रसोई गैस, पेट्रोल पर टैक्स कम करे सरकार, तो नहीं बिगड़ेगा किचन का बजट
ग्वालियर। मध्यप्रदेश का वित्तीय वर्ष 2025-26 का बजट 12 मार्च को विधानसभा में पेश किया जाएगा। यह चार लाख करोड़ रुपये से अधिक का रहेगा। इसमें फोकस प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्राथमिकता वाली चार जातियों गरीब, किसान, महिला एवं युवा पर रहेगा।
इस बजट से महिलाओं को भी काफी उम्मीदें हैं। उनका कहना है कि महंगाई के कारण हमारी रसोई का बजट बिगड़ता जा रहा है। पेट्रोल और गैस से यदि प्रदेश सरकार अपना टैक्स कम कर ले, तो हमारे बजट पर काफी असर पड़ेगा।
पेट्रोल-डीजल के रेट कम होने से सस्ती होंगी यात्राएं
गृहिणी हनी शर्मा ने कहा, मप्र सरकार पेट्रोल में 29 परसेंट वैट के साथ उपकर ले रही है। इसी प्रकार डीजल पर 19 प्रतिशत वैट के साथ उपकर लिया जा रहा है। यदि सरकार यह प्रतिशत कम कर दे तो पेट्रोल और डीजल के रेट कम हो जाएंगे। इससे यात्राएं सस्ती और सुगम हो जाएंगी।
जीएसटी सभी सेक्टर में एक समान दर में हो
उद्यमी मीतू अग्रवाल का कहना है कि इस नए बजट सत्र में सभी सेक्टर में जीएसटी का प्रावधान एक समान दर में होने का प्रावधान पारित होना चाहिए, जिससे बिल के आदान-प्रदान में व्यापारियों को जीएसटी पोर्टल पर एक समान जीएसटी रिबेट मिल सके। साथ ही साथ जीएसटी 18 परसेंट से घटाकर 12 परसेंट किया जाना चाहिए।
सरकार वैट कम कर ले तो ईधन सस्ता होगा
इसी तरह गृहिणी सुषमा चतुर्वेदी का कहना है कि अन्य राज्यों की अपेक्षा हमारे प्रदेश में पेट्रोल-डीजल के रेट अधिक हैं। यदि सरकार वैट कम कर ले, तो ईधन सस्ता होगा और जब ईधन सस्ता होगा तो हमारे किचन का बजट भी नहीं बिगड़ेगा। क्योंकि खाने-पीने के आयटम्स भी सस्ते हो जाएंगे।
टैक्स कम हो तो सस्ती होगी रसोई गैस
संगीता पांडे (गृहिणी) का मानना है कि रसोई गैस पर प्रदेश सरकार की ओर से टैक्स अधिक है। यही कारण है कि हमारे पड़ोसी राज्य उत्तरप्रदेश में गैस के रेट कम है। यदि मप्र सरकार टैक्स कम कर ले तो प्रदेश में भी गैस सस्ती होगी और हमारा बजट नहीं बिगड़ेगा।