शिक्षा

गेस्ट टीचर्स नहीं कर पाएंगे सीबीएसई एग्जाम ड्यूटी, दिल्ली सरकार के नए फैसले से होगा बड़ा नुकसान!

Delhi School Teacher Latest News: दिल्ली के सरकारी स्कूलों के गेस्ट टीचर्स की अब सीबीएसई और चुनाव की ड्यूटी नहीं लगेगी। इसे लेकर शिक्षा निदेशालय ने एक सर्कुलर जारी कर कहा है कि 'गेस्ट टीचर्स को स्कूलों में टीचर्स के खाली पदों पर अस्थायी तौर पर रखा गया है और उनका कार्यकाल भी फिक्स नहीं है। इस वजह से उन्हें लंबे कार्यकाल या विशेष ड्यूटी जैसे चुनाव और सीबीएसई से जुड़े टास्क से दूर रखना चाहिए।' दूसरी ओर, गेस्ट टीचर्स ने कड़ा ऐतराज जताते हुए फैसला वापस लेने की मांग की है।

शिक्षक क्यों नाराज?

ऑल इंडिया गेस्ट टीचर्स असोसिएशन की ओर से कहा गया है कि यह फैसला गेस्ट टीचर्स का मनोबल गिराने वाला है। पहले तो चुनाव या सीबीएसई ड्यूटी लंबे समय तक नहीं चलतीं। दूसरा- दिल्ली में गेस्ट टीचर्स की ड्यूटी चुनाव में लगती भी नहीं। गेस्ट टीचर्स सीबीएसई एग्जामिनेशन में ड्यूटी करते हैं और कॉपियां भी चेक करते हैं, जिसके लिए उन्हें मानदेय भी मिलता है।असोसिएशन का कहना है कि गेस्ट टीचर्स 8 साल से एक ही सैलरी में काम कर रहे हैं। वादे के बावजूद उनकी सैलरी एक रुपया नहीं बढ़ी है। इस पर ध्यान देने की बजाय सरकार उन्हें और नीचा दिखा रही है।

गेस्ट टीचर की सैलरी बढ़ाने की भी मांग

इस फैसले का विरोध करते हुए गवर्नमेंट स्कूल्स टीचर्स असोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी अजयवीर यादव कहते हैं, 'कई सालों से सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी के बीच गेस्ट टीचर्स ने स्कूल परिसर की हर जटिल जिम्मेदारी उठाई है। कोविड की ड्यूटी तक में सराहनीय भूमिका निभाई है। मगर शिक्षा निदेशालय अपने आदेश के साथ उन्हें सीबीएसई ड्यूटी से दूर कर रहा है। हम इस आदेश को तत्काल वापस लेने और गेस्ट टीचर्स के वेतन भी बढ़ाने की मांग करते हैं।' 

क्या है शिक्षा निदेशालय की दलील?

शिक्षा निदेशालय का कहना है कि गेस्ट टीचर्स को स्कूलों में इसलिए रखा गया है ताकि रेगुलर टीचर्स की अनुपस्थिति में वो लर्निंग गैप दूर कर सकें। यह भी कहा गया है कि कुछ सरकारी नीतियां भी अस्थायी कर्मचारियों को प्रशासनिक या परीक्षा से जुड़ी ड्यूटी जैसे चुनाव काम या सीबीएसई ड्यूटी से रोकती हैं। आमतौर पर इन ड्यूटी के लिए स्थायी, फुल टाइम सरकारी कर्मचारियारियों की जरूरत होती है। इन वजहों से गेस्ट टीचर्स को चुनाव और सीबीएसई की ड्यूटी से अलग किया जाए। क्योंकि उनका प्राथमिक काम पढ़ाना और लर्निंग गैप दूर करना है।

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