बिलासपुर, 2024: आधुनिकता के साथ आगे बढ़ने से सबसे अधिक नुकसान यदि किसी को पहुँचा है, तो पर्यावरण को। यदि इसके समाधान पर विचार किया जाए, तो बच्चों में पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने से न सिर्फ नई पीढ़ी हरित भविष्य की संरक्षक बनकर खड़ी होगी, बल्कि पर्यावावैं भी तेज गति से बेहतर हो सकेगा। इसे समझते हुए ओटिस इंडिया ने 'मेड टू मूव कम्युनिटीज़' ग्लोबल चैलेंज में छत्तीसगढ़ के बिलासपुर स्थित भारत माता हायर सेकेंडरी स्कूल के आठ छात्रों को सम्मानित किया। इन छात्रों ने 'गो-ग्रीन' नामक प्रोजेक्ट के तहत पर्यावरण के अनुकूल यातायात समाधान प्रस्तुत किया।
ओटिस इंडिया के विशेषज्ञ मेंटर्स की मदद से, छात्रों ने हरे-भरे क्षेत्रों को बढ़ावा देने और स्वस्थ जीवनशैली को प्रोत्साहित करने का प्रयास किया। इस प्रोजेक्ट में विज्ञान, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और गणित (एसटीईएम) का उपयोग किया गया।
ओटिस इंडिया के प्रेसिडेंट श्री सेबी जोसेफ ने छात्रों की सराहना करते हुए कहा, "हम इन प्रतिभाशाली छात्रों की मेहनत और सामाजिक भलाई के प्रति उनके जुनून का सम्मान करते हैं। इनका समाधान न केवल हरित क्षेत्रों की पहुँच को बढ़ाता है, बल्कि नवाचार की शक्ति से बेहतर भविष्य का निर्माण भी करता है।"
ओटिस ने अगले साल के 'मेड टू मूव कम्युनिटीज़' चैलेंज की भी घोषणा की, जिसका विषय है 'एआई का उपयोग कर शहरी यातायात समाधान विकसित करना'। इस प्रतियोगिता का उद्देश्य शहरी यातायात समस्याओं का समाधान खोजना और छात्रों में एसटीईएम शिक्षा के प्रति रुचि बढ़ाना है।
वर्ष 2020 से अब तक, इस प्रतियोगिता ने 750 छात्रों और ओटिस के सैकड़ों कर्मचारियों को जोड़ा है। भाग लेने वाले स्कूलों को लगभग 1 मिलियन अमेरिकी डॉलर का अनुदान मिला है, ताकि वे अपने एसटीईएम प्रोग्राम्स को आगे बढ़ा सकें। इस साल, पहली बार सभी क्षेत्रीय विजेता टीमें फाइनल राउंड में मुकाबला करेंगी, और एक ग्लोबल चैम्पियन टीम चुनी जाएगी।