संस्कृति

शनिवार 9 नवंबर से लग रहा मृत्यु पंचक, जानें इस दिन क्या ना करें और शनि के अशुभ प्रभाव से बचने के उपाय

ज्योतिष शास्त्र में पंचक काल को अशुभ समय माना गया है और इस दौरान कोई भी शुभ कार्य करने की मनाही होती है। पंचक काल को अशुभ और हानिकारक नक्षत्रों का योग माना गया है और जब पंचक शनिवार के दिन से शुरू होता है तो उसको मृत्यु पंचक के नाम से जाना जाता है। इस बार शनिवार 9 नवंबर से पंचक शुरू हो रहे हैं और 13 नवंबर दिन बुधवार तक रहेंगे। साथ ही शनिवार को भद्रा का साया भी रहने वाला है। ऐसे में शनि की महादशा और शनि की साढ़ेसाती व ढैय्या के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए कुछ उपाय भी कर सकते हैं।

पंचक काल पांच दिन का होता है, दरअसल चंद्रमा एक राशि में ढाई दिन तक रहते हैं और जब वह कुंभ और मीन राशि में संचार करते हैं तो यह ढाई ढाई दिन मिलकर पांच दिन के हो जाते हैं। इस दौरान पांच दिनों में धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद और रेवती नक्षत्र होते हैं, इनको अशुभ नक्षत्र माना जाता है। इन पांच नक्षत्रों का समूह से बनने वाला योग पंचक कहलाता है।

शनिवार से शुरू होने वाले पंचक को मृत्यु पंचक कहते हैं। जैसा कि नाम से ही पता चल रहा है कि अशुभ दिन से शुरू होने वाला पंचक मृत्यु के बराबर जीवन में परेशानी दिलाता है इसलिए इन पांच दिनों में कोई भी अशुभ व जोखिम भरे कार्य करने से बचना चाहिए। इस अशुभ काल की चपेट में आने से दुर्घटना, चोट, विवाद, कानूनी मामले आदि होने का खतरा बना रहता है।

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