"छत्तीसगढ़ में अनोखा मंदिर : भाई-बहन का एक साथ दर्शन प्रतिबंधित, जानिए इसकी पीछे कहानी"
इस साल रक्षाबंधन का त्योहार 30-31 अगस्त 2023 यानी इन दोनों दिन मनाया जाएगा. ये त्योहार भाई-बहन के रिश्ते के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है. रक्षाबंधन में बहनें अपने भाई को राखी बांधती हैं. इस दिन भाई-बहन धार्मिक स्थलों के दर्शन भगवान का आशीर्वाद लेते हैं और राखी का पर्व मनाते हैं.
रक्षाबंधन के इस मौके पर लोग कुछ खास जगहों पर जा सकते हैं, लेकिन भारत में एक ऐसा मंदिर भी है, जहां भाई-बहन को एक साथ कभी नहीं जाना चाहिए. इस मंदिर में भाई-बहन के साथ दर्शन और पूजा करने पर प्रतिबंध है. मंदिर से जुड़ी कुछ धार्मिक मान्यताएं हैं और कथाएं हैं. अगर आप भी रक्षाबंधन के मौके पर कहीं सफर की योजना बना रहे हैं या आम दिनों में भी भाई-बहन साथ कहीं घूमने जा रहे हैं तो इस मंदिर में एक साथ प्रवेश न करें.
छत्तीसगढ़ में है अनोखा मंदिर
बता दें कि छत्तीसगढ़ में एक अनोखा मंदिर है, जहां भाई बहन का एक साथ प्रवेश करना वर्जित है. राज्य के बलौदाबाजार के कसडोल के पास नारायणपुर गांव में स्थित मंदिर नारायणपुर के शिव मंदिर के नाम पर मशहूर है. इस मंदिर में भाई बहन को साथ दर्शन के लिए नहीं जाना चाहिए.
मंदिर का इतिहास और नक्काशी
इस मंदिर का निर्माण 7वीं से 8वीं शताब्दी के बीच कलचुरी शासकों ने कराया था. मंदिर लाल-काले बलुआ पत्थरों से बनाया गया है. मंदिर के स्तंभों पर कई सुंदर आकृतियां बनी हुई हैं. मंदिर 16 स्तंभों पर टिका हुआ है. हर स्तंभ पर खूबसूरत नक्काशी की गई है. मंदिर में छोटा सा संग्रहालय है, जहां खुदाई में मिली मूर्तियों को रखा गया है.
भाई बहन क्यों मंदिर में साथ नहीं जा सकते
यह एकमात्र मंदिर है, जहां भाई-बहन के एक साथ जाने पर पाबंदी है. इसके पीछे एक कहानी है. मंदिर का निर्माण रात के समय हुआ करता था. मंदिर छ महीने में तैयार किया गया था. मंदिर जनजाति समुदाय से जुड़ा है. शिल्पी नारायण रात के वक्त निर्वस्त्र होकर मंदिर का निर्माण करते थे.
मंदिर निर्माण करने वाले शिल्पी नारायण की पत्नी उन्हें खाना देने आती थीं. लेकिन एक शाम नारायण की पत्नी की जगह बहन खाना लेकर निर्माण स्थल पर आ गईं. क्योंकि शिल्पी नारायण नग्न होकर मंदिर निर्माण करते थे, बहन को देखकर उन्हें शर्मिंदगी महसूस हुई और उन्होंने मंदिर के शिखर से कूदकर अपनी जान दे दी. इस कारण भाई-बहन मंदिर में प्रवेश नहीं कर सकते हैं. इसके अलावा मंदिर अपने स्थापत्य कला के लिए मशहूर है. यहां की मुख्य दीवारों पर उकेरी गई हस्तमैथुन की मूर्तियों के कारण भी भाई-बहन यहां साथ आने में असहज महसूस करते हैं.