके पर मौजूद थे, लेकिन छात्र अपनी मांगों पर अड़े रहे और प्रदर्शन जारी रखा।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के मजबूत नेतृत्व में जशपुर में विकास कार्यों को मिल रही है गति
शिक्षा, स्वास्थ्य, अधोसंरचना के विकास के लिए एक रोडमैप बनाकर लगातार किया जा रहा है कार्य
रायपुर : जशपुर जिले के लोगों के लिए एक उत्सव की तरह था श्री विष्णु देव साय का मुख्यमंत्री बनना। इससे यहां के लोगों के चेहरे में एक चमक आने के साथ उनसे उम्मीद भी बढ़ गई। लोग उन्हें अपने सपनों को साकार करने वाले नायक के रूप में भी देखते हैं। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय उनकी आशाओं पर लगातार खरे उतर रहे हैं। अपनी व्यस्तता के बीच भी वे अपने गृहग्राम जशपुर जिले के ग्राम बगिया में समय निकालकर आते रहते हैं। वे रायपुर स्थित अपने मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में लोगों से मिलते रहते हैं और उनकी समस्याओं के समाधान के लिए लगातार तत्पर रहते हैं। मुख्यमंत्री श्री साय ने बगिया में भी मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय की स्थापना की है। यहां पर जशपुर जिले के अलावा प्रदेश भर से पूरी आशा के साथ लोग आ रहे हैं और उनकी स्वास्थ्य, शिक्षा, बिजली, पानी या अन्य समस्याओं का समाधान त्वरित गति से किया भी जा रहा है। मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय ने हेल्पलाईन नंबर 0774-250061,0774-250062 नंबर जारी की है। प्रदेश के जरूरतमंद नागरिक कॉल करके इससे लाभान्वित भी हो रहे हैं।
जशपुर जिले के लगभग 250 ग्राम पंचायत हाथी विचरण क्षेत्र है। कैंप कार्यालय का लक्ष्य इन हाथी प्रभावित इलाके में विद्युत व्यवस्था को और भी दुरूस्त करने की है। जानकारों की माने तो रोशनी होने पर हाथियों की बस्ती में घुसपैठ होने आशंका कम रहती है। हाथी को दूर से देखा जा सकता है। विद्युत व्यवस्था को और भी सुदृढ़ बनाने के लिए कुनकुरी क्षेत्रों में क्षेत्रीय कार्यालयों में नवीन पदास्थापना किया जा रहा है। विद्युत विभाग द्वारा पिछले लगभग 9 महीने में जशपुर जिलें में 600 से ज्यादा ट्रांसफार्मर बदले गए हैं और 130 से ज्यादा नया ट्रांसफार्मर लगाया गया है। इसके साथ ही विद्युत उपकेंद्र स्थापित किए गए हैं। विद्युत प्रवाह निर्बाध गति से प्रवाहित रहे इसके लिए विभाग द्वारा नई लाईन बिछाने, केबल, ग्रिप चेंज आदि कार्य भी सतत रूप से किया जा रहा है।
स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार के लिए मुख्यमंत्री श्री साय की पहल पर जशपुर जिले में 18 एबीबीएस और 7 विशेषज्ञ चिकित्सकों को नियुक्ति की जा चुकी है। इसके अलावा नवीन स्वास्थ्य केंद्रों की स्थापना की स्वीकृति के साथ ही मेडिकल उपकरणों की खरीदी और अन्य कर्मचारियों की नियुक्ति की जा रही है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के निर्देशानुसार जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त प्रयास से जिले में स्वास्थ्य मितान हेल्पलाइन का संचालन किया जा रहा है। इसकी मदद से अब तक 1025 से अधिक मरीजों को स्वास्थ्य लाभ मिल चुका है। इसके लिए सर्वप्रथम आवेदक बगिया कैंप कार्यालय में आवेदन प्रस्तुत करते हैं। आवेदन प्रस्तुत होने के पश्चात तत्काल 5 मिनट के अंदर कार्यवाही की जाती है। मुख्यमंत्री की पहल पर कुनकुरी 32 करोड़ की अधिक की लागत से 220 बिस्तरा सर्वसुविधायुक्त अस्पताल की स्वीकृति दी गई है।
इसी तरह मुख्यमंत्री श्री साय की पहल पर ही जिले में एक मजबूत अधोसंरचना निर्माण के लिए लगातार सड़क मार्गों, पुल-पुलिया भवन निर्माण की स्वीकृति दी जा रही है। दूरस्थ गांवों और शहरों में सड़क, पुल-पुलिया निर्माण कराया जा रहा है। किसानों की सुविधा के लिए जिले में एनीकट योजना के निर्माण, व्यपवर्तन योजना के निर्माण, जीर्णाेद्धार एवं लाईनिंग कार्य, जलाशय योजना के नहर मरम्मत एवं सी.सी.लाईनिंग कार्य, मुख्य एवं शाखा नहर के मरम्मत, पुराने पक्के कार्याे का सुधार, तालाब योजना के तहत् निर्माण, जलाशय योजना, जलाशय मध्यम परियोजना के सर्वेक्षण कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति मिली है। इन कार्याे के होने से जिले के किसानों को और अधिक सिंचाई की सुविधा उपलब्ध होगी। इसके साथ ही मत्स्य पालक मच्छली पालन भी कर सकेंगे। इससे कृषकों को अतिरिक्त आमदनी होगी। साथ ही जिले में जल स्त्रोत में भी वृद्धि होगी।
इसी तहत जिले में खेलों के बेहतर महौल और खिलाड़ियों की सुविधा के लिए राज्य सरकार खेल मैदानों सहित अन्य अधोसंरचना का निर्माण कर रही है। बगीचा में बैडमिंटन कोर्ट निर्माण के लिए 2 करोड़ 83 लाख रूपए की राशि स्वीकृत की गई है। राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियों को ओलंपिक में गोल्ड मैडल जितने पर 3 करोड़ रूपए, सिल्वर मैडल जितने पर 2 करोड़ और ब्रान्ज मैडल जितने पर 1 करोड़ रूपए की राशि दिए जाने की घोषणा की है। इससे खिलाड़ियों को एक बड़ा प्रोत्साहन मिलेगा। अविभाजित मध्यप्रदेश के समय से प्रतियोगी परीक्षाओं के चयन में जशपुर अंचल की विशेष पहचान रही है। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी की सुविधा जशपुर जिले के छात्रों को भी मिले इसके लिए मुख्यमंत्री श्री साय की पहल पर रायपुर की नालंदा परिसर लाईब्रेरी की तर्ज पर जशपुर नगर में 500 सीटर और कुनकुरी में 200 सीटर लाइब्रेरी की स्वीकृति प्रदान की गई है। इसी तहत पीएम जनमन योजना के तहत जिले में विशेष पिछड़ी जनजाति इलाकों में विकास के लिए कार्य किए जा रह हैं। इस योजना से इन क्षेत्रों के विकास में तेजी आई है।
मुख्यमंत्री की सार्थक पहल से छात्राओं की आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते कदम
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की सार्थक पहल से जशपुर जिला प्रशासन के तहत नव गुरुकुल शिक्षण संस्थान में आर्थिक रूप से कमजोर छात्राओं को निःशुल्क प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस योजना का उद्देश्य न केवल शिक्षा का स्तर बढ़ाना है, बल्कि छात्राओं को आत्मनिर्भर बनाना और उन्हें व्यावसायिक कौशल से जोड़ना है, ताकि वे अपना उज्ज्वल भविष्य बना सकें।
यह कार्यक्रम प्रदेश में जशपुर के साथ-साथ रायपुर और दंतेवाड़ा जिला में भी संचालित हैं। जिला प्रशासन द्वारा छात्रों को सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है। यहां छात्राओं को कंप्यूटर सॉफ्टवेयर, फायनेंस, बिजनेस, शिक्षा, और ग्राफिक्स डिज़ाइनिंग जैसे विविध क्षेत्रों में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके अलावा, भाषा ज्ञान और व्यक्तित्व विकास पर अतिरिक्त कक्षाएँ भी आयोजित की जाती हैं, जिससे छात्राओं का समग्र विकास हो सके। छात्राओं को निःशुल्क आवास, प्रशिक्षण, और भोजन की सुविधाएँ प्रदान की जाती हैं। प्रशिक्षण के दौरान लैपटॉप/कंप्यूटर और इंटरनेट की सुविधा भी निःशुल्क उपलब्ध कराई जाती है, जिससे उन्हें अध्ययन और प्रोजेक्ट्स पर काम करने में मदद मिलती है।
वर्तमान में, इस कार्यक्रम के तहत जिले की 16 प्रतिभाशाली छात्राएँ विभिन्न क्षेत्रों में प्रशिक्षण प्राप्त कर अन्य राज्यों की प्रमुख कंपनियों में सफलतापूर्वक प्लेसमेंट के लिए चयनित हुई हैं। ये छात्राएँ अब अच्छी आय अर्जित कर रही हैं, जो उनके प्रयासों का जीवंत प्रमाण है। यहाँ पर 150 छात्राओं के लिए प्रशिक्षण प्रारंभ किया गया है, जिसमें वर्तमान में 60 से अधिक छात्राएं अध्ययनरत हैं।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय का यह दृष्टिकोण केवल छात्राओं के जीवन में बदलाव लाने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज में भी एक सकारात्मक परिवर्तन की दिशा में प्रेरणा देता है। उनकी सोच ने ना केवल छात्राओं को आत्मनिर्भर बनाया है, बल्कि उन्हें अपने सपनों को साकार करने का अवसर भी प्रदान किया है।
छात्राओं के अनुभव:
जशपुर नगर की निवासी कुमारी प्रतिभा थापा बताती हैं कि ‘मेरे परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी, जिससे मुझे पढ़ाई बीच में ही छोड़नी पड़ी। जब मैंने नव गुरुकुल के बारे में सुना, तो मैंने यहाँ फॉर्म भरा और प्रशिक्षण लेने आई। मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि इतने महंगे कोर्स की पढ़ाई मुझे निःशुल्क मिलेगी। मैंने बिजनेस कोर्स में 16 महीने का प्रशिक्षण लिया और आज एक निजी कंपनी में क्लाउड सपोर्ट इंजीनियर के पद पर कार्यरत हूँ।’
जशपुर नगर की ही कुमारी नेहा चौहान ने बताया कि मेरे पिता एक छोटे किसान हैं। हमारी आमदनी उतनी अच्छी नहीं है कि मैं बाहर जाकर पढ़ाई कर सकूं। लेकिन इस संस्थान से मुझे बहुत लाभ हुआ है। यहाँ मुझे बिजनेस कोर्स में 13 महीने प्रशिक्षण के साथ-साथ भाषा ज्ञान भी मिला, जो मेरे लिए बहुत उपयोगी है।
डुगडुगीया (कुनकुरी) निवासी कुमारी साक्षी सिंह बताती हैं कि जब मुझे यहाँ के बारे में पता चला तो फॉर्म भरकर प्रशिक्षण ली। मैंने यहाँ 15 महीने का प्रशिक्षण लिया। आज मुझे बारु साहेब यूनिवर्सिटी, हिमाचल प्रदेश में डेटा एनालिटिक्स एसोसिएट का जॉब मिला है। यह मेरे लिए एक बड़ा अवसर है। मैं पहली बार अपने घर से बाहर निकली हूँ। आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होकर मुझे बहुत अच्छा लग रहा है।
लाभार्थी छात्राओं ने मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री की इस पहल ने न केवल हमारा जीवन बदला है, बल्कि समाज में भी एक सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है। इस तरह की योजनाएँ निश्चित रूप से आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेंगी।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के निर्देश पर कड़ी कार्रवाई
स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालय मनोरा के प्राचार्य निलंबित
अमर्यादित एवं अशोभनीय व्यवहार का मामला
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के निर्देश पर जशुपर जिले के मनोरा विकासखंड अंतर्गत स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालय मनोरा के तत्कालिक प्राचार्य श्री आर.बी. निराला को आज निलंबित कर दिया गया है। श्री निराला द्वारा विद्यालय में कार्यरत महिला कर्मचारियों, शिक्षिकाओं एवं छात्राओं के साथ अमर्यादित एवं अशोभनीय व्यवहार करने की शिकायत मिली थी। इस संबंध में सरगुजा संभाग के कमिश्नर श्री गोविंद राम चुरेंद्र ने जिला जशपुर के स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालय मनोरा के तत्कालीन प्राचार्य श्री आर.बी. निराला का निलंबन आदेश जारी किया।
गौरतलब है कि मनोरा विकासखण्ड के शासकीय हाईस्कूल गेड़ई के वर्तमान प्राचार्य श्री आर.बी. निराला के विरूद्ध स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालय मनोरा में कार्यरत् महिला कर्मचारियों, शिक्षकों एवं छात्रों के साथ अमर्यादित एवं अशोभनीय व्यवहार किए जाने के संबंध में प्रस्तुत शिकायत की जांच अनुविभागीय अधिकारी राजस्व जशपुर से करायी गयी।
अनुविभागीय दण्डाधिकारी जशपुर के जाँच प्रतिवेदन में श्री निराला का आचरण महिलाओं के प्रति सम्मानजनक नहीं है, उनका व्यवहार अधीनस्थ महिला शिक्षकों, कर्मचारियों, छात्राओं के साथ शारीरिक एवं मानसिक उत्पीड़न की ओर इंगित पाया। श्री निराला का उक्त कृत्य छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम-3 के सर्वथा विपरीत है। उन्हें छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 9 (1) (क) के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। निलंबन अवधि में श्री निराला का मुख्यालय कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी जशपुर नियत किया गया है। निलंबन अवधि में श्री निराला को नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता की पात्रता होगी।