छत्तीसगढ़ इतिहास

सरगुजा में कुदरत का करिश्मा, इस पत्थर से आती है अलग-अलग आवाजें - भगवान राम वनवास के समय....

सरगुज़ा : धरती पर आपने कुदरत के कई अलग-अलग अजूबे देखे होंगे. सरगुज़ा की ही बात करें तो कहीं धरती हिलती है तो कहीं पानी उल्टा बहता है. ऐसा ही कुदरत का एक और अजूबा सरगुजा जिले के छिंदकालो में स्थित है. इस जगह पर पत्थर से अलग-अलग आवाजें आती हैं. एक बड़ी शिला जिससे कई तरह की ध्वनियां निकलती है, छोटे पत्थर से इस बड़ी शिला को ठोकने से ये धातु की तरह आवाज करता है. इस करिश्मे को देखने सैलानी भी दूर दूर से यहां आते हैं.

छिंदकालो गांव में मौजूद है ठीनठिनी पठार                                                                                                                                                                

 

सरगुज़ा संभाग मुख्यालय अम्बिकापुर से करीब 22 किलोमीटर दूर स्थित है छिंदकालो गांव, यह गावं दरिमा एयरपोर्ट के पीछे स्थित है. यहां एक धार्मिक स्थल है जो ठीनठिनी पत्थर के नाम से मशहूर है. इस जगह को ठीनठिनी पत्थर इसलिए कहा जाता है क्योंकि, यहां एक पत्थर से ठीनठिन की आवाज आती है एक पत्थर से करीब 5 अलग अलग तरह की आवाजें आती हैं. घड़े की आवाज, घंटी की आवाज, लोहे की आवाज जैसी कई अलग अलग आवाजें इस पत्थर को ठोकने से निकलती है.                                                                                                                                                                                        

इस स्थान का है धार्मिक और पुरातात्विक महत्व



                                                                                                                                                         


इस स्थान को लेकर पुरातत्व विभाग के दावे अलग हैं, और ग्रामीण भी इसे लेकर धार्मिक दावे करते हैं. ग्रामीण कहते हैं कि, भगवान राम वनवास के समय यहां आये थे और इस पत्थर को उन्होंने जिस जिस स्थान पर छुआ वहां वहां निशान पड़ गए. इसी वजह से इस पत्थर से ऐसी आवाज आती हैं. यह स्थान ग्रामीणों की धार्मिक आस्था का भी केंद्र है. अब बड़ी बात ये है कि सच्चाई चाहे जो भी हो लेकिन सैलानियों को ये जगह खूब पसंद आती है. कई राज्यों से तमाम लोग यहां आते हैं. क्योंकि यह मैनपाट जाने के रास्ते में पड़ता है. लिहाजा मैनपाट जाने वाले लोग इस अजूबे को भी देखने आते हैं.





 

 

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