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रामलला के दर्शन के पहले बढ़ेगी सहूलियत, पैर धोने से लेकर जूतों के रैक तक होंगे तैयार, मंदिर समिति का प्लान

राम मंदिर निर्माण समिति की 3 दिवसीय बैठक में यात्रियों की सुविधाएं बढ़ाने के बारे में महत्वपूर्ण निर्णय किए गए। बैठक की जानकारी मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने दी। उन्होंने बताया कि रामलला का दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं को बिना जूता और चप्पल पहने ही लंबी दूरी तय करनी पड़ती है। इसे कम करने का निर्णय किया गया है। दर्शन करने के बाद मंदिर से सुग्रीव किला तक एग्जिट मार्ग अस्थायी है। इसे स्थाई तौर पर विकसित किया जाएगा। बैठक में एग्जिट मार्ग पर कैनोपी लगाने का भी निर्णय किया गया है। उन्होंने बताया कि मंदिर के जूते की रैक बनेगी। इसके लिए कमरे का निर्माण करवाया जाएगा। इसके बाद श्रद्धालुओं को बहुत कम दूरी नंगे पैर चल चलनी पड़ेगी। नृपेंद्र मिश्रा ने बताया कि बैठक में एग्जिट मार्ग कैनोपी के डिजाइन पर भी अंतिम निर्णय लिया गया है। रामलला के दर्शन करने में श्रद्धालुओं को लगभग डेढ़ किलोमीटर नंगे पैर चलना पड़ता है। यह दूरी कम की जाएगी।राम मंदिर के निकट ही शोरूम बनेगा, जिसमें बनने वाले जूते की रैक की डिजाइन भी फाइनल कर दी गई है। ये सभी कार्य अगले 6 माह में पूरे हो जाएंगे। उन्होंने बताया कि श्रद्धालुओं दर्शन के पहले पैर धोने की इच्छा रखते हैं, इसके लिए फ्लोटिंग वाटर की भी व्यवस्था बनाई जाएगी।

मंदिर परिसर के सभी निर्माण कार्य जुलाई 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है। मिश्र ने बताया कि परिसर में बन रहे एक दर्जन मंदिरों में स्थापित की जाने वाली मूर्तियों का निर्माण भी अंतिम चरण में चल रहा है।

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