संस्कृति

हनुमान जी ने अपने शरीर पर क्यों लगाया था सिंदूर? माता सीता से जुड़ी है इसकी कथा

नई दिल्ली। मंगलवार का दिन हनुमान जी को अति प्रिय है। ऐसा माना जाता है कि इस शुभ दिन पर बजरंगबली की भेंट भगवान श्रीराम से हुई थी। इसी वजह से मंगलवार के दिन साधक विधिपूर्वक हनुमान जी की (Lord Hanuman Pujan Vidhi) उपासना करते हैं। साथ ही गरीब लोगों में अन्न, वस्त्र और धन समेत आदि चीजों का दान करते है। धार्मिक मान्यता है कि इन शुभ कार्यों को करने से साधक को जीवन में सभी तरह के दुख और संकट से छुटकारा मिलता है। पूजा के दौरान हनुमान जी को सिंदूर लगाया जाता है। क्या आप जानते हैं कि प्रभु को सिंदूर क्यों लगाया जाता है। अगर नहीं पता, तो आइए जानते हैं इससे जुड़ी कथा के बारे में।

 

 

ये है वजह

पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार मां सीता श्रृंगार कर रही थीं, तो वह जब सिंदूर लगा रही थीं, तो उसी दौरान उनके पास हनुमान जी आ गए और मां सीता से सिंदूर लगाने का कारण पूछा। ऐसे में मां सीता ने कहा कि सिंदूर लगाने से मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम को दीर्घायु का आशीर्वाद प्राप्त होता है और सदैव उनका स्वास्थ्य अच्छा रहता है।

इस बात को सुनकर हनुमान जी ने सोचा कि जब मां सीता के द्वारा थोड़ा सा सिंदूर लगाने से राम जी को लंबी आयु का आशीर्वाद प्राप्त होता है, तो क्यों न मैं अपने पूरे शरीर पर सिंदूर लगा लू। ऐसा करने से राम जी अमर हो जाएंगे। इसके पश्चात हनुमान जी ने ऐसा ही किया। इसको देख राम जी प्रसन्न हुए। इसी वजह से हनुमान जी को सिंदूर लगाया जाता है।

हनुमान जी को सिंदूर लगाने से मिलते ये हैं ये लाभ

मंगवलार के दिन हनुमान जी की पूजा करें और उन्हें सिंदूर अर्पित करें। मान्यता है कि इस उपाय को करने से प्रभु प्रसन्न होते हैं और जातक की सभी इच्छाओं को पूरा करते हैं। साथ ही रुके हुए काम पूरे होते हैं। इसके अलावा बल और बुद्धि की प्राप्ति होती है।

अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।





 

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