छत्तीसगढ़ / बस्तर
धान खरीदी केंद्रों में बारदाना की पर्याप्त उपलब्धता करें सुनिश्चित-कलेक्टर
जगदलपुर। कलेक्टर कलेक्टर हरिस एस ने कहा कि धान खरीदी केंद्रों में बारदाना की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करें, साथ ही नए बारदाना, पीडीएस बारदाना और मिलर्स से प्राप्त बारदाना संकलन की स्थिति तथा उपलब्धता का आनलाईन एन्ट्री करवाने के निर्देश दिए। सभी जगहों से बारदाना के संकलन करवाकर आगामी सप्ताह तक खरीदी केन्द्रों में वितरण करवाना सुनिश्चित करें।
कलेक्टर ने खाद्य विभाग के अधिकारी से मिलर्स का पंजीयन और कस्टम मिलिंग हेतु अनुबंध की स्थिति, उठाव हेतु डीओ कटवाने, केंद्रों में गुणवत्तायुक्त धान को खरीदी करवाने के निर्देश दिए। मंगलवार को कलेक्टर हरिस जिला कार्यालय के प्रेरणा सभाकक्ष में समय-सीमा की बैठक ले रहे थे। उन्होंने बारिश की संभावना को देखते हुए खरीदी केंद्रों में धान को ढंकने हेतु निर्देशित किया। धान खरीदी में क्रॉप कटिंग एक्सपेरिमेंट का डाटा का मिलान कर धान खरीदी करें।
साथ ही अवैध धान परिवहन के लिए बस्तर, बकावण्ड और जगदलपुर तहसील क्षेत्र में रात्रि कालीन गश्ती को बढ़ाने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने कहा कि सीएसआर मद के अंतर्गत स्वीकृत कार्यों की प्रगति लाते हुए कार्य को समय-सीमा में पूर्ण करवाएं। बैठक में जल जीवन मिशन के कार्य की समीक्ष, वाहन स्क्रैपिंग की स्थिति, नियद नेल्लानार योजना के तहत ब्लाॅक वाइज सर्वे की स्थिति, वन अधिकार मान्यता पत्र धारक किसानों का भूमि का गिरदावरी की स्थिति, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधी योजनांतर्गत नवीन पंजीयन की विकासखण्डवार प्रगति की समीक्षा और पीडीएस दुकानों खाद्यान्न भण्डारण की समीक्षा किए। उन्होंने रबी वर्ष 2024-25 किसान क्रेडिट कार्ड लक्ष्य के विरूद्ध प्रगति की समीक्षा किए। बैठक में तालाबों में मत्स्यपालन के लिए पट्टा देने पर चर्चा किया।
जाति प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र के लिए आवेदनों पर निराकरण करने और मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना के कार्यों का एंजेसीवार थर्ड पार्टी वेरीफिकेशन करवाने के निर्देश दिए। बैठक में टीबी नियंत्रण हेतु निक्षय पोषण योजना के क्रियान्वयन पर चर्चा किए, साथ ही टीबी बीमारी नियंत्रण हेतु शपथ भी लिया गया। निक्षय निरामय छत्तीसगढ़ 100 दिवसीय पहचान एवं उपचार अभियान का 07 दिसंबर 2024 से शुभारंभ किया जाना है।
यह अभियान 7 दिसंबर 2024 से 24 मार्च 2025 तक चलाया जाना है। उक्त अभियान में टीबी के शंकास्पद मरीजों की खोज उच्य जोखिम समूहों वाले व्यक्तियों का चिन्हांकन, कुष्ठ शंकास्पद मरीजों की खोज (एल.सी.डी.सी.) वयोवृद्ध स्वास्थ्य संरक्षण कार्यक्रम अंतर्गत वयोवृद्ध की हेल्थ प्रोफाईल के साथ सूची तैयार किया जाना है। बस्तर संभाग के 7 जिलों में उपरोक्त अभियान के साथ मलेरिया मुक्त अभियान भी क्रियान्वित किया जाएगा। बैठक में कलेक्टर ने महिला एवं बाल विकास विभाग के कार्यों की समीक्षा करते हुए कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों को निर्धारित समय पर संचालित करें।
पोषण ट्रेकर, महतारी वंदन योजना अंतर्गत हितग्राहियों, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजनांतर्गत लाभांवित, आंगनबाड़ी प्रवेश लेने वाले बच्चों के जाति प्रमाण जारी करने की प्रगति की भी संज्ञान लिया। नक्सल प्रभावित और आत्मसमर्पित नक्सलियों को केेंद्र व राज्य की चयनित योजनाओं का सेचुरेशन की स्थिति पर चर्चा किए। इसके अलावा समय-सीमा के प्रकरणों पर विभिन्न विभागों के अधिकारियों से चर्चा कर आवश्यक कार्यवाही कर निराकरण के निर्देश दिए। इस अवसर जिला पंचायत सीईओ प्रतिष्ठा ममगाई, वन मंडलाधिकारी उत्तम गुप्ता, अपर कलेक्टर सीपी बघेल सहित सभी जिला स्तरीय उपस्थित थे।
बारदाना गोदाम में लगी भीषण आग
जगदलपुर। पूरे प्रदेश के साथ जिले में 14 नवंबर से शुरू होने वाली धान खरीदी से पहले बड़ा हादसा हो गया है. जगदलपुर से सटी अड़ावाल इलाके में देर रात बारदाने के गोदाम में अचानक भीषण आग लग गई, जिससे गोदाम में रखा सारा बारदाना जलकर खाक हो गया।
जानकारी के अनुसार, बोधघाट थाना क्षेत्र के अंतर्गत स्थित बारदाना गोदाम में आग लगने की सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड की टीम तुरंत मौके पर पहुंची और आग पर काबू पाने के लिए कड़ी मशक्कत की। काफी प्रयासों के बाद आग पर नियंत्रण पाया जा सका. प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, आग लगने की वजह गोदाम के पास पटाखे जलाना बताया जा रहा है. पुलिस घटना की जांच में जुटी हुई है।
प्राकृतिक आपदा पीड़ित 12 परिवारों को 48 लाख की आर्थिक सहायता राशि स्वीकृत
जगदलपुर। कलेक्टर हरिस एस. द्वारा राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के तहत् प्राकृतिक आपदा पीड़ित 12 परिवारों को 48 लाख रूपए की आर्थिक सहायता राशि प्रदान करने की स्वीकृति दी गई है।
जिसके तहत् तहसील जगदलपुर ग्राम आड़ावाल निवासी नायक की मृत्यु सांप काटने से पिता लोकनाथ को, ग्राम आसना निवासी धनो की मृत्यु इन्द्रावती नदी के पानी में डूबने से पुत्री कुमारी चम्पा को, तहसील बास्तानार ग्राम बास्तानार निवासी कोसो की मृत्यु खेत के पानी में डूबने से पत्नी सोमड़ी को, ग्राम बड़े काकलूर निवासी मंगलू की मृत्यु सांप काटने से पिता मुयो को, ग्राम बड़े किलेपाल निवासी आयते की मृत्यु मुण्डा डबरी के पानी में डूबने से पुत्र कोवा को, तहसील तोकापाल ग्राम सालेपाल निवासी लालो की मृत्यु खेत के पानी में डूबने से पुत्र गंगों को, ग्राम कुरेंगा निवासी लखन की मृत्यु सांप काटने से भाई तुलसी को, ग्राम साकरगावं निवासी भगत की मृत्यु तालाब के पानी में डूबने से पत्नी फूलमती को, ग्राम चोण्डी मेटावाड़ा निवासी सोनू की तालाब के पानी में डूबने से पत्नी आंधे को, तहसील दरभा ग्राम चितापुर निवासी सोनादई की मृत्यु नाला के पानी में डूबने से पुत्र लखमु को, तहसील भानपुरी ग्राम जामगांव निवासी कार्तिक की मृत्यु खेत के पानी में डूबने से पत्नी मंगली को प्रत्येक को चार-चार लाख रूपए की सहायता राशि प्रदान करने की स्वीकृति दी गई है।
इसी तरह तहसील बकावण्ड ग्राम राजनगर निवासी रमेश की मृत्यु खेत के गड्ढे के पानी में डूबने से पत्नी लखमी को चार लाख रुपए की सहायता राशि प्रदान करने की स्वीकृति दी गई है। उक्त स्वीकृत सहायता राशि संबंधितों के बैंक खाते में अंतरित किए जाने के निर्देश संबंधित तहसीलदारों को दिए गए हैं।
मजदूरों से भरी पिकअप पलटी, तीन की मौत
जगदलपुर। जगदलपुर के बकावंड ब्लॉक में शनिवार की शाम को मजदुरों से भरी पिकअप पलट गई। इस घटना में तीन मजदुरों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि कुछ लोग घायल हो गए। घटना की जानकारी लगते ही पुलिस मौके पर पहुंची और घायलों को बेहतर उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया। बकावंड ब्लॉक के पंडानार स्थित रोहित चावडा कृषि फार्म में काम करने के लिए ओड़िसा से मज़दूरों को बुलाया गया था, जहाँ शनिवार को काम करने के बाद सभी मजदूरों को छोड़ने पिकअप जा रहा था।
मजदूरों को ले जाते समय पिकअप पलट गई और हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई। लोगों ने बताया कि रोजाना इसी तरह कृषि फार्म में काम करने के लिए पड़ोसी राज्य ओड़िशा से दर्जनों मजदूरों को पिकअप में लाया जाता है और काम खत्म होने के बाद उसी पिकअप से घर भेज दिया जाता है। सूत्रों की माने तो इन मजदूरों में नाबालिग भी शामिल रहते हैं, पिकअप सवार प्रायः सभी मजदूर घायल हो गए।
घायलों को तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में पहुंचाया गया, जहां इलाज के दौरान तीन मजदूरों की मौत हो गई, अभी भी कई घायलों की हालत गंभीर बनी हुई है।अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक महेश्वर नाग ने बताया कि तीन की मौत हुई है, मरने वाले सभी ओड़िसा के है, घायलों को मेकाज भी भेजा गया है, मरने वाले कि अभी शिनाख्त नही हुई है।
मुख्यमंत्री कौशल विकास प्रशिक्षण में प्रवेश के लिए 20 नवम्बर तक आवेदन
जगदलपुर। मुख्यमंत्री कौशल विकास योजनांतर्गत सभी वर्गों के लिए व्यावसायिक प्रशिक्षण मॉड्यूल एम्प्लाएबल स्किल (एमईएस) कोर्सेस के अंतर्गत सहायक इलेक्ट्रीशियन एवं ऑटोमेटिक सर्विस टेक्नीशियन (वाहन रिपेयर) ट्रेड में कक्षा 5 वीं, 8वीं, 10वीं एवं 12वीं उत्तीर्ण युवक-युवतियों से अंत्यावसायी व्यावसायिक प्रशिक्षण केन्द्र आरा मिल इकाई, जगदलपुर में निःशुल्क प्रशिक्षण हेतु दिनांक 20 नवम्बर 2024 तक आवेदन आमंत्रित किया गया है। अंचल के दूर-दराज क्षेत्रों से आने वाले प्रशिक्षणार्थियों के लिए छात्रावास की सुविधा उपलब्ध है। भोजन की व्यवस्था स्वयं को करनी होगी। आवेदन पत्र के साथ शैक्षणिक योग्यता, जाति, निवास प्रमाण पत्र एवं आधार कार्ड की छायाप्रति संलग्न करें। आवेदन पत्र अंत्यावसायी व्यावसायिक प्रशिक्षण केन्द्र आरा मिल इकाई, गीदम रोड जगदलपुर से कार्यालयीन समयावधि में निःशुल्क प्राप्त किया जा सकता है।
जगदलपुर में धूमधाम से मनाया गया राज्योत्सव
जगदलपुर। छत्तीसगढ़ राज्य के 24 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में राज्योत्सव 2024 का आयोजन जगदलपुर के सिटी ग्राउंड में किया गया। इस भव्य आयोजन में बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष एवं कोंडागाँव विधायक लता उसेंडी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं। रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने इस राज्योत्सव में चार चांद लगाए, जिसमें स्कूली बच्चों और लोक नर्तक दलों की शानदार प्रस्तुतियाँ विशेष आकर्षण रहीं।
कार्यक्रम में उसेंडी ने कहा कि राज्योत्सव के अवसर 24 साल में छत्तीसगढ़ के निर्माण करने वाले विभूति पूर्व प्रधानमंत्री स्व. श्री अटल बिहारी बाजपेयी को नमन करते हुए राज्य और जिलों के निर्माण और विकास में योगदान के लिए आभार व्यक्त की। प्रदेश विकास की ऊँचाइयों को छुए यही हमने कामना की है, राज्य ने कई आयाम को पाया है। हमारे सरकार के समय कई विकास के कार्य हुए जिसका लाभ बस्तर को भी मिला। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार कई कल्याणकारी योजनाओं का संचालन कर रही है। युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान की जा रही है। प्रधानमंत्री के द्वारा आत्मनिर्भरता पाठ के साथ उस पर कार्य करने की पहल की गई है और भी कई जनकल्याणकारी योजनाएं चलाया जा रहा है। साथ ही हमे विकसित भारत के संकल्पना में सारे इंडिकेटर को पूरा कर देश और प्रदेश को विकसित बनाने का प्रयास करना है जिसमें सभी की सहभागिता जरूरी है। उन्होंने कार्यक्रम में सभी को राज्योत्सव की बधाई और शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर मुख्य अतिथि ने विभिन्न विभागों के स्टाॅल का अवलोकन कर हितग्राहीमूलक योजनाओं के अंतर्गत हितग्राहियों को सामग्री एवं चेक वितरित किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए महापौर सफिरा साहू ने भी सभी नगर और प्रदेशवासियों को 24 वर्ष राज्योत्सव की बधाई दी। उन्होंने कहा कि देश में छत्तीसगढ़ राज्य की अलग पहचान है, सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहर से परिपूर्ण राज्य के रूप में पहचाना जाता है। ऐसे ही हमारे बस्तर क्षेत्र को भी जाना जाता है, राज्योत्सव के इस कार्यक्रम में सांस्कृतिक कार्यक्रम में हमारे बस्तर की छवि को प्रदर्शित करने वाले प्रमुख लोक नृत्यों को प्रस्तुत किया जा रहा है, इसके लिए सभी को बधाई।
कार्यक्रम के स्वागत उद्बोधन में कलेक्टर श्री हरिस एस ने बताया कि जिले में हमने विभागीय योजनाओं और नवाचारों के द्वारा कई विकास कार्यों को गति दी है जिसका संक्षिप्त प्रदर्शन विभागीय स्टालों के माध्यम से किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रशासन का उद्देश्य है कि हर नागरिक सशक्त और आत्मनिर्भर बने, अपने हुनर और सामर्थ्य को पहचाने। साथ ही बस्तर क्षेत्र के प्राकृतिक संसाधन, लोक कला, नृत्य शैली व सांस्कृतिक परंपरा को संरक्षण कर सांस्कृतिक धरोहर को देश-विदेश में प्रदर्शित कर नाम कमाया है। इस राज्योत्सव के माध्यम से प्राकृतिक संसाधन, पर्यावरण, लोक कला-संस्कृति का संदेश देना चाहते हैं ताकि आने वाले पीढ़ी को इस धरोहर का लाभ दे सकें। इस अवसर पर गणमान्य जनप्रतिनिधि, एमआईसी के सदस्य-पार्षदगण, कमिश्नर डोमन सिंह, आईजी सुंदरराज पी., पुलिस अधीक्षक शलभ सिन्हा, जिला पंचायत सीईओ प्रतिष्ठा ममगाई, डीएफओ उत्तम गुप्ता सहित अन्य जिला स्तरीय अधिकारी और बहुसंख्यक नागरिकगण उपस्थित थे।
कार्यक्रम के दौरान विभिन्न विभागों ने अपनी योजनाओं की जानकारी देने के लिए प्रदर्शनी लगाई, जिससे आम जनता को इन योजनाओं की जानकारी प्राप्त हुई। कार्यक्रम में पद्मश्री से सम्मानित धरमपाल सैनी को धुरवा तुवाल और स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मानित किया गया। साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रम में सहभागिता निभाने वाले लोक नर्तक दल, स्कूली बच्चों को प्रशस्ति पत्र सहित क्विज प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किया गया।
बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण उपाध्यक्ष लता उसेण्डी होंगी मुख्य अतिथि
जगदलपुर। छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस के तहत 05 नवम्बर को एक दिवसीय राज्योत्सव कार्यक्रम का आयोजन सिटी ग्राउण्ड जगदलपुर में किया जा रहा है। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण उपाध्यक्ष एवं विधायक कोण्डागांव लता उसेण्डी रहेंगी।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि वन एवं जलवायु परिवर्तन, जल संसाधन, कौशल विकास, सहकारिता एवं संसदीय कार्य विभाग केदार कश्यप होंगे।
राज्योत्सव कार्यक्रम सांसद बस्तर महेश कश्यप, विधायक जगदलपुर किरण सिंह देव, विधायक चित्रकोट विनायक गोयल, विधायक बस्तर लखेश्वर बघेल, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती वेदवती कश्यप, महापौर जगदलपुर श्रीमती सफिरा साहू के आतिथ्य में आयोजित किया जा रहा है। उक्त राज्योत्सव कार्यक्रम में सांस्कृतिक कार्यक्रम के आयोजन साथ-साथ विभागीय स्टाल भी लगाए जा रहें हैं।
तेज रफ्तार कार के टक्कर से युवक की मौत
जगदलपुर। आड़ावाल मार्ग स्थित किशन ढाबा के पास बीती रात एक तेज रफ्तार कार चालक ने स्कूटी सवार युवक को टक्कर मार दी। उसे महारानी अस्पताल ले गए जहां उसकी मौत हो गई। पुलिस ने आरोपी कार चालक को हिरासत में लिया है। वहीं पुलिस ने शव को पीएम के लिए मेकॉज भेज दिया है।
पुलिस ने बताया कि माड़पाल निवासी सूर्य प्रताप सिंह जगदलपुर से अपने घर माड़पाल स्कूटी से जा रहा था। किशन ढाबे के पास पीछे से आ रही एक तेज रफ्तार कार ने टक्कर मार दी। घटना के बाद आसपास के लोग मौके पर पहुंचे। घायल सूर्यप्रताप को हॉस्पिटल ले जाया गया, जबकि कार चालक को कोतवाली पुलिस के हवाले किया गया।
घायल की अस्पताल पहुंचने से पहले ही मौत हो गई। बताया जा रहा है कि मृतक 3 भाई बहनों में दूसरे नंबर का था, जबकि विवाहित होने के साथ ही उसका 5 साल का एक बच्चा भी है। सूर्यप्रताप की मौत की खबर से घर में मातम पसरा है। परिजनों का कहना है कि सूर्यप्रताप की मौत की खबर लगते ही मां व पत्नी का बुरा हाल हो गया है।
बार-बार मां बेटे को देखने की जिद कर रही है। वहीं सूर्यप्रताप के पिता भी पुलिस में रह चुके हैं और बड़ा भाई दिल्ली में इंजीनियर है। जबकि सबसे छोटा भाई आर्मी में है। आज सुबह माड़पाल में अंतिम संस्कार करेंगे।
बस्तर ओलंपिक 2024 : ’खेलेगा बस्तर, बढ़ेगा बस्तर’
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय आयोजन समिति की बैठक सम्पन्न
विकासखंड स्तर पर एक नवंबर से जिला स्तर पर 21 नवंबर से और संभाग स्तर पर प्रतियोगिताएं 26 नवंबर से प्रारंभ
रायपुर : छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग अनुसूचित जनजाति बाहुल्य क्षेत्र है। यहां खेलों के क्षेत्र में अपार नैसर्गिक क्षमता विद्यमान है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के निर्देशन में बस्तर संभाग के लोगों के लिए विभिन्न क्षेत्रों में अवसर प्रदान किए जा रहें है। बस्तर ओलंपिक में विकासखंड स्तर पर खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन एक नवंबर से 20 नवंबर 2024, जिला स्तर पर 21 नवंबर से 25 नवंबर और संभाग स्तर पर प्रतियोगिताएं 26 नवंबर से 30 नवंबर के मध्य होंगी। बस्तर ओलंपिक में एथेलेटिक्स, तीरंदाजी, बैडमिंटन, फुटबॉल, हॉकी, वेटलिफ्टिंग, कराटे, कबड्डी, खो-खो, वालीवाल और रस्साकसी जैसे खेलों को शामिल किया गया है। मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन की अध्यक्षता में आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में बस्तर ओलंपिक 2024 के आयोजन हेतु उच्च स्तरीय राज्य आयोजन समिति की बैठक वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से संपन्न हुई।
मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि खेलों में बस्तर संभाग के सभी जिलों से ज्यादा से ज्यादा लोगों की भागीदारी सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने क्षेत्रीय भाषा में विभिन्न प्रचार माध्यमों से प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए हैं। खेलों के आयोजन स्थलों पर व्यापक-व्यवस्थाएं करने एवं खिलाड़ियों को सभी आवश्यक सुविधा प्रदान करने निर्देश दिए हैं। आयोजन स्थल के आस-पास शासन की कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी प्रदान करने प्रदर्शनी इत्यादि लगाने के लिए अधिकारियों को कहा गया है। बस्तर संभाग के सभी गांव के युवाओं की अधिक से अधिक संख्या में भागीदारी कराए जाने हेतु प्रयास करने एवं अधिक संख्या में खिलाड़ियों का पंजीयन कराना सुनिश्चित करने कहा गया है।
मुख्य सचिव ने कहा कि विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से छत्तीसगढ़ के लोगों को लाभांवित किया जा रहा है। बस्तर क्षेत्र में शासन एवं जनता के मध्य मजबूत एवं प्रत्यक्ष संबंध स्थापित कर यहां के युवाओं को मुख्य धारा में जोड़ने, उनकी रचनात्मक एवं खेल प्रतिभा को पहचानकर खिलाड़ी के रूप में तैयार करने और यहां के लोगों को खेल गतिविधियों से जोड़ने और प्रोत्साहित करने हेतु बस्तर ओलंपिक 2024 का आयोजन किया जा रहा है। मुख्य सचिव श्री जैन ने संभाग आयुक्त बस्तर को बस्तर ओलंपिक 2024 के आयोजन की गतिविधियों की लगातार मॉनिटरिंग करने कहा है। आयोजन हेतु खेल मैदान आयोजन स्थल पर आवश्यक खेल सामग्री, प्राथमिक उपचार, पेयजल, साफ सफाई इत्यादि व्यवस्थाओं के लिए व्यापक निर्देश दिए गए है। बैठक में अधिकारियों ने बताया कि बस्तर ओलंपिक आयोजन हेतु शुभंकर एवं लोगो का निर्धारण किया गया है। खेल प्रतियोगिताओं में वेटलिफ्टिंग एवं हॉकी खेल विधा में सीधा जिला स्तर से संभाग स्तर पर दल की भागीदारी होगी। अधिकारियों ने बताया कि खेल प्रतियोगिताओं के लिए खिलाड़ियों के पंजीयन की प्रक्रिया जारी है। खेलों के सफल आयोजन हेतु विकासखंड, जिला एवं संभाग स्तरीय समितियों का गठन कर विभागों के अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है।
बस्तर ओलंपिक आयोजन के लिए आयोजित उच्च स्तरीय वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की प्रमुख सचिव श्रीमती निहारिका बारिक, प्रमुख सचिव अनुसूचित जाति जनजाति विकास श्री सोनमणि बोरा, खेल एवं युवा कल्याण विभाग के सचिव श्री हिमशिखर गुप्ता, लोक निर्माण विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह, शिक्षा विभाग के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल परदेशी, उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के सचिव श्री रजत कुमार, परिवहन विभाग के सचिव श्री एस.प्रकाश, महिला एवं बाल विकास विभाग की सचिव श्रीमती शम्मी आबिदी, संभागायुक्त बस्तर सहित कलेक्टर बस्तर, कोण्डागांव, कांकेर, सुकमा, नारायणपुर, दंतेवाड़ा, बीजापुर और पुलिस विभाग, खेल एवं युवा कल्याण विभाग सहित अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन बनाएगा नक्सलियों के गढ़ पुवर्ती तक सड़क
जगदलपुर। नक्सल प्रभावित बस्तर क्षेत्र में महत्वपूर्ण बदलाव की दिशा में कदम बढ़ाते हुए बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन (बीआरओ) ने नक्सलियों के गढ़ और बटालियन नंबर-1 के ठिकाने पुवर्ती तक सड़क निर्माण की योजना बनाई है। यदि इस इलाके में फोर्स के जवानों की आवाजाही बढ़ी तो यह नक्सलवाद के खात्मे में निर्णायक साबित हो सकता है। पुवर्ती, जो अब तक नक्सलियों का मुख्य ठिकाना रहा है, वहां तक सड़क निर्माण करना बेहद चुनौतीपूर्ण कार्य है।
बीआरओ का यह कदम नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास को गति देने और सुरक्षा बलों की पहुंच बढ़ाने के लिहाज से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। दो दशकों के बाद बीआरओ बस्तर में वापसी कर रहा है, जिससे इन इलाकों में इंफ्रास्ट्रक्चर बेहतर होने की उम्मीद बढ़ी है।
दिल्ली में बनी योजना
हाल ही में दिल्ली में एक उच्चस्तरीय बैठक में नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सड़क निर्माण पर विशेष चर्चा हुई। सिलगेर-पुवर्ती-कोंडापल्ली और तर्रेम-कोंडापल्ली मार्गों पर सड़क निर्माण की योजना बनाई गई है। इसके तहत पुवर्ती तक सड़क निर्माण बीआरओ द्वारा किया जाएगा, जिससे सुरक्षा बलों की पहुंच इन कठिन क्षेत्रों में संभव हो सकेगी।
सड़क निर्माण में आएगी तेजी
लोक निर्माण विभाग जगदलपुर ज़ोन के मुख्य अभियंता जीआर रावटे ने बताया कि बस्तर का यह क्षेत्र नक्सलवाद के खिलाफ चल रही लड़ाई में सबसे चुनौतीपूर्ण क्षेत्र के रूप में जाना जाता है। हाल ही में हुई दिल्ली बैठक में यह तय किया गया है कि सिलगेर से पुवर्ती तक की सड़क का निर्माण बीआरओ द्वारा तेजी से किया जाएगा। इस क्षेत्र में सड़कों का निर्माण न केवल सुरक्षा के लिहाज से बल्कि स्थानीय विकास के लिए भी अहम साबित होगा।
इस परियोजना के पूरा होने पर बस्तर में नक्सल प्रभावित इलाकों में फोर्स की पहुंच आसान हो जाएगी, जिससे नक्सलवाद के खिलाफ अभियान को बल मिलेगा और बस्तर में विकास के नए अवसर खुलेंगे।
ट्राईफूड पार्क के व्यवस्थित संचालन को लेकर मंत्रालय में हुई बैठक
जगदलपुर के सेमरा में 8.20 करोड़ की लागत से बना है ट्राईफूड पार्क
रायपुर : जगदलपुर के ग्राम सेमरा में स्थित ट्राईफूड पार्क के संचालन के संबंध में आज आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग के प्रमुख सचिव श्री सोनमणि बोरा एवं मैनेजिंग डायरेक्टर, ट्रायफेड, जनजातीय कार्य मंत्रालय, भारत सरकार श्री आशीष चटर्जी की उपस्थिति में बैठक आयोजित की गई। मैनेजिंग डायरेक्टर, ट्रायफेड श्री आशीष चटर्जी ने बताया कि ट्रायफेड द्वारा 8.20 करोड़ की लागत से जगदलपुर, छत्तीसगढ़ में ट्राईफूड पार्क तैयार कर लिया गया है उक्त प्लांट सेमरा ग्राम, जगदलपुर, छत्तीसगढ़ में स्थित है इसका सकल क्षेत्रफल लगभग 21.55 एकड़ है, जिसमें 4.36 एकड़ में प्लाट स्थापित है।
उल्लेखनीय है कि जगदलपुर बस्तर में ट्रायफेड द्वारा स्थापित यह फूड पार्क वनोत्पाद की एक प्रमुख प्रसंस्करण इकाई है, जिसमें वनधन केन्द्रों एवं स्थानीय जनजाति कृषकों से कच्ची सामग्री (विशेषकर लघु वनोपज) न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर लेकर उसका प्रसंस्करण कर उत्पादन, पैकेजिंग एवं ब्रांडिंग किया जाएगा। इस फूड पार्क के व्यवस्थित संचालन एवं आगामी कार्ययोजना पर चर्चा की गई।
बैठक में सचिव आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग श्री नरेन्द्र कुमार दुग्गा, उप सचिव श्री बी.के. राजपूत, उप राज्य कार्यक्रम निर्देशक, छत्तीसगढ़, आदिवासी विकास समिति, रायपुर श्री अनुपम त्रिवेदी, जी.एम. ट्रायफेड श्री संयम कश्यप एवं रीजनल मैनेजर, ट्रायफेड, रायपुर श्री पी.एम. खदाने उपस्थित थे।
बस्तर मड़ई और क्षेत्रीय सरस मेला में भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन
मशहूर भजन गायक हंसराज रघुवंशी ने अपनी सुरमयी प्रस्तुति से जीता सभी का दिल
बस्तर मड़ई में 19 अक्टूबर को राष्ट्रीय फिल्म पुरुस्कार से सम्मानित पार्श्व गायिका मोनाली ठाकुर की होगी प्रस्तुति
रायपुर : बस्तर मड़ई और क्षेत्रीय सरस मेला के अवसर पर लालबाग मैदान, बस्तर में गुरुवार की शाम भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मशहूर भजन गायक हंसराज रघुवंशी ने अपनी सुरमयी प्रस्तुति से सभी का दिल जीत लिया। हजारों की संख्या में उपस्थित दर्शकों ने इस कार्यक्रम का भरपूर आनंद उठाया।
हंसराज रघुवंशी, जिनकी गाथा गीतों और भजनों के लिए विशेष पहचान है, ने अपनी धुनों और भक्ति रस से सराबोर गीतों से पूरे माहौल को भक्तिमय बना दिया। उन्होंने अपनी प्रसिद्ध गीत “मेरा भोला है भंडारी” के साथ एक के बाद एक लोकप्रिय भजन प्रस्तुत किए, जिनमें जय शिव शंकर, मेरे भोलेनाथ और अन्य कई प्रसिद्ध गीत शामिल थे।
रघुवंशी ने अपनी प्रस्तुति के दौरान दर्शकों से गीत में सहयोग और तालियों से सहभागिता की अपील की, तो दर्शकों ने भी बराबर सहायता की। कार्यक्रम में नारायणपुर के प्रसिद्ध अबुझमाड मलखंभ अकादमी के हुनरबाज मलखंभ प्रदर्शन, बादल अकादमी की प्रस्तुति सहित स्थानीय लोकनृत्य दलों ने भी प्रस्तुति दी। दर्शकों की हजारों की संख्या में पहुँचने वाले बस्तरवासियों के साथ ही समीपवर्ती जिलों और ओड़िसा राज्य के भी जन पहुँचे थे।
शासन और जिला प्रशासन द्वारा आयोजित इस बस्तर मड़ई और सरस मेला क्षेत्र भी चहल-पहल से भरा रहा, जहां विभागीय योजनाओं की प्रदर्शनी तथा स्व-सहायता समूहों के उत्पाद और हस्तशिल्प के स्टॉल ने लोगों का ध्यान आकर्षित किया। मेला में आई भीड़ ने न केवल सांस्कृतिक कार्यक्रम का आनंद लिया, बल्कि बस्तर की समृद्ध लोक संस्कृति और शिल्प का भी अनुभव किया।
बस्तर मड़ई और क्षेत्रीय सरस मेला का यह आयोजन प्रदेश एवं अन्य राज्य की संस्कृति, परंपरा और कला को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया गया है। हंसराज रघुवंशी जैसे कलाकारों की उपस्थिति ने इस आयोजन को और भी खास बना दिया। शुक्रवार 18 अक्टूबर की शाम को दायरा बैंड की प्रस्तुति होगी और 19 अक्टूबर को ‘मोह मोह के धागे’ गीत से राष्ट्रीय फिल्म पुरुस्कार से सम्मानित पाश्र्व गायिका मोनाली ठाकुर और गायक शबाब सबरी की प्रस्तुति होगी। साथ ही स्थानीय लोकनृत्य दलों द्वारा भी शानदार प्रस्तुति दी जाएगी।
कार्यक्रम के अंत में दर्शकों ने हंसराज रघुवंशी को अपनी प्रस्तुति के लिए धन्यवाद दिया और आयोजक छत्तीसगढ़ शासन और जिला प्रशासन को इस अद्भुत सांस्कृतिक उत्सव के आयोजन के लिए सराहा। जिला प्रशासन द्वारा गायक श्री रघुवंशी को स्मृति स्वरूप बस्तर मड़ई का प्रतीक चिन्ह भेंट किया गया। इस अवसर पर सांसद श्री महेश कश्यप, कलेक्टर श्री हरिस एस, पुलिस अधीक्षक श्री शलभ सिन्हा, सीईओ जिला पंचायत श्री प्रकाश सर्वे सहित अन्य गणमान्य जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी उपस्थित थे।
बस्तर मड़ई और क्षेत्रीय सरस मेला में भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन
मशहूर भजन गायक हंसराज रघुवंशी ने अपनी सुरमयी प्रस्तुति से जीता सभी का दिल
बस्तर मड़ई में 19 अक्टूबर को राष्ट्रीय फिल्म पुरुस्कार से सम्मानित पार्श्व गायिका मोनाली ठाकुर की होगी प्रस्तुति
जगदलपुर : बस्तर मड़ई और क्षेत्रीय सरस मेला के अवसर पर लालबाग मैदान में गुरुवार की शाम भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मशहूर भजन गायक हंसराज रघुवंशी ने अपनी सुरमयी प्रस्तुति से सभी का दिल जीत लिया। हजारों की संख्या में उपस्थित दर्शकों ने इस कार्यक्रम का भरपूर आनंद उठाया।
हंसराज रघुवंशी, जिनकी गाथा गीतों और भजनों के लिए विशेष पहचान है, ने अपनी धुनों और भक्ति रस से सराबोर गीतों से पूरे माहौल को भक्तिमय बना दिया। उन्होंने अपनी प्रसिद्ध गीत “मेरा भोला है भंडारी” के साथ एक के बाद एक लोकप्रिय भजन प्रस्तुत किए, जिनमें जय शिव शंकर, मेरे भोलेनाथ और अन्य कई प्रसिद्ध गीत शामिल थे। रघुवंशी ने अपनी प्रस्तुति के दौरान दर्शकों से गीत में सहयोग और तालियों से सहभागिता की अपील की, तो दर्शकों ने भी बराबर सहायता की। कार्यक्रम में नारायणपुर के प्रसिद्ध अबुझमाड मलखंभ अकादमी के हुनरबाज मलखंभ प्रदर्शन, बादल अकादमी की प्रस्तुति सहित स्थानीय लोकनृत्य दलों ने भी प्रस्तुति दी। दर्शकों की हजारों की संख्या में पहुँचने वाले बस्तरवासियों के साथ ही समीपवर्ती जिलों और ओड़िसा राज्य के भी जन पहुँचे थे।
शासन और जिला प्रशासन द्वारा आयोजित इस बस्तर मड़ई और सरस मेला क्षेत्र भी चहल-पहल से भरा रहा, जहां विभागीय योजनाओं की प्रदर्शनी तथा स्व-सहायता समूहों के उत्पाद और हस्तशिल्प के स्टॉल ने लोगों का ध्यान आकर्षित किया। मेला में आई भीड़ ने न केवल सांस्कृतिक कार्यक्रम का आनंद लिया, बल्कि बस्तर की समृद्ध लोक संस्कृति और शिल्प का भी अनुभव किया। बस्तर मड़ई और क्षेत्रीय सरस मेला का यह आयोजन प्रदेश एवं अन्य राज्य की संस्कृति, परंपरा और कला को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया गया है। हंसराज रघुवंशी जैसे कलाकारों की उपस्थिति ने इस आयोजन को और भी खास बना दिया। शुक्रवार 18 अक्टूबर की शाम को दायरा बैंड की प्रस्तुति होगी और 19 अक्टूबर को ‘मोह मोह के धागे’ गीत से राष्ट्रीय फिल्म पुरुस्कार से सम्मानित पाश्र्व गायिका मोनाली ठाकुर और गायक शबाब सबरी की प्रस्तुति होगी। साथ ही स्थानीय लोकनृत्य दलों द्वारा भी शानदार प्रस्तुति दी जाएगी।
कार्यक्रम के अंत में दर्शकों ने हंसराज रघुवंशी को अपनी प्रस्तुति के लिए धन्यवाद दिया और आयोजक छत्तीसगढ़ शासन और जिला प्रशासन को इस अद्भुत सांस्कृतिक उत्सव के आयोजन के लिए सराहा। जिला प्रशासन द्वारा गायक श्री रघुवंशी को स्मृति स्वरूप बस्तर मड़ई का प्रतीक चिन्ह भेंट किया गया। इस अवसर पर सांसद श्री महेश कश्यप, कलेक्टर श्री हरिस एस, पुलिस अधीक्षक श्री शलभ सिन्हा, सीईओ जिला पंचायत श्री प्रकाश सर्वे सहित अन्य गणमान्य जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी उपस्थित थे।
रक्षा मंत्रालय के गिरौला कैंप में तेंदुए की दहशत, चार शावकों को दिया जन्म, वन विभाग ने जारी की गाइडलाइन
छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के गिरोला में स्थित डीआरडीओ (डिफेंस रिसर्च एंड डवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन) के डिफेंस एरिया में एक मादा तेंदुआ दिखने से दहशत का माहौल बना हुआ है. बताया जा रहा है कि रक्षा मंत्रालय के इस गिरोला कैंप के भीतर तेंदुए ने चार शावकों भी जन्म दिया है. इसके चलते दिन और रात में ड्यूटी करने वाले यहां के रक्षाकर्मियों को वन विभाग ने पूरी तरह से सावधानी बरतने के निर्देश दिए हैं. इधर डिफेंस के अधिकारियों ने तेंदुआ द्वारा चार शावकों को जन्म देने की जानकारी वन विभाग के अधिकारियों को देते हुए सुरक्षा के हिसाब से इन्हें अन्यत्र ले जाने की मांग की है.
डिफेंस के अधिकारियों ने बताया कि कुछ दिनों से एक मादा तेंदुआ गिरौल कैंप के घने वन क्षेत्र में नजर आ रही थी. इसकी सूचना कैंप अधिकारियों ने बस्तर वन विभाग के एसडीओ देवलाल दुग्गा को दी, जिसके चलते कैंप के भीतर संभावित क्षेत्र में पिंजरा भी लगाया गया था. लेकिन चार दिन पहले ही पता चला कि तेंदुए ने गिरौला कैंप के भीतर ही चार शावकों को जन्म दिया है, जिसके चलते फिलहाल पिंजरा हटा लिया गया है.
इधर रक्षा कर्मियों का कहना है कि शावकों को बचाने के लिए मादा तेंदुआ नाइट शिफ्ट में काम करने वाले कर्मचारियों पर कभी भी हमला कर सकती है. ऐसे में सुरक्षाकर्मियों ने तेंदुआ को शावकों सहित पकड़ कर सघन वन क्षेत्र में छोड़ने की मांग वन विभाग के अधिकारियों से की है.
तेंदुए ने चार शावकों को दिया है जन्म
वन विभाग के अधिकारी देवलाल दुग्गा ने बताया कि गिरोला डिफेंस एरिया के सुरक्षाकर्मियों ने कैम्प के अंदर मौजूद जंगलों में मादा तेंदुआ को देखा है और तेंदुआ के द्वारा चार शावको को भी जन्म दिए जाने की भी जानकारी मिली है. हालांकि शावक काफी छोटे हैं ऐसे में यहां वन विभाग ने जो पिंजरा लगाया था उसे हटा लिया है. जल्द ही यहां रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर तेंदुआ को पकड़ने और शावकों को सुरक्षित जगह पर छोड़ा जाएगा.
फिलहाल, सुरक्षाकर्मियों को सावधानी बरतने को कहा गया है, जिसमें रात के समय पैदल और दो पहिया वाहनों से अपने कार्यक्षेत्र में नहीं जाने के साथ ही आवश्यकता अनुसार बंद गाड़ी में आना-जाना करने को कहा गया है. उन्होंने बताया कि इस मामले में उच्च अधिकारियों को सूचना दे दी गई है. उचित माध्यम से तेंदुआ और शावकों को बड़े सावधानी से पड़कर घने जंगलों में छोड़ने की तैयारी कुछ दिनों में की जाएगी.
बस्तर जिले के फॉरेस्ट एरिया में लगातार दिख रहे तेंदुआ
इधर बस्तर जिले के अलग-अलग वन क्षेत्रो में लगातार तेंदुआ देखा जा रहा है. सप्ताह भर पहले ही चित्रकोट वन परिक्षेत्र के एक गांव में तेंदुआ को वन विभाग की टीम ने पकड़ा था और रेस्क्यू कर सुरक्षित जगह छोड़ा था. वहीं, अब बकावंड ब्लॉक के गिरोला में स्थित डिफेंस एरिया में तेंदुआ दिखने से दहशत का माहौल बना हुआ है.
कलेक्टर ने की जल-स्वच्छता मिशन की प्रगति की समीक्षा
अम्बिकापुर। कलेक्टर विलास भोसकर की अध्यक्षता में गुरुवार को जिला जल एवं स्वच्छता मिशन की जिला स्तरीय समीक्षा बैठक संपन्न हुई। बैठक में जल जीवन मिशन के अंतर्गत जल प्रदाय योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की गई। इसके साथ ही प्रगतिरत कार्यों के समय वृद्धि प्रकरणों की स्वीकृति और जल जीवन मिशन अंतर्गत निर्माण कार्यों के प्रस्तावित भुगतान के अनुमोदन पर चर्चा की गई। कलेक्टर ने बैठक में कहा कि सतही जल के अधिक उपयोग को ध्यान में रखते हुए अगले प्रस्ताव तैयार किए जाएं जिससे भूमिगत जल की बजाय सतह पर उपलब्ध जल का बेहतर उपयोग किया जा सके।
बैठक में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के मुख्य कार्यपालन अभियंता सुशील सिन्हा ने जल जीवन मिशन के अंतर्गत कार्यरत घरेलू नल कनेक्शन की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 569 ग्रामों में कार्य का लक्ष्य रखा गया है जिसमें 44154 घरेलू नल कनेक्शन कार्यरत हैं। उन्होंने जल जीवन मिशन के तहत सोलर आधारित योजना की भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि योजना अंतर्गत अब तक 473 सोलर पंप स्थापित किए गए हैं जिनमें 7657 घरेलू नल कनेक्शन निर्मित किए गए हैं। उन्होंने प्रगति की जानकारी देते हुए बताया कि जल जीवन मिशन अंतर्गत 11 गांवों में शत प्रतिशत नल कनेक्शन का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। 60 गांवों में 90 से 99 प्रतिशत निर्मित घरेलू नल कनेक्शन, 132 गांवों में 80 से 89 प्रतिशत और 107 गांवों में 70 से 79 प्रतिशत निर्मित घरेलू नल कनेक्शन हैं।
बैठक में जल जीवन। मिशन अंतर्गत प्रगतिरत कार्यों के समय वृद्धि प्रकरणों की स्वीकृति और जल जीवन मिशन अंतर्गत निर्माण कार्यों के प्रस्तावित भुगतान के अनुमोदन पर चर्चा की गई। इस दौरान संबंधित समिति के सदस्य उपस्थित रहे।
हर घर जल के तहत गिरौला के सभी घरों में नियमित जलापूर्ति से ग्रामीण खुश
सरपंच सतेन्द्र गागड़ा ने सरकार की पहल को सराहा
जगदलपुर। शासन की हर घर को पेयजल मुहैया करवाने हेतु संचालित जल जीवन मिशन के तहत बस्तर जिले के बकावंड विकासखण्ड के ग्राम पंचायत गिरोला में सभी 84 परिवारों को घरेलू नल कनेक्शन के द्वारा हर घर जल सुलभ हो रहा है। जिससे अब ग्रामीण काफी उत्साहित हैं। विशेषकर घर-परिवार की जिम्मेदारी संभालने वाली महिलाएं सर्वाधिक खुश हैं,जिन्हें अब घर में ही पानी उपलब्ध हो रहा है।
इस बारे में ग्राम पंचायत के सरपंच सतेन्द्र गागड़ा कहते हैं कि हमारे गांव के लोग हैंडपंप से पानी भरकर लाते थे,पहले पानी की बहुत किल्लत थी। अब सरकार की जल जीवन मिशन द्वारा हरेक घर को नल कनेक्शन देने के साथ ही टंकी के माध्यम से पानी आपूर्ति की जा रही है। जिससे ग्रामीणों का समय और श्रम दोनों की बचत हो रही है। सरकार की यह पहल सराहनीय है।
अपने घर में पानी की नियमित आपूर्ति से प्रसन्न श्यामबत्ती बघेल कहती हैं कि हैंडपंप से घर के सदस्यों के लिए पानी लाना बहुत तकलीफभरा था,कई बार तबियत खराब रहने से सर्वाधिक दिक्कत होती थी। लेकिन अब सरकार की हर घर जल योजना से काफी सहूलियत हो रही है और घर के कामकाज खत्म कर खेती-किसानी कार्य के लिए ज्यादा समय दे रही हैं। इसी तरह दिव्या त्रिपाठी बताती हैं कि घर से काफी दूर स्थित हैंडपंप से घड़ा भरकर सिर में उठाकर लाना बहुत मुश्किल था,फिर भी घर की जरूरत के लिए पानी लाना मजबूरी थी। लेकिन अब हर घर नल कनेक्शन देकर नियमित पानी की आपूर्ति से यह दिक्कत दूर हो गई है। ग्राम पंचायत गिरोला में बच्चों की शिक्षा के लिए प्राथमिक शाला और उच्च प्राथमिक शाला संचालित है यहां भी जल जीवन मिशन के अंतर्गत नल कनेक्शन देकर जल की आपूर्ति की जा रही है।
उच्च प्राथमिक शाला के हेडमास्टर हरिबन्धु बघेल बताते हैं कि जल हरेक प्राणी के लिए जरूरी है और मानव के लिए तो यह नितांत आवश्यक है। जल जीवन मिशन से दोनों स्कूलों में नल कनेक्शन के द्वारा पानी की आपूर्ति से शौचालय को साफ-सुथरा रखने में मदद मिल रही है। वहीं मध्यान्ह भोजन बनाने तथा बच्चों को मध्यान्ह भोजन उपलब्ध करवाने में काफी सहूलियत हो रही है। उन्होंने बताया कि ग्रामीणों को हर घर जल मिलने से काफी सुविधा हुई है इसे मद्देनजर रखते हुए ग्रामीणों को जल संरक्षण के प्रति जागरूक किया जा रहा है।
इसी क्रम में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा दोनों स्कूलों में बच्चों को जल संरक्षण के उपाय और सफाई के महत्व को समझाया गया। वहीं निबंध एवं चित्रकला स्पर्धा के माध्यम से बच्चों को जल संरक्षण के लिए प्रेरित किया गया,ताकि बच्चे अपने घर के सदस्यों को इस दिशा में अभिप्रेरित कर सकें। साथ ही ग्राम पंचायत की बैठक में ग्रामीणों को पानी बचाने तथा घर में स्वच्छता और गांव की साफ-सफाई के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। अब ग्रामीण भी पानी के महत्व को समझ चुके हैं और जल संरक्षण की दिशा में सहभागी बन रहे हैं।
रोजगार को बढ़ावा देने बस्तर वनमण्डल में किया जा रहा शीशल रोपण
बस्तर वनमण्डल के अंतर्गत 100 हेक्टेयर रकबा में पौधरोपण,शीशल रेसा से ग्रामीणों को मिलेगा रोजगार
जगदलपुर। वर्तमान में शीशल उद्योग छत्तीसगढ़ में कहीं पर भी संचालित नहीं है। ऐसे में इस उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सचिव सहकारिता विभाग डॉ.सीआर प्रसन्ना के द्वारा बस्तर जिले के प्रवास कार्यक्रम के दौरान दिए गए निर्देशानुसार वन परिक्षेत्र बस्तर के अन्तर्गत कोलचूर बीट के कक्ष क्रमांक पी. 1442 नया 532 रकबा 50 हेक्टेयर में भरनी के पास शीशल रोपण किया गया है। ग्राम भरनी में रान बांस डोरी उद्योग समिति बना हुआ है। वनमण्डलाधिकारी बस्तर के द्वारा ग्राम भरनी का दौरा कर तत्काल शेड निर्माण कार्य और मशीन लगाने का निर्देश दिया गया था, जिसके अनुरूप ग्राम भरनी में शेड निर्माण के पश्चात शीशल प्रसंस्करण का कार्य किया जा रहा है। बस्तर वनमण्डल के अन्तर्गत वन परिक्षेत्र बकावण्ड के ढोढरेपाल में 50 हेक्टेयर रकबा में 11000 शीशल रोपण एवं वन परिक्षेत्र बस्तर अन्तर्गत भरनी में 50 हेक्टेयर में 11000 शीशल रोपण किया गया था। बस्तर वनमण्डल में कुल 100 हेक्टेयर रकबा में 22000 शीशल रोपण का कार्य वृहद रूप से किया गया है जिससे समिति को रॉ-मटेरियल भरपूर मिल सकेगा और उनकी आमदनी में बढ़ोतरी होगी।
मैं शीशल नहीं रोजगार हूं
मेरा नाम अगेव शिशलाना है लोग मुझे केकती, रान बांस या शीशल के नाम से जानते हैं मैं बहुत ही कम पानी से अपना जीवन चला सकती हूं, परन्तु अपने शरीर के भीतर पर्याप्त जल संग्रहण कर रखती हूं जहां मैं रहती हूं, उस स्थान पर भूमि नम रहती है, एक बार जब मुझे रोपण कर दिया जाता है उसके पश्चात् मेरी मृत्यु संभव नहीं है, जब तक की कोई मेरा जानबूझकर नुकसान न पहुंचा दे। एक किलोग्राम शीशल के पत्ते को मशीन के द्वारा रेसा निकालकर सुखाने पर 200 ग्राम रेसा प्राप्त होता है 8 व्यक्ति मिलकर लगभग एक क्विंटल पत्ते एकत्र करते हैं और उसकी रेसा बनाने पर 20 किलोग्राम रेसा प्राप्त होता है। जिसका बाजार भाव 250 रुपये प्रति किलोग्राम है। 20 किलोग्राम का 5000 रुपये प्राप्त होता है। 8 व्यक्ति का रोजी 350 की दर से 2800 रुपये होगा, शेष 2200 रुपये बिजली, पानी एवं रखरखाव में व्यय होगा। इस प्रकार लाभ ही लाभ है तभी तो मैं कहती हूं कि मैं शीशल नहीं रोजगार हूं।
शीशल को प्रोत्साहन की है आवश्यकता
बस्तर के वनमण्डलाधिकारी उत्तम गुप्ता बताते हैं कि शीशल से संबंधित कार्य से ग्रामीणों को लाभ ही होता है नुकसान की बात ही नहीं है। इसे व्यापक प्रचार-प्रसार कर उद्योग के रूप में विकसित किये जाने की आवश्यकता है। वर्तमान में बस्तर वनमण्डल के अन्तर्गत बस्तर वन परिक्षेत्र के भरनी एवं बकावण्ड वन परिक्षेत्र के ढोढरेपाल में 100 हेक्टेयर में कुल 22000 पौधे शीशल रोपण कर इस उद्योग को बढ़ावा दिया जा रहा है। साथ ही ग्रामीणों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है ताकि वे उत्पादन से जुड़कर आर्थिक तौर पर सक्षम होकर आत्मनिर्भर हो सकें।