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कौन है मिजोरम की वो वंडर किड, जिसको अमित शाह ने गिफ्ट किया गिटार? जमकर की प्रशंसा

नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह तीन दिनों के पूर्वोत्तर की यात्रा पर हैं। अपनी इस यात्रा के दौरान शनिवार को गृहमंत्री अमित शाह मिजोरम पहुंचे। यहां पर उन्होंने कई कार्यक्रमों में हिस्सा लिया। शनिवार को उन्होंने सात वर्षीय प्रतिभाशाली लड़की एस्तेर लालदुहावमी हंमटे को एक गिटार उपहार दिया। छात्रा को आइजोल में वंदे मातरम् का भावपूर्ण प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया।

केंद्रीय गृहमंत्री शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि भारत के प्रति प्रेम हम सभी को एक करता है। मिजोरम की अद्भुत बच्ची एस्तेर लालदुहावमी हनामते को आज आइजोल में वंदे मातरम गाते हुए सुनकर मैं बहुत प्रभावित हुआ। सात वर्षीय बच्ची का भारत माता के प्रति प्रेम उसके गीत में झलक रहा था, जिससे उसे सुनना एक अद्भुत अनुभव बन गया।

कौन है एस्थर लालदुहावमी हनामते?

बता दें कि मिजोरम की युवा गायिका एस्तेर लालदुहावमी हंमटे साल 2020 में सुर्खियों में आई थीं। उस समय उनके मां तुझे सलाम गाने का वीडियो काफी वायरल हुआ था। उनकी आवाज और देश भक्ति के जज्बे ने उनको एक अलग पहचान दिलाई।

एस्तेर लालदुहावमी हंमटे को मिजोरम सरकार से कई पुरस्कार मिल चुके हैं। एस्तेर लालदुहावमी हंमटे को राज्यपाल की ओर से विशेष प्रशंसा भी मिली है। बता दें कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित 14 मार्च से तीन दिनों के मिजोरम और असम के दौरे पर हैं।

शनिवार को मिजोरम में रहे गृहमंत्री

इस कड़ी में शनिवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह मिजोरम पहुंचे। यहां पर उन्होंने असम राइफल्स की जमीन मिजोरम सरकार को हस्तांतरित किए जाने के भूमि हस्तांतरण समारोह में भाग लिया। इसी कार्यक्रम में अमित शाह ने असम राइफल्स की खूब प्रशंसा की।

जानिए क्या बोले शाह?

इसके अलावा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अमित शाह ने लिखा कि असम राइफल्स ने भाईचारे के माध्यम से सुरक्षा के मार्गदर्शक सिद्धांत के माध्यम से मिजोरम के लोगों की सेवा की है। आज, बल ने लोगों के लाभ के लिए अपनी जमीन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा राज्य सरकार को सौंपकर लोगों के प्रति प्रतिबद्धता का एक अनुकरणीय मानक स्थापित किया है

मिजोरम में सभा को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि असम राइफल्स मुख्यालय को मध्य आइजोल से ज़ोखावसांग में स्थानांतरित करना, मिज़ोरम के विकास के लिए भारत सरकार की प्रतिबद्धता में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।

उन्होंने कहा कि यह कदम केवल एक प्रशासनिक निर्णय नहीं है, बल्कि मिजो लोगों के प्रति सरकार की जिम्मेदारी का प्रतीक है। राज्य की अनूठी स्थलाकृति के कारण, मिजो लोग 35 वर्षों से अधिक समय से पुनर्वास की मांग कर रहे हैं।

मिजोरम के प्रति भारत सरकार की बड़ी जिम्मेदारी

अमित शाह ने कहा कि 30-35 वर्षों से चली आ रही यह मांग अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक महत्वपूर्ण निर्णय के कारण पूरी होने जा रही है। यह केवल एक प्रशासनिक निर्णय नहीं है, बल्कि मिजो लोगों के प्रति भारत सरकार की जिम्मेदारी का प्रतीक है।

इसके साथ ही केंद्रीय गृहमंत्री शाह ने इस बात पर भी जोर दिया कि किस प्रकार मोदी सरकार पिछले दस वर्षों में पर्यटन, प्रौद्योगिकी, कृषि और उद्यमिता सहित विभिन्न क्षेत्रों में पूर्वोत्तर में बदलाव ला रही है, ताकि क्षेत्र में विकास और एकता को बढ़ावा दिया जा सके।

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