छत्तीसगढ़ इतिहास

छत्तीसगढ़ के चैतुरगढ़ में बसा है सदियों पुराना देवी मां का मंदिर, जानें रहस्य

चैथुरगढ़ (लाफागढ़) कोरबा शहर से लगभग 70 किलोमीटर दूर स्थित है। यह पाली से 25 किलोमीटर उत्तर में है और पहाड़ी की चोटी पर 3060 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। इसका निर्माण राजा पृथ्वीदेव प्रथम ने करवाया था। पुरातत्वविद इसे सबसे मजबूत प्राकृतिक किलों में से एक मानते हैं। चूँकि यह मजबूत प्राकृतिक दीवारों से सुरक्षित है, इसलिए केवल कुछ जगहों पर दीवारें बनाई गई हैं। किले के तीन मुख्य प्रवेश द्वार हैं जिन्हें मेनका, हुमकारा और सिंहद्वार नाम दिया गया है।

पहाड़ी की चोटी पर 5 वर्ग किलोमीटर का एक मैदानी क्षेत्र है, जहाँ पाँच तालाब हैं। जिनमें से तीन हमेशा पानी से भरे रहते हैं।यहाँ प्रसिद्ध महिषासुर मर्दिनी मंदिर स्थित है। गर्भगृह में महिषासुर मर्दिनी की 12 भुजाओं वाली मूर्ति स्थापित है। मंदिर से 3 किलोमीटर दूर शंकर गुफा स्थित है। सुरंगनुमा यह गुफा 25 फीट लंबी है। गुफा का व्यास बहुत छोटा होने के कारण इसमें रेंगकर ही प्रवेश किया जा सकता है।

चैथुरगढ़ की पहाड़ियाँ अपनी प्राकृतिक सुंदरता और रोमांचकारी अनुभवों के लिए प्रसिद्ध हैं। यहाँ कई प्रकार के जंगली जानवर और पक्षी पाए जाते हैं। SECL ने यहाँ पर्यटकों के लिए एक विश्राम गृह का निर्माण किया है। मंदिर ट्रस्ट ने पर्यटकों के लिए कुछ कमरे भी बनाए हैं।नवरात्रि के दौरान यहाँ विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। 

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