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भारत की जीत के नायक रहे 'Gautam Gambhir', हेड कोच के मास्‍टर प्‍लान ने हिटमैन ब्रिगेड को बनाया चैंपियन

दुबई। भारतीय टीम ने रविवार को न्यूजीलैंड को हराकर 12 साल बाद चैंपियंस ट्रॉफी जीती। मैदान पर भले ही रोहित शर्मा और उनकी टीम ने अजेय रहते हुए हर टीम को धूल चटाई, लेकिन इस जीत का एक और नायक रहा, जिसने पर्दे के पीछे रणनीति तैयार की। ये नायक हैं मुख्य कोच गौतम गंभीर।

पिछले साल अक्टूबर-नवंबर में न्यूजीलैंड से घर में टेस्ट सीरीज में 3-0 की शर्मनाक हार और ऑस्ट्रेलिया में बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में 3-1 से हार के बाद गंभीर की रणनीति की काफी आलोचना हुई थी। वहीं, जब से गंभीर ने भारतीय टीम की कमान संभाली थी, तब से वनडे प्रारूप में टीम का प्रदर्शन बेहद खराब रहा था।

गंभीर चुनौती मिली

श्रीलंका में भारत को वनडे सीरीज में 2-0 से हार मिली थी। न्यूजीलैंड और बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में हार के बाद गंभीर के सामने सबसे बड़ी चुनौती थी 12 साल बाद भारत को फिर से आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी खिताब दिलाना। गंभीर ने चैंपियंस ट्रॉफी की तैयारी शुरू की पिछले महीने इंग्लैंड के विरुद्ध तीन मैचों की वनडे सीरीज के साथ।

इंग्लैंड पर 3-0 की जीत के बाद गौतम गंभीर ने दुबई में पांच स्पिनरों को लेकर जाने की रणनीति बनाई। टीम में पांच स्पिनरों को शामिल करने पर कई दिग्गजों ने सवाल उठाए, लेकिन गंभीर को पता था कि वह टीम से क्या चाहते हैं।

बाद में चुना गया खिलाड़ी बना एक्‍स फैक्‍टर

चैंपियंस ट्रॉफी के लिए शुरुआती टीम में चुने गए बाएं हाथ के युवा बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल को बाहर कर मिस्ट्री स्पिनर वरुण चक्रवर्ती को टीम में जगह दी गई और बाद में वह एक्स फैक्टर साबित हुए। न्यूजीलैंड के विरुद्ध लीग मैच, ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध सेमीफाइनल और न्यूजीलैंड के विरुद्ध फाइनल में चार स्पिनर वरुण चक्रवर्ती, कुलदीप यादव, अक्षर पटेल और रवींद्र जडेजा व एक तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी के साथ उतरे।

दूसरे तेज गेंदबाज के रूप में नई गेंद हार्दिक पांड्या को सौंपी। गंभीर की यह रणनीति विरोधी टीमों के लिए सिरदर्द बन गई। चाहे अक्षर पटेल को प्रमोट करके पांचवें नंबर बल्लेबाजी कराना हो क्योंकि ये गंभीर ही हैं जिनको बाएं दाएं हाथ का संयोजन बहुत पसंद है।

राहुल की भूमिका बदली

केएल राहुल के चयन पर बहुत सवाल उठ रहे थे, लेकिन लखनऊ सुपर जायंट्स के अपने पुराने साथी को उन्होंने नई भूमिका दी। उन्हें छठे नंबर पर फिनिशर का रोल दिया जबकि वह एंकर के रोल के लिए जाने जाते हैं।

2023 विश्व कप के फाइनल में धीमी पारी खेलकर भारत की हार का कारण बने राहुल इस टूर्नामेंट में हीरो बनकर उभरे। उन्होंने इस टूर्नामेंट में फिनिशर के तौर पर लंबे लंबे छक्के मारे और फाइनल सहित कई मैचों में नाबाद रहकर टीम को जीत दिलाई।

गंभीर की तैयारी का रोहित को मिला फायदा

यही नहीं हार्दिक को सातवें नंबर का रोल दिया गया जिसे उन्होंने बखूबी निभाया। कप्तान रोहित शर्मा ने मैदान के अंदर जिस तरह गेंदबाजों का सुंदर प्रयोग किया उसे बाहर बैठकर कोच गंभीर ने तैयार किया। जब भारतीय टीम न्यूजीलैंड से और ऑस्ट्रेलिया से टेस्ट सीरीज हारी तो उनकी सबसे ज्यादा आलोचना हुई।

ट्रोल हुए फिर भी जीता खिताब

भारतीय टीम का मुख्य प्रायोजक के रूप में ड्रीम इलेवन से करार है। अधिकतर बड़े खिलाड़ी फेंटेसी लीग का विज्ञापन करते है लेकिन जब गौतम ने फाइनल मुकाबले से पहले एक फेंटेसी लीग एप को लेकर पोस्ट किया तो उन्हें ट्रोल किया गया।

इसके बावजूद रविवार को जब दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में जब भारतीय टीम ट्रॉफी हाथ में उठाए थी तब गंभीर चुपचाप खड़े मुस्कुरा रहे थे। गंभीर का बतौर कोच यह पहला आईसीसी खिताब है।

                                                बतौर कोच गंभीर का प्रदर्शन

फॉर्मेट       मैच          जीत            हार ड्रॉ/टाई

टी20               12           10             2            0

टेस्‍ट               10            3             6            1

वनडे               11            8             2            1

सीरीज दर सीरीज प्रदर्शन

श्रीलंका से टी-20 सीरीज 3-0 से जीते

श्रीलंका से वनडे सीरीज 2-1 से हारे

न्यूजीलैंड से टेस्ट सीरीज में 3-0 से हार

ऑस्ट्रेलिया से टेस्ट सीरीज 4-1 से हारे

इंग्लैंड से टी-20 सीरीज 4-1 से जीते

इंग्लैंड से वनडे सीरीज 3-0 से जीती

चैंपियंस ट्रॉफी में पांचों मैच भारत जीता

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