रोचक तथ्य

शिव भक्त हैं तो राधा नाम जपें या नहीं… प्रेमानंद महाराज ने बताया उपाय

 इंदौर। धर्मगुरु प्रेमानंद महाराज अपने प्रवचनों के माध्यम से लोगों को भक्ति का मार्ग दिखाते हैं। वहीं, उनके दरबार में भी लोग अपने प्रश्न लेकर पहुंचते हैं।

ऐसे ही एक मौके पर एक भक्त ने अपना प्रश्न पूछा। भक्त ने बताया, ‘मैं भगवान शिव का परम भक्त रहा हूं। शिवलिंग की रोज सेवा करता हूं। इस बीच, प्रेमानंद जी महाराज के प्रवचन सुने और राधा नाम की शक्ति से भी परिचित हुआ।’

राधा नाम प्रिय है, यह भी महादेव की कृपा है: प्रेमानंद महाराज

 

प्रेमानंद महाराज ने भक्त का प्रश्न सुना और उत्तर दिया। उन्होंने एक राधा बाबा की कहानी सुनाई। असल में उनका नाम चक्रधर स्वामी था, लेकिन लोग उन्हें राधा बाबा के नाम से जानते हैं।

राधा बाबा ने बचपन में से शिव भक्ति शुरू कर दी थी। किसी से सुना कि भोले शंकर को भभूत पसंद है, तो चिता की राख उठाई और मंदिर में जाकर लगा दी। तब उन्हें ज्यादा ज्ञान भी नहीं था।

प्रेमानंद महाराज ने आगे बताया कि चक्रधर स्वामी परम शिव भक्त थे, लेकिन प्राण निकलते समय उनके मुख से राधा-राधा नाम निकल रहा था। यही कारण है कि उनका नाम राधा बाबा पड़ा।

प्रेमानंद महाराज के अनुसार, यदि किसी को राधा नाम की धुन लगी है, राधा रानी की भक्ति में मन लगा है, तो यह महादेव की ही कृपा है। इसलिए दोनों को अलग न मानें, बस भक्ति में लगे रहें।

 

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