संस्कृति

नवरात्र में कब किया जाएगा सरस्वती आवाहन, जानिए तिथि और इस दिन का महत्व

नई दिल्ली। नवरात्र की (Navratri Puja 2024) अवधि के दौरान की जाने वाली सरस्वती पूजा के पहले दिन को सरस्वती आवाहन कहा जाता है। जैसा कि नाम से ही स्पष्ट होता है, इस दिन देवी सरस्वती का आह्वान किया जाता है। यह दिन देवी सरस्वती की कृपा प्राप्ति के लिए उत्तम माना गया है। ऐसे में आइए जानते हैं नवरात्र पूजा के दौरान की जाने वाली सरस्वती आवाहन की तिथि और महत्व।

सरस्वती आवाहन शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार मूल नक्षत्र का प्रारम्भ 09 अक्टूबर को प्रातः 04 बजकर 08 मिनट से हो रहा है। वहीं, इसका समापन 10 अक्टूबर प्रातः 05 बजकर 15 पर होगा। ऐसे में सरस्वती आवाहन का बुधवार, 09 अक्टूबर को किया जाएगा। इस दौरान पूजा का शुभ मुहूर्त कुछ इस प्रकार रहने वाला है -

मूल नक्षत्र आवाहन मुहूर्त - सुबह 10 बजकर 25 मिनट से संध्या 04 बजकर 42 मिनट तक

सरस्वती आवाहन का महत्व

हिंदू मान्यताओं के अनुसार, देवी सरस्वती को ज्ञान, विद्या, वाणी की देवी और वेदों की जननी कहा जाता है। साथ ही इन्हें साहित्य, कला और स्वर की देवी भी माना जाता है। ऐसे में यदि पूरी निष्ठा के साथ मां सरस्वती की आराधना की जाए, तो इससे व्यक्ति के ज्ञान और बुद्धि के स्तर में वृद्धि हो सकती है।

कई स्थानों पर नवरात्र के दौरान सरस्वती जी की पूजा 1, 3 या 4 दिन के लिए की किए जाने का विधान है। जिसमें से चार दिवसीय सरस्वती पूजा नक्षत्रों पर आधारित होती है। जिसमें मूल में सरस्वती आह्वान, पूर्वा आषाढ़ में सरस्वती पूजा, उत्तरा आषाढ़ में सरस्वती बलिदान और श्रवण नक्षत्र में सरस्वती विसर्जन किया जाता है।

ऐसे करें पूजन (Saraswati Puja 2024)

सरस्वती आवाहन (Saraswati Avahan 2024) के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें। इसके बाद पहले पूजा स्थल की सफाई कर गंगाजल का छिड़काव करें। अब एक चौकी बिछाकर उसपर सरस्वती माता की प्रतिमा अथवा तस्वीर स्थापित करें। शुभ मुहूर्त में मां सरस्वती की पूजा आरंभ करते हुए उनके समक्ष धूप-दीप, अगरबत्ती और गुगुल जलाएं। पूजा के दौरान माता को फूल-फल आदि अर्पित करें। मां सरस्वती को सफेद रंग की मिठाई का भोग लगाएं। पूजा के दौरान मां सरस्वती के मंत्रों का जाप करें और अंत में आरती करें। इसके बाद सभी लोगों में प्रसाद बांटें।

अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।


 

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