इंग्लैंड दौरे से शुरू होगी गुरु गंभीर की 'कड़ी' चुनौती, अगले दो वर्षों में भारत को खेलने हैं 2 ICC इवेंट
नई दिल्ली : जुलाई में टी-20 विश्व कप जीत के साथ राहुल द्रविड़ के कार्यकाल का अंत होने के बाद बतौर कोच गौतम गंभीर को राष्ट्रीय टीम की कमान संभाले हुए आठ महीने हो चुके हैं। इस दौरान गंभीर ने सफलता के साथ-साथ कुछ दिल तोड़ने वाली हार भी देखी हैं। चैंपियंस ट्रॉफी की जीत ताजी हवा के झोंके की तरह आई है और 'गुरु गंभीर' को बड़ी तस्वीर का विश्लेषण करने का मौका मिलेगा क्योंकि अगले दो वर्षों में भारतीय क्रिकेट में बड़े बदलाव की उम्मीद है।
गंभीर के सामने कई चुनौतियां
गंभीर अब ऐसे दौर में पहुंचेंगे जहां उनके सामने तीन अलग-अलग चुनौतियां होंगी जिसकी शुरुआत इंग्लैंड के टेस्ट दौरे से होगी। यह आईपीएल के बाद होगा, जिसकी तैयारी के लिए बिल्कुल भी समय नहीं होगा। गंभीर की दूसरी बड़ी चुनौती भारत और श्रीलंका में 2026 में होने वाला टी-20 विश्व कप होगा, जहां टीम खिताब बचाने उतरेगी। और अंतिम लेकिन सबसे बड़ी चुनौती दक्षिण अफ्रीका में होने वाला 2027 का वनडे विश्व कप होगा।
2 फॉर्मेट में काम करने की जरूरत
अगर गंभीर की कोचिंग को अलग-अलग प्रारूप में देखा जाए तो उन्होंने सूर्या की अगुआई में टी-20 टीम के लिए कोर खिलाड़ियों के समूह को तैयार कर लिया है। गंभीर ने अभिषेक शर्मा के रूप में एक प्रभावशाली खिलाड़ी की खोज की है। जब वरुण चक्रवर्ती और जसप्रीत बुमराह टी-20 विश्व कप में गेंदबाजी करेंगे तो ये आठ ओवर बल्लेबाजों के लिए बुरे सपने की तरह होंगे।
अर्शदीप सिंह के रूप में पावरप्ले में विकेट लेने वाला एक बेहतरीन गेंदबाज है और हार्दिक पंड्या, नीतीश कुमार रेड्डी और शिवम दुबे के रूप में कम से कम तीन तेज गेंदबाजी ऑलराउंडर हैं। लेकिन यह अन्य दो प्रारूप हैं जहां गंभीर को नतीजों के लिए रणनीतिकार, अनुशासित करने वाले और प्रबंधक के रूप में एक साथ काम करना होगा।
अभी संन्यास नहीं लेंगे रोहित
रोहित और विराट ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वे जल्द ही वनडे से संन्यास नहीं ले रहे हैं। 2027 विश्व कप के दौरान गंभीर के पास चार विशेषज्ञ स्पिनरों का उपयोग करने और 240-250 के स्कोर के साथ जादू पैदा करने का विकल्प नहीं होगा। बड़े स्कोर बनेंगे और सवाल यह है कि क्या रोहित अपनी छोटी और आक्रामक पारियों से कोहली के साथ मिलकर योगदान दे पाएंगे।
कोहली अब एक छोर संभालने वाले बल्लेबाज की भूमिका में होंगे। रोहित ने कहा है कि वह संन्यास नहीं लेंगे लेकिन 2027 विश्व कप में अपनी भागीदारी को लेकर भी अनिश्चित हैं। यहां गंभीर को आगे आना होगा और टीम को शीर्ष पर रखने की नीति नहीं बदलेगी। उनके मन में प्रदर्शन करने वालों के लिए बहुत सम्मान है जो वरिष्ठता से परे है।
अगला कप्तान कौन होगा
यह आश्चर्य की बात नहीं होगी अगर वह बोर्ड और चयन समिति दोनों से थोड़ी स्पष्टता की मांग करते हैं कि वे रोहित को वनडे विश्व कप की योजनाओं में कैसे देखते हैं। एक और मुद्दा जिस पर विचार किया जाएगा वह यह है कि अगला कप्तान कौन होगा? शुभमन गिल एक शानदार वनडे खिलाड़ी हैं और उपकप्तान की भूमिका निभा चुके हैं लेकिन हार्दिक भी एक अच्छे नेतृत्वकर्ता हैं।
टेस्ट टीम पर ध्यान देना होगा
निकट भविष्य में गंभीर को टेस्ट टीम पर भी ध्यान देना होगा जहां उन्हें सबसे ज्यादा चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। अगर रोहित खेलते हैं और यशस्वी व केएल राहुल शीर्ष तीन में हैं तो टेस्ट क्रिकेटर के रूप में गिल का क्या होगा? क्या वह बुमराह, शमी और सिराज तीनों को इंग्लैंड के विरुद्ध सीरीज के लिए सर्वश्रेष्ठ फार्म में ला पाएंगे, जहां स्विंग और सीम गेंदबाजों को मदद मिलेगी।
मध्यक्रम के उस एक स्थान का क्या होगा जो पिछले कुछ समय से भारत की कमजोरी बना हुआ है। क्या करुण नायर वहां फिट होंगे या श्रेयस अय्यर को टेस्ट टीम में अपनी जगह फिर से वापस मिलेगी। 'गुरु गंभीर' के पास कुछ कठिन विकल्प हैं, लेकिन वह कभी भी साहसिक निर्णय लेने से नहीं डरते।